विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में बड़ा बदलाव, सपा के बागियों को मिलेगा योगी का तोहफा!
एक तरफ जहां यूपी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियां जोरों पर हैं। तो वहीं दूसरी तरफ सूबे की सियासत में नया फेर बदल देखने को मिलने वाला है। दरअसल यूपी में बीजेपी इकाई में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया के बीच सियासी जानकारों का यह दावा है कि राज्य को नया उप मुख्यमंत्री मिल सकता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: एक तरफ जहां यूपी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियां जोरों पर हैं। तो वहीं दूसरी तरफ सूबे की सियासत में नया फेर बदल देखने को मिलने वाला है। दरअसल यूपी में बीजेपी इकाई में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया के बीच सियासी जानकारों का यह दावा है कि राज्य को नया उप मुख्यमंत्री मिल सकता है.
सामने आई खबरों की मानें तो इस रेस में पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति का नाम रेस में सबसे आगे है उनके साथ ही कई अन्य लोग लोगों के नाम भी इस रेस में शामिल हैं| हालांकि जानकारी के मुताबिक यूपी बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा. अब ऐसे में सवाल ये बनता है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? यह तस्वीर आने वाली 14 दिसंबर यानी कल दोपहर 1 बजे साफ हो जाएगी, दरअसल उत्तर प्रदेश भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपना पूरा चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है इसी महीने नया प्रदेश अध्यक्ष पार्टी कार्यालय पर अपना कार्यभार संभाल लेगा.
उत्तर प्रदेश चुनाव अधिकारी बीजेपी डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम आधिकारिक तौर पर जारी किया है. जिस तरह से बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए अपना चुनाव कार्यक्रम जारी किया है और बड़े नेताओं की मौजूदगी में वह प्रक्रिया पूरी होनी है ऐसे में यह माना जा रहा है कि सिर्फ एक ही नामांकन होगा.
वहीं सामने आई जानकारी के मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े के साथ प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय चुनाव अधिकारी बनाए गए पीयूष गोयल खास तौर पर इस दौरान मौजूद रहेंगे इसके अलावा प्रदेश सह प्रभारी संजय भाटिया प्रदेश सह प्रभारी संजीव चौरसिया मौजूदा भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहेंगे।
भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पूरा होने के बाद अभी तक किसी एक नाम पर आम सहमति नहीं बन पाई थी लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए अपना चुनाव कार्यक्रम जारी किया है और बड़े नेताओं की मौजूदगी में वह प्रक्रिया पूरी होनी है ऐसे में यह माना जा रहा है कि सिर्फ एक ही नामांकन होगा और दूसरा कोई भी नामांकन नहीं होगा.
हालांकि असली खेल तो इसके बाद शुरू होगा क्योंकि बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुने जाने के बाद सामने आएगी एक बड़ी चुनौती क्योंकि बीजेपी अपने मंत्रिमंडल में विस्तार के बारे में मूड बना चुकी है। जानकारी के मुताबिक यूपी बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के मंत्रिमंडल विस्तार होगा. मंत्रिमंडल में 6 नए लोग शामिल हो सकते हैं. आपको बता दें कि यूपी सरकार में अभी 54 मंत्री हैं और कुल 60 बनाए जा सकते हैं. जिसमें रक्षा मंत्री और लखनऊ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद राजनाथ सिंह के बेटे एवं नोएडा विधानसभा सीट से विधायक पंकज सिंह भी मंत्री बन सकते हैं. इसके साथ ही यूपी बीजेपी के मौजूदा चीफ भूपेंद्र चौधरी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे. इसके साथ ही कुछ मंत्री हटाए भी जा सकते हैं। मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में समाजवादी पार्टी के बागियों को भी जगह मिल सकती है. 2 से 3 बागी मंत्री बनाए जा सकते हैं. सपा के बागियों में पूजा पाल, मनोज पांडेय के मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. इसके साथ ही महेंद्र सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है.
जिन सपा के बागी नेताओं को योगी मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात चल रही है। उन्हें लेकर अखिलेश यादव पहले ही भाजपा को दोहरे संकट में डाल चुके हैं। दरअसल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने बागी विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर बीजेपी के पाले में पहले ही गेंद डाल दी थी. साथ ही यह भी कहा था कि अब बीजेपी इन्हें मंत्री बनाए क्योंकि तीनों का टेक्निकल इश्यू खत्म कर दिया है. उस वक़्त ही अखिलेश यादव ने क्लियर कर दिया था कि इनके मंत्री बनाए जाने में टेक्निकल इश्यू आ रहा था. वो मंत्री नहीं बन पा रहे थे. बीजेपी उनको यह कह कर टाल जा रही थी कि अभी आप सपा में हैं. अगर आप मंत्री बनेंगे तो आपको अपनी विधानसभा सदस्यता छोड़नी पड़ेगी और चुनाव दोबारा होंगे. इसके चलते वो मंत्री नहीं बन पा रहे थे तो उनका टेक्निकल रीजन अखिलेश यादव ने पहले ही खत्म कर दिया था।
राज्यसभा चुनाव 2024 के दौरान सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. इनमें से मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को सपा से बाहर कर दिया था जिसके बाद विधानसभा में सीएम योगी की तारीफ करने के बाद समाजवादी पार्टी ने बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, उन पर ये कार्रवाई पार्टी विरोधी कार्यों के लिए की गई थी।
हालांकि सपा से निकाले गए इन विधायकों में से एक विधायक तो अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. मनोज पांडेय 2012 से 2017 तक सपा के कार्यकाल में मंत्री रहे. 2017 में सपा के सत्ता से बाहर हो जाने के बाद से ये मंत्री नहीं बन सके जबकि 2017 और 2022 में भी जीतने में सफल रहे हैं. फिर सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें बाहर कर दिया, तो फिर से उनके मंत्री बनने के कयास लगाए जाने लगी, लेकिन योगी सरकार उन्हें अपनी कैबिनेट में कैसे एडजस्ट करेगी, ये बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है. यूपी के राजनीति गलियारों में ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय के मंत्री बनने की सबसे ज्यादा चर्चा है, क्योंकि वो पहले भी मंत्री रह चुके हैं. अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता भी ले चुके हैं, जिसके चलते मनोज पांडेय के मंत्री बनने के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं. वो ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जिसके चलते प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
वहीं बात की जाए मनोज पांडेय और राकेश सिंह के मंत्री बनने की तो उनकी राह में दूसरी सबसे बड़ी अड़चन उनके गृह जनपद से योगी सरकार में पहले प्रतिनिधित्व है. मनोज पांडेय रायबरेली जिले की ऊंचाहार से विधायक हैं, जहां से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह योगी सरकार में मंत्री हैं. सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. ऐसे में मनोज पांडेय को मंत्री बनाया जाता है तो एक ही जिले से दो मंत्री हो जाएंगे और दोनों ही सवर्ण जाति से होंगे. इसके अलावा विधायक अदिति सिंह मंत्री बनने की उम्मीद में ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था, लेकिन दिनेश प्रताप सिंह के मंत्री बनाए जाने के बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. ऐसे में आदिति और दिनेश की सियासी अदावत चली आ ही है. हालांकि सपा के कितने बागियों को योगी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी तो ये खैर आने वाले वक़्त में ही तय हो पायेगा। लेकिन अभी की बात की जाए तो अभी इसे लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का बाजर गर्म है।
संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में न सिर्फ बीजेपी बल्कि राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल से भी एक मंत्री बनाए जा सकते हैं. हालांकि यह सब प्रक्रिया बीजेपी यूपी के अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद होगी. इन सबके बीच यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र सिंह चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है. गौरतलब है कि जिस तरह प्रदेश में नए बीजेपी के अध्यक्ष और उसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजर गर्म है इससे एक बात तो तय है कि इसका सीधा असर आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में देखने को मिलेगा।



