अमेरिका ने सैकड़ों छात्रों का F-1 वीजा किया रद्द, मचा हड़कंप

4PM न्यूज़ नेटवर्क: अमेरिका में पढ़ रहे हजारों छात्रों को उनका F-1 वीजा अचानक निरस्त होने का ईमेल प्राप्त होने के बाद हड़कंप मच गया है। इस दौरान अमेरिका में पढाई कर रहे सैकड़ों विदेशी छात्रों को ई-मेल मिले हैं, इस ईमेल में उन्हें खुद से देश छोड़ने के लिए कहा गया है। मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग (DOS) ने यह मेल भेजे हैं। ऐसे में जिन बाहरी स्टूडेंट्स के F-1 वीजा (स्टूडेंड वीजा) को कैंपस एक्टिविज्म के कारण रद्द किया गया, उन्हें यह मेल भेजे गए हैं। आपको बता दें कि यह ईमेल अमेरिकी विदेश विभाग का आदेश है कि ऐसे छात्र खुद से अमेरिका छोड़कर तत्काल अपने देश चले जाएं। अन्यथा पकड़ने जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ किसी दूसरे देश भी डिपोर्ट किया जा सकता है।
आपको बता दें कि छात्रों को भेजे गए ईमेल में कहा गया है, “अमेरिका के विदेश मंत्रालय की तरफ से ब्यूरो ऑफ काउंसलर अफेयर्स वीजा ऑफिस आपको सूचित करता है कि आपका वीजा जारी होने के बाद कुछ नई जानकारियां मिली हैं। इसलिए आपके F-1 वीजा को यूनाइटेड स्टेट्स इमिग्रेशन एंड नेशनैलिटी एक्ट की धारा 221(i) के अनुसार रद्द कर दिया गया है। ब्यूरो ऑफ कांसुलर अफेयर्स वीजा ऑफिस ने गृह मंत्रालय के इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट को भी सूचित कर दिया है, जो स्टूडेंट एक्सचेंज एंड विजिटर प्रोग्राम को संभालता है और देश से निकालने की कार्यवाही के लिए जिम्मेदार है।”
ई-मेल में छात्रों को दी गई चेतावनी
इसके अलावा ई-मेल में छात्रों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे वैध इमिग्रेशन स्टेटस के बिना अमेरिका में रहते हैं, तो उन्हें जुर्माना, हिरासत और निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई केवल उन छात्रों तक सीमित नहीं है, जिन्होंने कैंपस एक्टिविज्म में शारीरिक रूप से भाग लिया, बल्कि उन स्टूडेंट्स को भी ये मेल मिल रहे हैं, जिन्होंने किसी भी तरह की ‘राष्ट्र-विरोधी’ पोस्ट को शेयर किया या लाइक किया।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि कॉलेज में प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले छात्रों के अलावा ऑनलाइन एक्टिविटी करने वाले स्टूडेंट्स भी सरकार के निशाने पर हैं। काउंसलर ऑफिस समेत DOS सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रहा है। इस वजह से जो छात्र अमेरिका में पढ़ने के लिए नए वीजा (F, M, या J वीजा) के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उनकी भी जांच हो रही है। अगर उनके सोशल मीडिया हैंडल पर कुछ भी गलत पाया जाता है, तो उन्हें वीजा देने से इनकार किया जा रहा है।
दरअसल, हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया, जिसके बाद इजरायली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर बमबारी की। गाजा में चरमपंथी संगठन हमास का ठिकाना है। इजरायली हमलों में हजारों फिलिस्तीनी मारे गए, जिस वजह से अमेरिका के कॉलेजों में इजरायली सेना के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इसमें स्थानीय और विदेशी छात्रों ने हिस्सा लिया। इस दौरान कॉलेजों में यहूदी विरोधी भावनाएं भी बढ़ने का दावा किया गया। अब प्रदर्शनकारी छात्रों की पहचान कर उनके वीजा रद्द हो रहे हैं।
जानिए F-1 वीजा क्या है?
बता दें कि F-1 वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो मान्यता प्राप्त संस्थानों में अकादमिक अध्ययन करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने की अनुमति देता है। पात्र संस्थानों में विश्वविद्यालय, कॉलेज, हाई स्कूल, सेमिनरी, कंजर्वेटरी और स्वीकृत भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।