हार के बाद बसपा में गाज गिरना शुरू

मेरठ मंडल के प्रभारी निष्कासित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी नगर निकाय चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन 2017 चुनाव से भी गया गुजरा रहा है। मेरठ मंडल के प्रभारी प्रशांत गौतम को बसपा से निष्कासित कर दिया गया है। उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही कुछ और नेताओं पर गाज गिर सकती है। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में करारी हार के बाद ऐक्शन शुरू हो गया है।
मेरठ मंडल के प्रभारी रहे प्रशांत गौतम को पार्टी से निकाल दिया गया है। उधर, प्रशांत ने पार्टी के बड़े नेताओं पर आरोप लगाए हैं और बसपा प्रमुख मायावती को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हार के लिए जिम्मेदार कुछ और पदाधिकारियों पर भी जल्द ऐक्शन हो सकता है। नगर निकाय चुनाव में बसपा का प्रदर्शन 2017 से भी खराब रहा है। हालांकि, मायावती 18 मई को इसकी समीक्षा करेंगी, लेकिन इससे पहले पार्टी के पदाधिकारी इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। मेरठ मंडल के प्रभारी रहे प्रशांत गौतम को तीन दिन पहले पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्होंने 15 मई को मायावती को पत्र लिखकर कहा कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री और सपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष हर जिले में चुनाव प्रचार करते रहे, जबकि आपकी (मायावती) ओर से कोई चुनावी बयान आया न कोई रैली की गई। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। ऐसे लोगों के हाथ में पार्टी की कमान है, जिनका खुद का कोई जनाधार नहीं है। ऐसी परिस्थिति में पार्टी में काम करना संभव नहीं है। सभी पदों से मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए। इसके बाद बसपा के जिलाध्यक्ष मोहित आनंद ने पत्र जारी कर प्रशांत को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्होंने लिखा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों की छानबीन के बाद यह कार्रवाई की गई है।

गठबंधन की समीक्षा करेगा रालोद, जयंत ने बुलाई बैठक

लखनऊ। नगर निकाय चुनाव में सपा रालोद मिलकर लड़े थे। इसका कितना नफा, कितना नुकसान हुआ इसका रालोद मंथन कर रहा है। रालोद महापौर पद पर चुनाव नहीं लड़ा था और नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनावी रण में ही उसके उम्मदीवार खड़े हुए थे। सपा रालोद का गठबंधन विधानसभा चुनाव 2022 में हुआ था जो इस बार के नगर निकाय चुनाव में भी रहा। शुरुआत में टिकट वितरण को लेकर कई सीटों पर दोनों के बीच तनातनी हुई लेकिन बाद में फैसला हो गया। रालोद का जोर नगर पालिका एवं नगर पंचायत में था। 17 में से एक भी नगर निगम महापौर पद पर उसने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। सभी पर सपा को समर्थन दिया था। हालांकि सपा एक भी महापौर पद नहीं जीत सकी है। बाकी जगह रालोद लड़ा और उसका परिणाम ठीक ही माना जा रहा। रालोद ने 7 नगर पालिका अध्यक्ष और 7 नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव जीता। 10 पार्षद भी उसके जीते। इसके अलावा 40 नगर पालिका सदस्य और 38 नगर पंचायत सदस्य जीते। अब रालोद लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट रहा है। कमेटियों का गठन करना है। उससे पहले मंथन किया जा रहा । इस बाबत दिल्ली में अगले सप्ताह बैठक बुलाई जा रही है। पदाधिकारियों से ऐसी सीटों का ब्यौरा मांगा गया है जहां मुकाबले नजदीकी रहे। यह देखा जा रहा है कि उन सीटों पर सपा समर्थित कितने वोट रालोद को मिले। रालोद प्रदेश मीडिया संयोजक सुनील रोहटा के मुताबिक एक एक सीट पर वोटों का गुणाभाग चल रहा है। रालोद का प्रदर्शन बेहतर रहा है पर आगे की तैयारी अभी से करनी है।

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