Dimple Yadav का मोदी-बीजेपी पर सीधा वार, Rahul का खुला समर्थन
सांसद डिंपल यादव ने बीजेपी और मोदी को घेरते हुए कहा कि सच बोलने की कोई जगह नहीं होती, सच सिर्फ सच होता है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों हाल ही में कांग्रेस के प्रमुख नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर वोट चोरी कर रहा है. राहुल गांधी ने इसे एटम बम की संज्ञा दी. और कहा कि उन्होंने बीजेपी और चुनाव आयोग की धांधली के सबूत पेश कर दिया…. जिसने ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है. समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने भी राहुल के इन आरोपों का समर्थन किया. और बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सच सुनने में तकलीफ होती है…
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर कई गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश में होने वाले चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. राहुल के अनुसार यह धांधली खास तौर पर बीजेपी के फायदे के लिए की जा रही है. राहुल ने दावा किया कि उनके पास ऐसे सबूत हैं. जो यह साबित करते हैं कि चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां कीं. फर्जी वोटर जोड़े गए, और कई बार सही वोटरों को वोट डालने से रोका गया.
राहुल ने खास तौर पर कर्नाटक, महाराष्ट्र, और हरियाणा के चुनावों का जिक्र किया. और उन्होंने कहा कि इन राज्यों में वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए. जिसके चलते बीजेपी को फायदा हुआ. कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में राहुल ने दावा किया कि 1,00,250 फर्जी वोट जोड़े गए. उन्होंने यह भी बताया कि एक ही पते पर सैकड़ों वोटरों के नाम दर्ज किए गए जो संभव ही नहीं है. जैसे एक छोटे से कमरे में 80 या 46 वोटरों के नाम होने की बात सामने आई.
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने डिजिटल वोटर लिस्ट और वोटिंग सेंटर्स की सीसीटीवी फुटेज देने से मना कर दिया. अगर चुनाव आयोग में कुछ गलत नहीं हो रहा. तो वह ये डेटा देने में आनाकानी क्यों कर रहा है.. राहुल ने इसे वोट चोरी का खुला मामला बताया. सपा सांसद डिंपल यादव ने राहुल गांधी के इन आरोपों का खुलकर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि राहुल ने जो बातें कही हैं, वे बिल्कुल सच हैं. डिंपल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कोई उनके खिलाफ सच बोलता है. तो उन्हें तकलीफ होती है. डिंपल ने यह भी कहा कि बीजेपी और उनके सहयोगी दल मिलकर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष है. तो वह राहुल के सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहा..
डिंपल ने यह भी कहा कि बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के नाम पर गरीबों, दलितों, और अल्पसंख्यकों के वोट छीने जा रहे हैं. यह प्रक्रिया बीजेपी के फायदे के लिए बनाई गई है. ताकि विपक्षी दलों के समर्थक वोटरों को हटाया जा सके. डिंपल ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि जनता को इसका जवाब देना होगा. SIR यानी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें चुनाव आयोग मतदाता सूची को अपडेट करता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वोटर लिस्ट में कोई फर्जी नाम न हो और हर पात्र व्यक्ति का नाम शामिल हो. लेकिन राहुल गांधी और विपक्षी दलों का कहना है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल बीजेपी के फायदे के लिए किया जा रहा है.
बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के कुछ वोटरों के नाम और उनके मतदाता पहचान पत्र नंबर दिखाए. जिसमें आदित्य श्रीवास्तव नाम का एक व्यक्ति तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, और महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में दर्ज था. राहुल ने सवाल उठाया कि एक ही व्यक्ति अलग-अलग राज्यों में कैसे वोटर हो सकता है.. राहुल ने बताया कि कई वोटरों के पते या तो गलत हैं या बिल्कुल अस्पष्ट है. कुछ वोटरों का पता हाउस नंबर-0 दर्ज था. जो असल में कोई पता नहीं है. कुछ मामलों में एक ही छोटे से कमरे में दर्जनों वोटरों के नाम मिले. कुछ वोटरों के नाम एक ही वोटर लिस्ट में दो बार दर्ज थे.
राहुल ने कहा कि जब उन्होंने वोटिंग सेंटर्स की सीसीटीवी फुटेज मांगी तो चुनाव आयोग ने कहा कि वे फुटेज नष्ट हो चुके हैं. राहुल ने इसे हैरान करने वाला बताया. क्योंकि आज के डिजिटल युग में इतने महत्वपूर्ण डेटा को आसानी से स्टोर किया जा सकता है. राहुल ने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 40 लाख से ज्यादा नए वोटर जोड़े गए. इतने कम समय में इतने वोटरों का जुड़ना संदिग्ध है. राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी ने छह महीने तक इन गड़बड़ियों की जांच की. जिसके बाद चुनाव आयोग और बीजेपी का सारा कारनाम जनता के सामने पेश कर दिया..
वहीं राहुल गांधी के इन आरोपों को विपक्षी गठबंधन के कई नेताओं का समर्थन मिला है. बता दें गुरूवार को दिल्ली में हुई एक बैठक में 25 विपक्षी दलों के करीब 50 नेता शामिल हुए. इस बैठक में शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, डिंपल यादव, तेजस्वी यादव, और उद्धव ठाकरे जैसे बड़े नेता मौजूद थे. राहुल ने इस बैठक में भी इलेक्टोरल फ्रॉड पर एक प्रेजेंटेशन दी और अपने सबूत दिखाए. जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने फैसला किया कि वे 11 अगस्त को चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकालेंगे. ताकि इस मुद्दे पर और दबाव बनाया जा सके. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी SIR प्रक्रिया का विरोध किया है. ममता ने कहा कि यह प्रक्रिया अल्पसंख्यक वोटरों को निशाना बना रही है. जबकि हेमंत ने इसे रोकने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया..



