बिहार की सभी नदियां उफान पर, नेपाल में भारी बारिश का अलर्ट, 100 से ज्यादा लोगों की हुई मौत 

बिहार में पिछले दो दिन से भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है। बिहार की तमाम नदियां उफान पर हैं। नेपाल में इन नदियों ने भारी तबाही मचा रखी है...

4PM न्यूज नेटवर्क: बिहार में पिछले दो दिन से भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है। बिहार की तमाम नदियां उफान पर हैं। नेपाल में इन नदियों ने भारी तबाही मचा रखी है। जिसके कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि नेपाल में बागमती का तटबंध टूटने के कारण भारत में पानी का दबाव कम रहा, लेकिन कोसी और गंडक बराज से रिकार्ड जल प्रभाहित किया गया है। आपदा विभाग के अनुसार गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से बिहार के 13 जिले बाढ़ग्रस्त हुए हैं। इतना ही नहीं 20 प्रखंडों की 140 पंचायतों के गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। करीब 1.41 लाख आबादी बाढ़ग्रस्त हुई है।

नेपाल में भारी बारिश का अलर्ट

ऐसे में बिहार सरकार ने राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में कोसी, गंडक और गंगा जैसी उफनती नदियों के किनारे बाढ़ की चेतावनी जारी की है। राज्य जल संसाधन विभाग (WRD) ने एक बयान में कहा कि नेपाल में भारी बारिश के कारण, गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियों में पानी का बहाव काफी बढ़ गया है। इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावित हैं।
गंडक-कोसी के बढ़ने से गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। गंगा नदी पटना में दो दिन पहले ही खतरे के निशान से नीचे आई है, लेकिन भागलपुर से फरक्का तक नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। फरक्का में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। गंडक के कारण पटना के निकट जबकि कोसी के कारण कटिहार के निकट गंगा का जलस्तर बढ़ना तय माना जा रहा है।

महानंदा तथा गंगा नदियों का बढ़ा जलस्तर

इसे लेकर अधिकारी ने बताया कि जल संसाधन विभाग की टीम तटबंधों की 24 घंटे निगरानी कर रही हैं, ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके। विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यकारी अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनिष्ठ अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं और वह सतर्क हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दो बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है। इसके अलावा बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। वहीं मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी भी दी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर निवारक उपाय करने को कहा है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है।
  • वहीं मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
  • उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
  • राज्य के विभिन्न इलाकों में सुबह 8.30 बजे तक 780.3 मिमी बारिश हुई। 

 

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