सीएम हों या मंत्री किसी की हिम्मत ही नहीं जो पंद्रह से अधिक सालों से एक ही जगह जमे इस अफसर को हटा कर दिखा दें
मो. शारिक
लखनऊ। भ्रष्ट में आकं ठ डूबे एक अधिकारी का रुतबा ऐसा है कि वह पिछले 15 साल से लगातार नगर निगम में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के रूप में जमा बैठा है। सीएम, मंत्री, बड़े-बड़े अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी उसको टस से मस नहीं किया जा सका है। वह भ्रस्टाचारी आज भी विभाग को चूना लगाने में जुटा है। उधर हाल ही में राज्य सरकार ने अपनी नर्ई तबादला नीति लागू की है जिसमें किसी भी कर्मचारी को किसी स्थान पर तीन साल से ज्यादा तैनात रहने का आदेश नहीं है। उसे हर हाल में दूसरे जनपद में जाना जरूरी है पर अशोक सिंह के लिए ये स्थानांतरण नीति लागू नहीं होती है। बड़े मिया तो बड़े मिया छोटे मियां सुभानअल्लाह है। मतलब कि वो तो जमे ही हुए हैं अपने मातहतों को भी अपने रसूख के दम पर वहां पर वर्षों से जमाए हुए हैं। सूत्रों की माने तो वह सब उनको अपनी कमाई को कुछ हिस्सा पहुंचाते हैं।
दरअसल अशोक सिंह, दिनेश कुमार, किशोरी लाल वर्षो से नगर निगम को खोखला करने का काम कर रहे है। शासन में ऊंची पहुंच के चलते उनका तबादला नहीं हो पाता है। वहीं नगर निगम के प्रचार विभाग में तो उल्टी गंगा बह रही है वहां पर प्रचार के काम को देख रहे अधिकारी विभाग को विज्ञापन एजेंसियों के बकाए दिलाने की बजाए अपनी जेबें भरने में जुटें हैं। अशोक ङ्क्षसह के सबसे करीबी पंकज अवस्थी ने होर्डिंग और यूनिपोल में अब तक लाखों क घोटाला कर दिया है। गौरतलब हो कि सालों से बड़ी-बड़ी एजेंसियों पर करोड़ो का बकाया है। अशोक सिंह की सांठ गांठ के चलते ये एजेंसी अपनी मनमानी करते हैं। उधर इकाना स्टेडियम का यूनीपोल गिरने के हादसे के बाद बड़ी बड़ी एजेंसियों की पोल खुलती नजर आ रही है। ना जाने और ऐसी कितनी कंपनियां है जो अशोक सिंह और पंकज अवस्थी की सांठ गांठ से नगर निगम को चूना लगा रहीं हंै। इतनी शिकायतों के बाद भी इन भ्रस्टाचारी अफसरों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इनकी मनमानी ऐसी है कि जोन में वे जो चाहते हैं वैसा करवाते हैं। इन लोगों ने यूनिपोल,होर्डिंग नगर निगम की टैक्स वसूली को भी बट्टा लगा रहे। वहीं ये सालों से ट्रांसफर, पोस्टिंग में भी बड़ा खेल करने में जुटें में है। ये लोग कर्मचारियों और जोनल में जिसको जहां मन करता है वहां उसको उस जोन में बैठा देते है।
महापौर टैक्स पर करेंगी समीक्षा
लखनऊ की महापौर ने लगातार टैक्स को लेकर गड़बड़ी सामने आने पर गंभीरता से लिया है। उन्होंने नगर निगम में हाउस टैक्स की समीक्षा बैठक भी की। गौैरतलब हो कि हाउस टैक्स को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी।
लगवाई जाती हैं परमिशन से ज्यादा होर्डिंग्स
अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह जो प्रचार का काम देखते हैं यहां पर अपना ही जिओ लागू करवाते हैं। पूरे लखनऊ में जितनी भी होर्डिंग्स लगी है सब को यही मॉनिटर करते है। आलम यह है कि जहां 250 होर्डिंग की परमिशन है वहां ये 10 गुना ज्यादा होर्डिंग व यूनिपोल की इजाजत देकर अपनी मु_ïी गर्म करवा लेते हैं। सूत्रों के मुताबिक अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह ने कुछ अपने करीबियों को पार्किंग का ठेका भी दे रखा है। जानकारी मिली है बिना पैसा लिए किसी का पेमेंट वाली कार्य की फाइल पर सिग्नेचर नहीं करते है। ये 3 से 4 प्रतिशत तक कमीशन लेते है। ये महोदय नगर विकास मंत्री के जिले से भी है और सूत्रों के मुताबिक सुनने में यहां तक ये भी आया है कि यह नगर विकास मंत्री के पीएस से रोजाना रात 10बजे के बाद मिलते भी हंै।
सीबीआई ने एक अधिकारी समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया
बालासोर रेल हादसा : दस सदस्यीय टीम पड़ताल में जुटीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भुवनेश्ववर। ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा में 2 जून को 288 लोगों की जान लेने वाले भयावह रेल हादसे में केंद्रीय खुफिया ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है। पांच लोगों में एक अधिकारी भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि बीते 2 जून को भीषण ट्रेन हादसे के बाद से सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सीबीआई की दस सदस्यीय टीम इस मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ करते हुए मामले की जांच कर रही है। लगभग नौ अधिकारी, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभारी थे, अब सीबीआई की जांच के दायरे में हैं।
बाहानगा स्टेशन को किया सील
बाहानगा बाजार थाने को सील कर दिया गया है, जबकि वैज्ञानिक टीम ने कई नमूने जब्त किये हैं। रिले रूम को भी जांच के दायरे में ले लिया है। इस स्टेशन पर किसी भी ट्रेन को तब तक रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि सीबीआई इसकी अनुमति नहीं देगी। गौरतलब है कि हादसे के बाद से ही सीबीआई की टीम बालेश्वर में डेरा डाले हुए हैं। सीबीआई टीम को इस हादसे का सुराग हाथ लग गया है।
सीबीआई को मिलीं कई अहम जानकारियां
बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन का सीबीआई की टीम लगातार दौरा कर रही है। जांच के दौरान सीबीआई ने स्टेशन में मौजूद विभिन्न कम्प्यूटर के हार्ड डिस्क को भी जब्त किया है। इसके अलावा रिकॉर्ड किए गए कई महत्वपूर्ण तथ्य भी संग्रह किए हैं। बाद में बाहानगा स्टेशन के अन्दर मौजूद प्राइवेट नंबर एक्सचेंज बुक की जांच की। टीम ने इस समय के दौरान रिले रूम, पैनल रूम एवं डाटा लॉकर को सील कर दिया है।
स्टेशन मास्टर को दी गई थी सिग्नल में खराबी की जानकारी
सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान सीबीआई के हाथ एक बड़ी जानकारी लगी है। कोरोमंडल के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले सिग्नल की खराबी का पता चला था। दो जून की सुबह कर्मचारियों ने बाहानगा बाजार स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर (एएसएम) को गड़बड़ी की जानकारी दी। इसके बाद एएसएम ने टेक्नीशियन को बुलाया, लेकिन चूंकि उसके आने में देरी हो रही थी तो उसे फोन किया गया है और ट्रेन के संचालन के लिए सिग्नलिंग सिस्टम ठीक करने को कहा। करीब 11 बजे टेक्नीशियन ने सिग्नल सिस्टम को ठीक किया। हालांकि, एएसएम ने यह जांच नहीं की कि उक्त सिग्नलिंग सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं।