क्या चुनाव के बीच प्रज्वल रेवन्ना को बचा रही मोदी सरकार! ये है BJP का नया गेम 

देश में एक ओर लोकसभा चुनावों को लेकर सियासत गरमाई हुई है और पूरे देश में चुनावों की ही चर्चा चल रही है.. क्योंकि अब ये लोकसभा चुनाव अपने संपूर्णता की ओर हैं..

4PM न्यूज़ नेटवर्क: देश में एक ओर लोकसभा चुनावों को लेकर सियासत गरमाई हुई है और पूरे देश में चुनावों की ही चर्चा चल रही है.. क्योंकि अब ये लोकसभा चुनाव अपने संपूर्णता की ओर हैं.. सात चरणों में होने वाले चुनावों के पांच चरणों का मतदान हो चुका है और सिर्फ दो चरण ही और बाकी रह गए हैं.. जो कि 25 मई और एक जून को मतदान के साथ पूरे हो जाएंगे.. ऐसे में देश में सियासत हावी बनी हुई है.. लेकिन दूसरी ओर दक्षिण का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के सेक्स स्कैंडल और अश्लील वीडियो मामले को लेकर माहौल गरमाया हुआ है..

इस मुद्दे को लेकर सियासत और राजनीतिक बयानवाजी दोनों ही लगातार जारी हैं.. कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार इस मामले को लेकर काफी गंभीर है क्योंकि ये बड़ा मामला है.. साथ ही मामले की एसआईटी जांच भी कराई जा रही है और आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.. कर्नाटक सरकार इस मामले में तेज कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार से भी लगातार मदद की गुहार कर रही है.. लेकिन फिलहाल तो ये प्रयास एकतरफा ही बना हुआ है.. क्योंकि प्रदेश सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है.. जबकि केंद्र की ओर से सिर्फ आश्वासन ही अभी तक मिल रहा है..

दरअसल, पूरे सेक्स स्कैंडल के सामने आने के बाद से आरोपों में फंसे जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना भारत से गायब से ही चल रहे हैं.. जिस दिन आरोप सामने आए प्रज्वल वैसे ही विदेश निकल लिए.. वैसे तो उनकी लोकेशन की कोई कन्फर्म जानकारी भी नहीं है.. लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि प्रज्वल रेवन्ना भारत से भागकर जर्मनी में छिपे हुए हैं.. उनके परिवार और पार्टी की ओर से भी उन्हें भारत वापस आने को कहा जा रहा है, लेकिन फिलहाल प्रज्वल रेवन्ना भारत से बाहर ही हैं..

प्रज्वल रेवन्ना को भारत बुलाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और केंद्र की मोदी सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय और यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखे जा रहे हैं.. कर्नाटक सरकार द्वारा लगातार ही केंद्र की मोदी सरकार से आरोपी प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की जा रही है.. इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है..

अब एक बार फिर प्रज्वल रेवन्ना के मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.. अपने पत्र में सीएम सिद्धारमैया ने पीएम मोदी से जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया.. इसके साथ उन्होंने प्रज्ज्वल रेवन्ना को भारत वापस लाने और उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की भी मांग की.. अपने पत्र में सीएम सिद्धारमैया ने लिखा कि शर्मनाक है कि प्रज्ज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल को अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी निकल गए.. वो भी अपने घिनौनी कृत्यों की खबरें सामने आने के बाद.. इसके कुछ ही घंटों बाद उन पर एफआईआर भी हुई थी..

सिद्धारमैया ने पीएम को लिखे अपने पत्र में आगे लिखा कि मैं आपको एक बार फिर प्रज्वल रेवन्ना से संबंधित घटनाओं की गंभीर शृंखला की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं.. आरोप प्रज्वल रेवन्ना पर लगा है.. इन घटनाओं ने न केवल कर्नाटक राज्य के लोगों की अंतरात्मा को झकझोर दिया है, बल्कि देशव्यापी चिंता भी पैदा कर दी है..

यह शर्मनाक है कि हासन निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य प्रज्वल रेवन्ना जो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं.. वो 27 अप्रैल 2024 को देश भारत से भाग गए.. अपने जघन्य कृत्यों की खबर सामने आने के तुरंत बाद और अपने खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज होने से कुछ घंटे पहले अपने राजनयिक पासपोर्ट संख्या 11135500 का उपयोग करके प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी चले गए.. पत्र में सीएम ने आगे लिखा कि प्रज्वल रेवन्ना ने देश से भागने और आपराधिक कार्यवाही से बचने के लिए अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया है..

सिद्धारमैया ने चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि लुक आउट सर्कुलर, ब्लू कॉर्नर नोटिस और जांच अधिकारी द्वारा दो नोटिस जारी होने के बावजूद, प्रज्वल रेवन्ना आज तक छिपने में कामयाब रहे हैं.. इसलिए उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कराया जाए.. ताकि उनको विदेश में रहने में दिक्कतों का सामना करना पड़े और वो भारत वापस आ सकें..

वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जेडीएस नेता एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा लगाए गए फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने अब तक के अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी ऐसा गंदा काम नहीं किया है और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे.. सिद्धारमैया ने पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर आरोप लगाया कि वह अपने भतीजे एवं सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के मामलों से ध्यान भटकाने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं..

सिद्धरमैया ने कुमारस्वामी के आरोपों को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में चाहे पहले या अब मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने कभी भी फोन टैपिंग जैसा गंदा काम नहीं किया है.. सीएम ने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना मामले से ध्यान भटकाने के लिए कुमारस्वामी ऐसी बातें कह रहे हैं.. वह झूठ बोल रहे हैं.. कुमारस्वामी ने आरोप लगाया था कि उनके और उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों सहित 40 फोन टैप किए जा रहे हैं.. हालांकि, इन आरोपों को उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और गृह मंत्री जी परमेश्वर द्वारा पहले ही खारिज किया जा चुका है.. अब सीएम सिद्धारमैया ने भी इन्हें सिरे से खारिज कर दिया है..

जाहिर है कि कर्नाटक सरकार द्वारा इससे पहले कई बार राजनयिक पासपोर्ट रद्द की मांग केंद्र की मोदी सरकार से की जा चुकी है.. और इसके लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखे जा चुके हैं.. सीएम सिद्धारमैया के पत्र से अभी एक दिन पहले ही कर्नाटक सरकार के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने अश्लील वीडियो मामले में केंद्र सरकार से प्रज्ज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी..

गृह मंत्री जी परमेश्वर द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया था.. तब केंद्र की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर जी परमेश्वर ने कहा था कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि तय कानून के तहत मदद करे और राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करे.. हालांकि, प्रदेश सरकार द्वारा लगातार राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश करने के बावजूद अब तक प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द नहीं हुआ है.. यही कारण है कि प्रज्वल रेवन्ना अभी भी भारत से बाहर ही हैं और भारत नहीं लौट रहे हैं..

हालांकि, खुद सीएम सिद्धारमैया के पीएम को पत्र लिखने और प्रदेश सरकार द्वारा लगातार केंद्र से पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश करने के बाद अब सूत्र के हवाले ये जानकारी सामने आ रही है कि विदेश मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार की चिट्ठी का जवाब दिया.. जिसमें मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है..वहीं इससे पहले विदेश मंत्रालय द्वारा ये कहा गया था कि प्रज्वल रेवन्ना ने विदेश मंत्रालय से मंजूरी लिए बिना राजनयिक पासपोर्ट पर यात्रा की.. नियमों के मुताबिक, निजी यात्रा के लिए भी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए छूट लेने की जरूरत होती है.. 2 मई को साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से कोई राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी गई थी या जारी नहीं की गई थी..

जाहिर है कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था.. यहां ये भी बता दें कि राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी की यात्रा के लिए वीजा की जरूरत होती है.. मंत्रालय ने किसी अन्य देश के लिए वीजा नोट जारी नहीं किया है.. वहीं उस दौरान पासपोर्ट दोबारा बुक करने के सवाल पर रणधीर जयसवाल ने कहा था कि उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है.. जहां तक किसी व्यक्ति के पासपोर्ट के संभावित निरस्तीकरण का संबंध है, मैं आपको पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रासंगिक प्रावधानों के बारे में बताऊंगा.. हमें इस संबंध में किसी भी अदालत से कोई निर्देश नहीं मिला है..

बता दें कि कर्नाटक में प्रज्ज्वल रेवन्ना का मामला काफी विवादों में है.. रेवन्ना मामले की जांच के लिए कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.. प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है.. जाहिर है कि कर्नाटक के बहुचर्चित पेन ड्राइव / अश्लील वीडियो मामले में जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना का नाम जुड़ा है.. 33 साल के प्रज्ज्वल पर महिलाओं के यौन शोषण करने के कई मामले दर्ज हैं.. साथ ही लगभग 3 हजार महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने का भी आरोप प्रज्वल रेवन्ना पर है.. जो वीडियो एक पेनड्राइव में हैं.. इस पूरे मामले ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जेडीएस के बीच राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है.. जिसको लेकर सियासत भी खूब हुई है.. बता दें कि प्रज्ज्वल कर्नाटक के हासन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां 26 अप्रैल को मतदान हुआ था.. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जैसे ही सांसद से जुड़े वीडियो सामने आने लगे, वह वोटिंग खत्म होने के बाद वह 27 अप्रैल को देश छोड़कर जर्मनी भाग गए..

साफ है कि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार पासपोर्ट को रद्द करने की सिफारिश की जा रही है.. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अब तक कोई एक्शन इस मामले पर उस तरह से नहीं लिया गया है.. सूबे की सरकार के द्वारा की गई यह गुजारिश और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा पीएम मोदी को लिखा गया पत्र प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई में बढ़ोतरी का एक प्रतीक है.. फिलहाल देखना ये है कि अब केंद्र सरकार इस मामले में कोई एक्शन लेती है या नहीं और प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द किया जाता है या नहीं..

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