अखिलेश पहले परिवार में सद्ïभाव बनाएं, फिर प्रदेश की बात करें : भूपेंद्र सिंह

लखनऊ। भाजपा से सामाजिक सद्ïभाव को खतरा बताने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि जो अपने परिवार में सामाजिक सद्ïभाव नहीं बना पाया, वह प्रदेश में सद्ïभाव की बात कर रहा है। अखिलेश को सलाह दी कि पहले अपने परिवार में सद्ïभाव बनाएं फिर प्रदेश की बात करें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव को रह-रह कर सपा सरकार का जंगलराज याद आता है, इसीलिए वह बार-बार प्रदेश में कानून व्यवस्था की बात करते रहते हैं, जबकि सपा सरकार के दौरान आम आदमी थानों में तो महिलाएं और बेटियां घर से बाहर निकलने में डरती थीं। उन्होंने कहा कि हाल ही में आए नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े प्रदेश में कानून व्यवस्था में व्यापक पैमाने पर आए सुधारों की गवाही दे रहे हैं। यह आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि प्रदेश ने कानून व्यवस्था के मामले में उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूपी माडल को दूसरे राज्य अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में प्रदेश में रोजाना दंगे होते थे, जबकि अब प्रदेश दंगामुक्त हो चुका है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी कमी आई है।

इतना ही नहीं, प्रदेश से संगठित अपराध समाप्त हो चुका है और माफिया पर सरकार पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहले दिन से प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जा रही है और भविष्य में भी अपनाई जाएगी। अपराधी छोटा हो या बड़ा, कानून के हिसाब से बिना भेदभाव के कार्रवाई जारी रहेगी। बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार में आपराधिक घटनाओं को सही तरीके से दर्ज नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में महिला अपराध में यूपी नंबर वन है। एनसीआरबी के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश में जंगलराज साफ दिखाई पड़ता है। बावजूद इसके भाजपा को आधी-अधूरी रिपोर्ट का ढोल पीटने में संकोच नहीं है।

मदरसों में शिक्षा व्यवस्था सुधारेगी सरकार : धर्मपाल

लखनऊ। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मदरसा शिक्षा में बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के नियम लागू होंगे। उन्होंने मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि जिस प्रकार यूपी बोर्ड में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए उम्र की सीमा निर्धारित है, उसी प्रकार मदरसा बोर्ड में भी उम्र की सीमा का अनुपालन कराया जाए। मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों से मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन का गहन परीक्षण कराया जाए, ताकि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जा सके। मदरसों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मदरसों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाए। उन्होंने मान्यता प्राप्त मदरसों में गत वर्षों के छात्रों की संख्या और उन वर्षों में छात्रों को वितरित की गई छात्रवृत्ति का संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

मंत्री ने कहा कि सहायता प्राप्त मदरसों में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के स्थानांतरण मदरसा प्रबंधकों की परस्पर सहमति एवं रजिस्ट्रार के अनुमोदन से ही किया जाए। वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटाए जाएं और उनका इस्तेमाल आमजन के कल्याण के लिए किया जाए। मदरसा छात्रों को राष्टï्र की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मदरसों में दीनियात की पढ़ाई के साथ ही आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए शिक्षकों को रखा जाना है। मदरसा बोर्ड योग्य शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तर्ज पर एमटीईटी (मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा) कराना चाहता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता एवं प्रशासन सेवा विनियमावली-2016 में जरूरी संशोधन किए जाने हैं।

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