सांतवें चरण में BJP का बदल जायेगा गेम! जानिए समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा हाई है। अब चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 8 राज्यों की 57 सीटों पर 1 जून को को मतदान होंगे।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा हाई है। अब चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 8 राज्यों की 57 सीटों पर 1 जून को को मतदान होंगे। इसमें हिमाचल से लेकर पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार की सीटों पर चुनाव है। इसके बाद 4 जून को नतीजे सामने आएंगे। ऐसे में सभी राजनीतिक दल प्रचार-प्रसार के दौरान नई- नई रणनीतियां सामने आईं हैं। लेकिन चुनाव परिणाम से पहले सत्ता बाजार के अनुमान की खूब चर्चा हो रही है। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक नेताओं के तीखे बयान से भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वहीं सट्टा बाजार के अनुमान ने देश की राजनीति में खलबली मचा दी है। तमाम नेताओं और राजनीतिक विशेषज्ञों को तगड़ा झटका लगा है।
इस चुनाव में BJP के लिए सबसे बड़ी चुनौती
जानिए सातवें चरण की सीटों का विश्लेषण
आपको बता दें कि सातवें चरण की सीटों का विश्लेषण करते तो 11 लोकसभा सीटें ऐसी निकलकर आती हैं, जहां पिछले तीन चुनाव में कोई पार्टी सीट नहीं बचा पाती है। इसमें उत्तर प्रदेश की गाजीपुर, घोसी, रॉबर्ट्सगंज और मिर्जापुर सीट है। पंजाब में आनंदपुर साहिब, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला सीट भी शामिल है। इसके अलावा ओडिशा में बालासोर, बिहार की जहानाबाद और काराकाट सीट भी है।
2024 के लोकसभा चुनाव में यही पैटर्न रहा तो सबसे बड़ा झटका कम मार्जिन वाली सीटों को देखें तो बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। चुनाव में सातवें चरण में बीजेपी ने 28 सीटों पर 40 फीसदी वोट हासिल किया है और 12 सीटों पर 30 से 40 फीसदी के बीच वोट थे। वहीं, कांग्रेस को 18 सीटों पर 10 फीसदी के कम वोट मिले थे। इसके चलते सातवें चरण की लड़ाई वाकई देश की सत्ता की फाइनल लड़ाई है। अब देखना होगा कि किसका पलड़ा भारी रहता है। इस बार चुनाव में मोदी लहर हावी रहती है। या राहुल गांधी की न्याय यात्रा कांग्रेस का बेड़ा पार कराएगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
- पार्टी अपने 400 पार के सपने को मध्य भारत के इन्हीं चार राज्यों के बूते पूरे करने की मंशा रखती है।
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इन चार राज्यों की सबसे बड़ी खूबी है इनके राजनितिक समीकरण जो एक-दूसरे से पूर्णतः भिन्न हैं।
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ओडिशा की कमान बीजू जनता दल के हाथों है और तेलंगाना की गद्दी पर कांग्रेस बैठी है।
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छत्तीसगढ़ में जहां भाजपा सत्ता में है तो झारखण्ड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा।