अहमदाबाद प्लेन क्रैश: 60 परिवारों की अमेरिका में कानूनी जंग  

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले मृतकों के 60 परिवारों ने अमेरिकी कोर्ट में जाने का फैसला किया है... इन परिवारों ने दुर्घटनाग्रस्त विमान...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में एक भयानक विमान हादसा हुआ….. जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया…… एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी……. टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गई…… यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था……. जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे…… हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई……  इसके अलावा विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया……. जिसके कारण वहां मौजूद 29 अन्य लोगों की भी जान चली गई……. इस तरह कुल 270 लोगों की मौत इस हादसे में हुई……

इस हादसे ने न केवल यात्रियों के परिवारों को, बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया…… मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, कई परिवारों के सदस्य और मेडिकल छात्र शामिल थे……. अब इस त्रासदी से प्रभावित 60 परिवारों ने विमान निर्माता कंपनी बोइंग के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट में मुकदमा दायर करने का फैसला किया है…… और उन्होंने इसके लिए अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज को नियुक्त किया है…… जो गलत तरीके से हुई मौतों और दोषपूर्ण उत्पादों से संबंधित मुकदमों के विशेषज्ञ हैं…… 12 जून की दोपहर एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरा……. लेकिन उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद यह विमान मेघानी नगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत से टकरा गया……. टक्कर इतनी जोरदार थी कि विमान आग का गोला बन गया……. और आसमान में धुएं का काला गुबार छा गया……. इस हादसे में विमान में सवार 241 लोग मारे गए…… और हॉस्टल में मौजूद 29 अन्य लोगों की भी मौत हो गई……

वहीं इस हादसे ने कई परिवारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया……. कुछ लोग पहली बार विदेश जा रहे थे……. कुछ अपने परिवार से मिलने, और कुछ नई जिंदगी शुरू करने….. बता दें हादसे के बाद 60 परिवारों ने एकजुट होकर बोइंग कंपनी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट में मुकदमा दायर करने का फैसला किया……. इन परिवारों का मानना है कि इस हादसे के लिए बोइंग की लापरवाही जिम्मेदार है……. उन्होंने इसके लिए अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज को नियुक्त किया है……. जो दोषपूर्ण उत्पादों और गलत तरीके से हुई मौतों से संबंधित मुकदमों में विशेषज्ञ हैं……

आपको बता दें कि परिवारों का कहना है कि हादसे की जांच पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए……. वे चाहते हैं कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का कच्चा डेटा उन्हें दिया जाए…. ताकि वे स्वतंत्र विशेषज्ञों से इसकी जांच करवा सकें…… परिवारों का मानना है कि बोइंग की गलती के कारण उनके अपनों की जान गई…… इसलिए कंपनी को उचित मुआवजा देना चाहिए…… परिवार चाहते हैं कि बोइंग को इस हादसे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए….. और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए……

माइक एंड्रयूज एक अमेरिकी वकील हैं…… जो विमान हादसों और दोषपूर्ण उत्पादों से संबंधित मुकदमों में विशेषज्ञता रखते हैं…… और उन्होंने पहले भी बोइंग के खिलाफ कई मुकदमों में पीड़ितों का पक्ष रखा है…… उनकी नियुक्ति से परिवारों को भरोसा है कि उनका केस मजबूती से लड़ा जाएगा…… हादसे के बाद भारत के विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो ने जांच शुरू की…. ब्लैक बॉक्स, जिसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर शामिल हैं……. हॉस्टल की छत से बरामद किया गया…… प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं…..

ब्रिटेन की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने खुलासा किया कि हादसे से चार हफ्ते पहले बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर अलर्ट जारी किया गया था….. अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे संभावित खतरा बताया था……. हादसे में शामिल विमान का दायां इंजन मार्च 2025 में बदला गया था……. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा इंजन की खराबी के कारण हो सकता है…… वहीं कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई कि पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने गलती से दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई रोक दी……. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि पायलट को जल्दबाजी में दोषी ठहराना ठीक नहीं है…….

वहीं इन सवालों ने जांच को और गंभीर बना दिया है…… AAIB ने कहा है कि अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में समय लगेगा……. क्योंकि छह ब्लाइंड स्पॉट्स की जांच की जा रही है…… इनमें डेटा संग्रह, विश्लेषण, और विभिन्न स्रोतों से जानकारी का मिलान शामिल है….. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अपनी फ्यूल एफिशिएंसी और आरामदायक सफर के लिए जाना जाता है…….. लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठे हैं…… 2013 में इस विमान की बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद दुनिया भर में इसकी उड़ानों पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी गई थी…….. इसके अलावा, बोइंग 737 मैक्स के दो हादसों 2018 और 2019 में 346 लोगों की मौत के बाद कंपनी की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठे…… इन हादसों के बाद अमेरिकी संसद ने बोइंग की जांच की थी……

अहमदाबाद हादसे ने बोइंग की विश्वसनीयता पर फिर से सवाल खड़े किए हैं…….. पीड़ित परिवारों का कहना है कि अगर बोइंग ने अपने विमानों की खामियों को समय पर ठीक किया होता…… तो यह हादसा टाला जा सकता था…. टाटा समूह एयर इंडिया का मालिक है, ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की……. इसके अलावा घायलों का इलाज भी टाटा ग्रुप की ओर से कराया जा रहा है…… अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटेन की जांच एजेंसियां भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर हादसे की जांच कर रही हैं…..

 

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