जेएनयू के बाद अब जामिया पहुंची पीएम मोदी की डॉक्यूमेंट्री की आग

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर देश में विरोध और बवाल लगातार जारी है। जेएनयू के बाद अब दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी पीएम मोदी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल हो गया है। यूनिवर्सिटी गेट पर प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को दिल्‍ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के बाद छात्र विरोध कर रहे थे जिन्‍हें दिल्‍ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी कि एसएफआई द्वारा आज शाम 6 बजे डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग का ऐलान करने के बाद दिल्‍ली पुलिस ने 4 छात्रों को हिरासत में ले लिया था। एसएफआई ने इन छात्रों के साथ बदसलूकी और सिक्‍योरिटी द्वारा मोबाइल छीने जाने का भी आरोप लगाया है। जामिया में आज शाम 6 बजे डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग की जाने वाली है।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया माहौल खराब करने का प्रयास

जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जामिया की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से परहेज करने के लिए कहा था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक नोटिस में कहा कि बिना अनुमति के परिसर में छात्रों की बैठक या किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। निहित स्वार्थ वाले लोगों/संगठनों को शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को खराब करने से रोकने के लिए विश्वविद्यालय सभी उपाय कर रहा है। ऐसा करने पर आयोजकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

जेएनयू में भी हो चुका है बवाल

जामिया से पहले डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भी हंगामा हुआ था। जेएनयू के कुछ छात्रों ने मंगलवार रात 9 बजे इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का एलान किया था। हालांकि, स्क्रीनिंग से पहले छात्रसंघ के कार्यालय की बत्ती गुल हो गई थी। छात्रों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने बिजली और इंटरनेट काटा था। बाद में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि जब वे अपने मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब उन पर हमला किया गया। कुछ ने आरोप लगाया कि हमलावर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य थे।

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