दिल्ली में LG का सख्त एक्शन, स्वास्थ्य मंत्री के OSD को किया सस्पेंड 

चुनाव के बीच सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है। इस दौरान दिल्ली के एलजी वी.के.सक्सेना ने स्वास्थ्य विभाग के OSD डॉ. आर.एन. दास को सस्पेंड कर दिया गया है।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: चुनाव के बीच सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है। इस दौरान दिल्ली के एलजी वी.के.सक्सेना ने स्वास्थ्य विभाग के OSD डॉ. आर.एन. दास को सस्पेंड कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक एलजी के आदेश में कहा गया है कि डॉ. आर.एन. दास, मंत्री (स्वास्थ्य), दिल्ली सरकार के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए। आपको बता दें कि आदेश में कहा गया है कि उपराज्यपाल, दिल्ली, सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम-10 के उप-नियम (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए डॉ. आर.एन. दास, मंत्री (स्वास्थ्य), जीएनसीटीडी के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हैं।

इस आदेश के प्रभावी रहने की अवधि के दौरान, डॉ. आर.एन. दास, मंत्री (स्वास्थ्य), जीएनसीटीडी के विशेष ड्यूटी अधिकारी (ओएसडी) का मुख्यालय दिल्ली रहेगा और डॉ. आर.एन. दास, मंत्री (स्वास्थ्य), जीएनसीटीडी के विशेष ड्यूटी अधिकारी (ओएसडी) को सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे।

जानकारी के अनुसार उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग में रहते ‘बेबी केयर न्‍यू बोर्न अस्‍पताल’ को रज‍िस्‍ट्रेशन द‍िलाने में अहम भूम‍िका न‍िभाई थी। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्रीय गृह सचिव से दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव की शिकायत की थी। और कहा था कि दिल्ली में बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना को चार दिन हो गए हैं और स्वास्थ्य सचिव अभी तक गायब हैं।  25 मई की रात को दिल्ली के विवेक विहार में स्थित एक बेबी केयर सेंटर में भीषण आग लगने से कई मासूम बच्चों की जान चली गई थी। इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि स्वास्थ्य सचिव ने उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • दिल्ली में सैकड़ों नर्सिंग होम अनैतिक रूप से चल रहे हैं।
  • विवेक विहार बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल में दर्दनाक हादसा इसी का नतीजा था।
  • स्वास्थ्य विभाग में दर्ज आंकडों के अनुसार दिल्ली में 1180 नर्सिंग होम का पंजीकरण है।
  •  इनमें से 340 यानी 29 फीसदी नर्सिंग होमों का 6 साल पहले ही रजिस्ट्रेशन समाप्त हो गया है।
  • पश्चिम और उत्तर पश्चिम दिल्ली क्षेत्र में ऐसे नर्सिंग होम की संख्या सबसे अधिक है।

 

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