अखिलेश ने गठित किया 18 सदस्यीय दल, सपा के सदस्यता अभियान को देगा धार
- पार्टी के अन्य गतिविधियों और कार्यों की भी करेगा समीक्षा
- भाजपा और बसपा छोड़कर आए नेताओं को भी मिली जगह
लखनऊ। यूपी में सपा की प्रदेश, जिला कार्यकारिणी और फ्रंटल संगठन भंग करने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 18 सदस्यीय दल का गठन किया है। यह दल न केवल सपा के सदस्यता अभियान को धार देगा बल्कि पार्टी की अन्य गतिविधियों और कार्यों की समीक्षा करेगा। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भाजपा व बसपा छोड़कर आए नेताओं को भी शामिल किया गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सदस्यता अभियान को गति देने तथा पार्टी के अन्य कार्य की समीक्षा करने के लिए 18 सदस्यीय दल का गठन किया है। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 2024 के लोक सभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। समाजवादी पार्टी ने जमीन स्तर पर संगठन को मजबूत करने के प्रयास में बड़े नेताओं को अभियान में लगाया है। 18 सदस्यीय दल में पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य, विधायक इंद्रजीत सरोज, विधायक रामअचल राजभर तथा विधायक महबूब अली को शामिल किया गया है। इनके साथ पूर्व मंत्री नरेन्द्र वर्मा, दयाराम पाल, किरनपाल कश्यप, अरविंद सिंह गोप, रामआसरे विश्वकर्मा और पूर्व विधान परिषद सदस्य अरविंद कुमार सिंह, पूर्व विधान परिषद सदस्य-नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर, और शशांक यादव, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी बाबा साहेब अम्बेडकर वाहिनी मिठाई लाल, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ प्रोफेसर बी पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी गाजीपुर राजेश कुशवाहा के साथ सपा कार्यालय उत्तर प्रदेश के केके श्रीवास्तव तथा डा. हरिश्चंद को पार्टी के व्यापक विस्तार की बड़ी जिम्मेदारी प्रदान की गई है।
बकरीद पर गाइडलाइन, कुर्बानी की फोटो-वीडियो वायरल हुए तो जाएंगे जेल
लखनऊ। योगी सरकार ने बकरीद पर सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए हैं। भड़काऊ भाषण से लेकर कुर्बानी की फोटो तक पोस्ट करने वालों को जेल भेजा जाएगा। पुलिस प्रशासन को हर वायरल मैसेज और फोटो की मॉनिटरिंग करने को कहा गया है। ऐसी पोस्ट पर खास नजर रहेगी, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती हो। सीएम योगी ने वीसी से सभी अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं। शासन की ओर से बकरीद, कांवड़ यात्रा और सावन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली धर्म से जुड़ी हर फोटो और कमेंट पर नजर रखें। समय रहते उनका खंडन किया जाए। साथ ही धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली पोस्ट पर एक्शन लिया जाए। कुर्बानी से जुड़ी फोटो पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। गाइडलाइन में यूपी के सभी कमिश्नर से लेकर एसएसपी से कहा गया है कि खुले में कुर्बानी न हो। सड़क और नाली में खून नहीं दिखना चाहिए। कुर्बानी के बाद अपशिष्ट को जल्द से जल्द बंद वाहनों से ले जाकर उसको डंप करें। लखनऊ के कमिश्नर रोशन जैकब ने इसके लिए नगर निगम और पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। यूपी में त्योहार के दौरान शस्त्रों का प्रदर्शन भी नहीं होगा। शरारत से भरे बयान देने वालों से जीरो टॉलरेंस की नीति से निपटने के लिए पुलिस लगातार गश्त करेगी। किसी संवेदनशील सूचना पर डीएम और एसपी खुद मौके पर जाएंगे। माहौल खराब करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
ड्रोन से होगी निगरानी
बकरीद पर सभी जिलों में संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। किसी भी दशा में कोई नई धार्मिक परंपरा शुरू नहीं की जाएगी। थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में गश्त करेंगे। बकरीद पर कुर्बानी तय स्थानों पर होगी। प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
अमरनाथ यात्रा में फंसे यूपी के 300 लोग
लखनऊ। कल अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 16 यात्रियों की मौत हो गई है। 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस हादसे में यूपी के 300 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। इनमें औरैया, पीलीभीत, सहारनपुर, कानपुर देहात, बागपत, इटावा, बुलंदशहर जिले के श्रद्धालु शामिल हैं। औरैया जिले से अमरनाथ यात्रा के लिए 7 लोगों का एक जत्था निकला था। ये श्रद्धालु दिबियापुर के रहने वाले हैं। दिबियापुर कस्बे के रहने वाले रिटायर्ड बैंक कर्मी राजेन्द्र पोरवाल पप्पू, दुर्गा प्रेस मालिक देवेंद्र दूबे, ठेकेदार आशीष वाजपेयी, व्यापारी आशीष तिवारी, पवन दुबे, बुक स्टोर संचालक गोविंद पांडेय अमरनाथ दर्शन के लिए 6 जुलाई को दिल्ली से रवाना हुए थे। 14 जुलाई को उन्हें वापस आना था। देर रात अमरनाथ यात्रा पर गए आशीष तिवारी ने नेटवर्क मिलते ही पूरे ग्रुप की सलामती की फोटो वाट्सएप ग्रुप में शेयर की। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। आशीष तिवारी ने बताया कि वे लोग सुरक्षित हैं। आर्मी बेस कैंप में हैं। हालात सामान्य होने पर गुफा तक जाने की अनुमति दी जाएगी। पीलीभीत से 30 जून को दो बसों में सवार होकर 130 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर गए थे। रास्ते में तेज बारिश की वजह से गुफा से करीब 20 किलोमीटर पहले श्रद्धालु फंस गए। बुलंदशहर के 50 से अधिक यात्री अमरनाथ यात्रा में फंसे हुए हैं। सहारनपुर से 56 श्रद्धालुओं का एक जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 1 जुलाई को बस से रवाना हुआ था। बागपत के बड़ौत से दो बसों में 80 लोग अमरनाथ यात्रा पर गए हुए हैं।