ये कैसी एम्बुलेंस, मरीज की जगह ढो रही घरेलू सामान
एलईडी, कूलर, वाइपर आदि सामान ढोया जा रहा है एंबुलेंस में
कोरोना संक्रमितों को समय पर नहीं मिल रही एंबुलेंस सेवा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल एंबुलेंस व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। यहां मरीजों को समय पर एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल पाती जबकि एंबुलेंस में अस्पताल की सामग्री ढोई जाती है। अस्पताल प्रशासन इससे अनजान बने हुए हैं। वहीं सरकारी अस्पताल के अधिकारियों का दावा है कि एंबुलेंस का उपयोग केवल मरीजों के लिए किया जाता है जबकि एंबुलेंस में घरेलू सामान ढोया जा रहा है।
शहर के निराला नगर से गुजर रही एक एंबुलेंस में स्ट्रेचर के साथ बड़ा एलईडी, छोटे साइज का कूलर, वाईपर जैसे घरेलू सामान ढोया जा रहा है। एंबुलेंस में सवार युवक से पूछने पर वह मुंह छिपाने लगा। इसके बाद मास्क लगाकर उसने इतना बताया कि यह सामान किसी अधिकारी के घर का है। इस सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया जा रहा है। युवक ने यह भी बताया कि सामान अपनी मर्जी से नहीं लाए बल्कि सीएमओ की परमिशन से ही इस सामान को ट्रांसफर किया जा रहा है। फोर पीएम संवाददाता ने जब एंबुलेंस सेवा के दुरुप्रयोग की जानकारी के लिए लखनऊ के सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल से संपर्क करने की कोशिश तो उन्होंने हमेशा की तरह फोन उठाना उचित नहीं समझा। सीएमओ को कई बार मैसेज के साथ एंबुलेंस की फोटो भी व्हाट्ïसएप पर भेजी गई मगर उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया। यह स्थिति तब है जब कोरोना संक्रमितों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है।
कोरोना मरीजों को नहीं मिल रही एंबुलेंस
जहां एक ओर एंबुलेंस में सामान ढोया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमितों को समय पर एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल पाता। इस कारण मरीजों को अपने निजी वाहन से आना-जाना पड़ता है। वाहन खर्च के पैसे नहीं होने से लोग मरीज को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लाते-ले जाते हैं। कोरोना जैसी बड़ी महामारी से शहरों में एंबुलेंस की कमी पड़ रही है और जिम्मेदार एंबुलेंस का उपयोग सामान ढोने में कर रह हैं।
आकस्मिक सेवा के लिए है एंबुलेंस सेवा
कोविड-19 को देखते हुए प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी किए थे कि कोरोना या अन्य ठीक हुए मरीजों को अब एंबुलेंस घर नहीं छोड़ेगी उन्हें खुद व्यवस्था करके अस्पताल से घर जाना होगा। कोविड-19 में एंबुलेंस के उपयोग से जहां आकस्मिक चिकित्सा व गंभीर रोगियों को समय से अस्पताल पहुंचाने में बाधा आ रही थी। इसके चलते नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक विजय विश्वास पंत ने सभी सीएमओ को पत्र भेजा था कि एंबुलेंस का इस्तेमाल सही जगह किया जाए। इसका पूर्ण ध्यान रखा जाए।