भारी हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी बिल पास

राकेश टिकैत का ऐलान, जारी रहेगा आंदोलन

  • बिल पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा, नारेबाजी
  • संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही पेश किया गया बिल
  • लोक सभा व राज्य सभा में कृषि कानून वापसी बिल पर लगी मुहर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही लोक सभा और राज्य सभा में कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पास हो गया है। विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीनों कृषि कानून वापसी बिल को लोक सभा में पेश किया। बिल को राष्ट्रपति  के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी और इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी थी। लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के लिए चर्चा की मांग की। राज्य सभा में भी विपक्ष ने बिल पर चर्चा की मांग की और हंगामा किया। वहीं कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है। एमएसपी भी एक बीमारी है। सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है। आंदोलन जारी रहेगा। जो नुकसान हुआ है उस पर सरकार बैठ कर बात करे, समाधान निकल जाएगा।

हर सवाल का जवाब देने को तैयार: पीएम

शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र है। देश के नागरिक एक उत्पादक सत्र चाहते हैं। वे उज्जवल भविष्य के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। सरकार हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है, खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।

सांसद संजय सिंह ने उठाई चर्चा की मांग

आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने सभापति को नियम 267 के तहत चर्चा कराने के संबंध में पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है कि लगभग एक वर्ष से लगातार चल रहे किसान आंदोलन की एमएसपी गारंटी कानून की मांग अभी भी पूरी नहीं हुई है। देश के किसानों का मूल अधिकार एमएसपी गारंटी होनी चाहिए। आपके संज्ञान हेतु यह तथ्य आवश्यक है कि वर्तमान में मिलने वाले एमएसपी और स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सी-2 फार्मूले के अनुसार अनुमानित एमएसपी में बहुत अधिक अंतर है।

उदाहरणस्वरूप, वर्तमान में अरहर की एमएसपी 5675 क्विंटल है जबकि सी-2 फार्मूला के अनुसार इसकी अनुमानित एमएसपी 7471.5 क्विंटल होगी। कोरोना महामारी से किसानों की आर्थिक हालत पहले ही बदहाल है वहीं एमएसपी की कानूनन गारंटी के अभाव में फसलों का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। उपरोक्त विकट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नियम 267 के तहत सदन के अन्य कार्यों को स्थगित कर इस गंभीरतम विषय पर सदन में चर्चा करायी जाए।

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी के सांसदों ने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया।

करीब तीस विधेयक होंगे पेश

लोकसभा सचिवालय के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक, पेंशन सुधार संबंधी संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक, मध्यस्थता विधेयक , चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वक्र्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक आदि शामिल हैं। निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है।

 

टीईटी पेपर लीक मामले में अपनी ही सरकार को घेरा सांसद वरुण गांधी ने, पूछा

रसूखदार शिक्षा माफियाओं पर कब होगी कार्रवाई

  • छोटी मछलियों को पकडऩे से नहीं चलेगा काम
  • पेपर लीक लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़
  • किसान आंदोलन और लखीमपुर हिंसा को भी लेकर साधते रहे हैं निशाना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। यूपी टीईटी पेपर लीक मामले में पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि छोटी मछलियों पर कार्रवाई से काम नहीं चलेगा। सरकार राजनैतिक शिक्षा माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे। पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, यूपी टीईटी परीक्षा पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है।

इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्रवाई से काम नहीं चलेगा, उनके राजनैतिक संरक्षक शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्रवाई करे सरकार क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूखदार हैं, इनपर कार्रवाई कब होगी? इससे पहले वरुण गांधी ने किसान आंदोलन और लखीमपुर हिंसा को लेकर भी सवाल उठाए थे। रविवार को यूपी टीईटी परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने पर इसे निरस्त कर दिया गया है।

अब तक 29 गिरफ्तार, सचिवालय तक जुड़े हैं तार

लखनऊ। यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी ) पेपर लीक मामले में अभी तक 29 लोगों को अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ की जांच में टीईटी पेपर लीक के तार सचिवालय से जुड़े हैं। सचिवालय में संविदा पर तैनात कर्मचारी इस गिरोह में सक्रिय सदस्य है। इसके अलावा कई सरकारी कर्मचारियों के भी तार गिरोह से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। इसमें झांसी का अनुराग देश, अंबेडकरनगर का फौजदार वर्मा उर्फ विकास, अयोध्या कपासी का कौशलेंद्र प्रताप राय और झांसी का चंदू वर्मा शामिल है।

अयोध्या के कौशलेंद्र राय के पास से टीम ने कई अहम दस्तावेज बरामद किये हैं। इसमें सचिवालय का पास, खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं। हर जिले में अलग-अलग माफियाओं ने पेपर लीक करवाया था। कौशांबी से गिरफ्तार रोशन सिंह लैब टेक्नीशियन है जबकि प्रयागराज से गिरफ्तार सत्य प्रकाश सिंह सरकारी टीचर है। वहीं लखनऊ से गिरफ्तार कौशलेंद्र सचिवालय का संविदा कर्मचारी है।

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