भाजपा सरकार के मंत्री की बेतुकी सलाह, बोले-
खूब बच्चे पैदा करो, पीएम मोदी नहीं होने देंगे कोई समस्या
मंत्री जी के खुद हैं दो बीवियां और आठ बच्चे
राजस्थान सरकार के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा- पीएम का सपना सबके लिए हो छत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने एक बेतुका बयान दे दिया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर अजीबोगरीब सलाह भी दे डाली है। दरअसल, राजस्थान सरकार के मंत्री ने लोगों से अधिक बच्चे पैदा करने को कहा है। यहीं नहीं उन्होंने आश्वासन दिया है कि इससे कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें रहने के लिए छत देंगे।
राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र विकास मंत्री खराड़ी ने कहा कि यह पीएम मोदी का सपना है कि कोई भी भूखा और सिर पर छत के बिना नहीं सोएगा। बता दें कि खराड़ी की दो पत्नियां और 8 बच्चे हैं जिसमें 4 बेटे और 4 बेटियां है। पूरा परिवार दयपुर की कोटड़ा तहसील से करीब तीन किलोमीटर दूर निचला थला गांव में रहता है। खराड़ी ने उदयपुर में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए यह अजीब बयान दिया। उन्होंने वहा मौजूद लोगों से कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि कोई भी व्यक्ति भूखा और सिर पर छत के बिना न सोये। आप ढेर सारे बच्चें पैदा करें। प्रधानमंत्री जी आपको घर देंगे, फिर समस्या क्या है? जैसे ही खराड़ी ने यह बयान दिया, दर्शकों में मौजूद लोग हंसने लगे और मौके पर मौजूद जन प्रतिनिधि एक-दूसरे की तरफ देखते नजर आए। खराड़ी ने आगे कहा कि केंद्र ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती की है और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अब उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को 450 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध करा रही है।
पीएम मोदी को वोट देने की अपील
खराड़ी ने लोगों से 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से मोदी को वोट देने का आग्रह किया और कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र विभिन्न लोक कल्याण उपाय शुरू कर रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जनजातीय क्षेत्र विकास मंत्री के साथ मंच साझा किया। उदयपुर के नाई गांव में विकित भारत संकल्प यात्रा शिविर के लिए मंच तैयार किया गया था।
दम घुटने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत
कमरे में कोयला सुलगा कर सोया था परिवार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अमरोहा के सैदनगली थाना इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामना आई है। गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर में दिनभर पांच लाशें और दो लोग बेसुध पड़े रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। रईसुद्दीन ने घर के नंबर पर फोन किया तो किसी ने रिसीव नहीं किया।
लिहाजा उन्होंने अपने छोटे भाई गबरू को फोन करके पत्नी हुस्न जहां से बात करने के लिए कहा। करीब पांच बजे जैसे ही गबरू घर पहुंचा तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तभी आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। गबरू समेत कुछ लोग छत से सहारे घर में दाखिल हुए। इस दौरान देखा सभी लोग अचेत अवस्था में पड़े हुए थे। तब घटना की जानकारी हुई। थाना इलाके के गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी रईसुद्दीन चार दिन पहले ही ट्रक चलाने काशीपुर गया था। घर में उसकी पत्नी हुस्नजहां, उसकी की बेटी सोनम, बड़ा बेटा जैद, छोटा बेटा माहिर और सिहाली जागीर का रहने वाला साला रियासत, उसकी बेटी महक और धनौरा निवासी साढू़ की बेटी कशिश एक ही कमरे में सोए हुए थे।
सर्दी से बचने के लिए तसले में जलाया था कोयला
सर्दी से बचने के लिए उन्होंने कमरे में तसले में कोयला जला लिया था। सभी की सोते में ही दम घुटने से मौत हो गई। जबकि रईसुद्दीन की पत्नी हुस्नजहां और साला रियासत की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही डीएम राजेश कुमार त्यागी और एसपी कुंवर अनुपम सिंह मौके पर पहुंच गए। आला अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। जिस कमरे में तसले में कोयला जलाया गया था, उस स्थान का बारीकी से निरीक्षण किया। एसपी कुंवर अनुपम सिंह के निर्देश पर फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई और साक्ष्य जुटाए। सीओ हसनपुर ने बताया कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि सोते-सोते परिवार के लोगों का दम घुटा है। अगर वह जागते हुए होते तो जरूर घर से बाहर भागने की कोशिश करते हैं।
उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 जनवरी तक टली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए टाल दी है। इसे यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया गया था।
सुनवाई के दौरान कपिल सिबब्ल ने कहा कि उमर खालिद जेल में हैं। इससे क्या फर्क पड़ता है। हमने कभी समय नहीं मांगा। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह भी उपलब्ध नहीं हैं। मैं संविधान पीठ में हूं। मुझे एक सप्ताह का समय दिया जाए। पीठ ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वह इस मामले को टालने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा कि आपने पहले कहा था कि मामले की सुनवाई नहीं हो रही है। यह अनावश्यक है, हम आपको छूट नहीं दे सकते। हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई आगे के लिए टाल दी है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर कांपी धरती, तीव्रता 4.1
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई।
अंडमान में आए भूकंप की वजह से अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। एनसीएस ने एक पेस्ट में लिखा, 10 जनवरी को सुबह 7 बजकर 53 मिनट पर अंडमान द्वीप पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र 10 किमी गहराई में रहा। बता दें कि अंडमान द्वीप समूह में 572 द्वीप हैं, जिनमें 38 द्वीपों पर लोग बसे हुए हैं। इससे पहले नवंबर महीने में भी अंडमान निकोबार में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
लोस के बाद हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के विस चुनाव
नगर निकाय और पंचायत चुनाव भी साथ में ही हो सकते हैं, 2014 के बाद से नहीं हुए हैं विधानसभा चुनाव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू-कश्मीर। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद अब पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधता पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव कराने के लिए सितंबर 2024 तक की समय-सीमा निर्धारित की है। इसी के मुताबिक चुनाव की तैयारियां की जा रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में हिंसा और तनावपूर्ण माहौल की वजह से विधानसभा के चुनाव 2014 के बाद से नहीं हुए हैं। इसके अलावा राज्य के 4,892 निर्वाचित ग्राम पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल मंगलवार 9 जनवरी को समाप्त हो गया। लगभग दो महीने पहले, दो नगर निगमों, 19 नगर परिषदों और 57 नगर पालिकाओं सहित शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल भी 14 नवंबर, 2023 को समाप्त हो गया था। इनका गठन 13 वर्षों के बाद पार्टी प्रतीकों पर हुए चुनावों के माध्यम से किया गया था। हालांकि, नई संरचना के तहत जिला विकास परिषदें, जो सीधे लोगों द्वारा चुनी जाती हैं, अभी कायम रहेंगी, क्योंकि इनके चुनाव 2020 में ही हुए थे।
केंद्र सरकार ने पारित किया है जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक
चुनाव के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में बड़ा कदम उठाया है। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन विधेयक), 2023 पारित करवाया था। इसके तहत अब जम्मू-कश्मीर के पंचायत और निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण दिया जा सकता है। यह एक संवैधानिक मुद्दा था, जो राज्य स्तर पर नहीं सुलझाया जा सकता था क्योंकि ऐसे अधिकार के प्रावधान राज्य चुनाव आयोग के पास नहीं थे।
पहली बार मिलेगा ओबीसी आरक्षण
सरकार के सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव कराना संभव नहीं है। इसकी वजह बेहद खास है। इस बार पहली बार चुनाव में ओबीसी आरक्षण का लाभ उम्मीदवारों को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद ने अभी हाल ही में 28 दिसंबर, 2023 को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया है, जो शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण की अनुमति देता है। इस वजह से राज्य में पहली बार स्थानीय चुनावों में ओबीसी आरक्षण मिलने जा रहा है।