बांग्लादेश के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों ने दिखाई केंद्र सरकार के साथ एकजुटता, बीएसएफ जवानों की छुट्टियां रद्द

नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हुई उथल पुथल के बीच मोदी सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुला कर सभी दलों को बताया कि सरकार क्या एहतियाती उपाय कर रही है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक में मौजूद राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश के हालात और भारत पर उससे पडऩे वाले असर को देखते हुए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नेताओं को बताया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर आईं शेख हसीना भारत में हैं। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री ने आगे भी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर भरोसे में लेते रहने का और अन्य जानकारियों से अवगत कराने का आश्वासन दिया है। विदेश मंत्री ने सहयोग और समर्थन के लिए राजनीतिक दलों का शुक्रिया भी अदा किया।
बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, टीएमसी, जनता दल युनाइटेड, एनसीपी, आरजेडी समेत विभिन्न दलों के नेताओं की मौजूदगी थी। सरकार की ओर से विदेश मंत्री के अलावा बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा मौजूद थे। बैठक के बाद राहुल गांधी समेत विभिन्न नेताओं ने कहा कि वह बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत सरकार के साथ खड़े हैं। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को सही रणनीति बनाने की जरूरत है। बताया जा रहा है कि बैठक में राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल भी पूछा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ कहीं उसके पीछे कोई विदेशी हाथ तो नहीं है। सोमवार शाम को भी राहुल गांधी ने लोकसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पास जाकर उनसे बांग्लादेश के मुद्दे पर बातचीत की थी।
हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी। उस बैठक में सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। मोदी के साथ बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल थे। शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें पड़ोसी देश के हालात के बारे में जानकारी दी।
इस बीच, भारत ने बांग्लादेश से लगती सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी सभी यूनिट के लिए ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के कार्यवाहक महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडर ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल के अग्रिम मोर्चे का दौरा भी किया। बताया जा रहा है कि बीएसएफ ने अपने सभी ‘फील्ड कमांडर’ को निर्देश दिया है कि वह सभी कर्मियों को सीमा पर ड्यूटी पर तुरंत तैनात करें। बताया जा रहा है कि बीएसएफ प्रमुख के अगले कुछ दिनों तक इस क्षेत्र में रहने की उम्मीद है।
इस बीच, दिल्ली स्थित बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश सीमा पर स्थिति अभी सामान्य है। उन्होंने कहा, ‘‘जवान हालिया घटनाक्रम से अवगत और सतर्क हैं तथा किसी भी अप्रत्याशित हालात से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में व्यापक स्तर पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले कुछ हफ्तों के दौरान इस पड़ोसी देश से लगी सीमा पर तैनात सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं और अब सभी यूनिट को ‘पूरी तरह सतर्क रहने’ के लिए कहा गया है। दूसरी ओर, पूर्वी कमान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बल उभरती स्थिति के मद्देनजर अवैध रूप से सीमा पार करने और सीमा पारीय अपराधों में वृद्धि को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ बांग्लादेश सीमा रक्षक (बीजीबी) के अपने समकक्षों के संपर्क में हैं। बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि इस सीमा पर स्थित सभी सीमावर्ती स्टेशन (एलसीएस) और एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) अलर्ट पर हैं और नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
हम आपको बता दें कि बीएसएफ अपनी 87 बटालियन के साथ देश की पूर्वी सीमा पर भारतीय सरहद की रक्षा करता है। देश की पूर्वी सीमा को पांच राज्य साझा करते हैं। पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश के साथ कुल 2,217 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, इसके अलावा त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), असम (262 किमी) और मिजोरम (318 किमी) सीमा साझा करते हैं।

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