बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड: दोषियों मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, उम्रकैद की सजा बरकरार

बृजबिहारी प्रसाद की हत्या 28 जून 1998 को पटना में दिनदहाड़े उस समय की गई थी, जब वे एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे थे।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार के चर्चित पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में दोषी ठहराए गए मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने दोनों की सजा को बरकरार रखते हुए उनकी पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है।

दोनों दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर उम्रकैद की सजा को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर उम्रकैद की सजा को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सजा के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है, और न्यायिक प्रक्रिया पूरी तरह उचित रही है।

1998 में दिनदहाड़े की गई थी हत्या
बृजबिहारी प्रसाद की हत्या 28 जून 1998 को पटना में दिनदहाड़े उस समय की गई थी, जब वे एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे थे। उसी दौरान हथियारबंद हमलावरों ने उन्हें घेरकर गोली मार दी थी। यह हत्याकांड बिहार की राजनीति और अपराध की सांठगांठ का प्रतीक बन गया था। इस मामले में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी समेत कई लोगों को दोषी ठहराया गया था और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

न्यायिक टिप्पणी और असर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कानूनी प्रक्रिया की जीत के रूप में देखा जा रहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह के संगीन अपराधों में किसी भी प्रकार की राहत देने की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। इस निर्णय के बाद एक बार फिर यह संदेश गया है कि राजनीति में अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और कानून से कोई ऊपर नहीं है।

HC ने किया था बरी
नेता की हत्या के बाद इस मामले में बिहार के बाहुबली सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला समेत 8 आरोपियों को साल 2009 में निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन इसी के बाद साल 2014 में पटना हाईकोर्ट ने सभी को बरी करने का बड़ा फैसला सुनाया था. बृज बिहार प्रसाद की पत्नी रमा देवी और केंद्रीय सीबीआई ने आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाए जाने के बाद सबूत इकट्ठे किए और आरोपियों को बरी करने के सुप्रीम कोर्ट के 2014 के आदेश को चुनौती दी थी. इसी के बाद 4 अक्टूबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा था. इसी को लेकर अब पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका पर फिर से विचार करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, इस हत्या मामले में सूरजभान सिंह और राजन तिवारी सहित अन्य को अदालत ने बरी कर दिया था.

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