वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के विरोध में उतरे अखिलेश समेत कई पार्टियों के नेता, जानिए रुख

वक्फ बोर्ड कानून को लेकर संशोधन का कई विपक्षी पार्टियों ने खुलकर विरोध किया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने वक्फ बोर्ड संशोधक बिल...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: वक्फ बोर्ड कानून को लेकर संशोधन का कई विपक्षी पार्टियों ने खुलकर विरोध किया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने वक्फ बोर्ड संशोधक बिल को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला किया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा इस वक्फ बोर्ड संशोधन के बहाने जमीन को हथियाना चाहती है। इसके साथ ही अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा एक रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। इस दौरान उन्होंने नजूल संपत्ति और अन्य जमीनों को लेकर भी तीखा हमला बोला है।

अखिलेश ने वक्फ बोर्ड संशोधक बिल को लेकर केंद्र सरकार पर बोला हमला

अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्स पोस्ट में लिखा कि ‘वक्फ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नज़ूल लैंड की तरह जमीन बेचना निशाना है। वक्फ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नज़ूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती:‘भाजपाई-हित में जारी’

सपा मुखिया ने कहा कि इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें बेची नहीं जाएंगी। भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर जमीन लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए। वहीं शरद पवार गुट की एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का विरोध करेगी। विधेयक को अधिक सिफारिशों के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए या एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए।

RJD सांसद मीसा भारती ने भी किया विरोध

बताया जा रहा है कि कांग्रेस वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करने की तैयारी में है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरूवार (8 अगस्त) को सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले, कांग्रेस सांसदों की बैठक बुलाई जिसमें कई विषयों के साथ ही वक्फ विधेयक को लेकर भी चर्चा की। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और हिबी ईडन ने लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस दिया।

महत्वपूर्ण बिंदु

 

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