चीन और यात्रा सरकार का बनी सिरदर्द तो समाप्त कर दिया शीतकालीन सत्र

  • चीन के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने से सहमी रही मोदी सरकार
  • सर्दी के साथ ही चढ़ता गया राजनीतिक पारा
  • कोरोना के बहाने राहुल रहे बीजेपी के निशाने पर
  • सप्ताहभर सडक़ से संसद तक गरमायी रही सियासत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सर्दी के साथ ही देश का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सरकार ने चीन के मुद्दे  पर संसद में चर्चा न कराकर राजनीति को गरमा दिया। चीन और यात्रा के मुद्दे  पर विपक्ष सरकार पर पूरी तरह हमलावर है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कोरोना के बहाने बंद करने की बात पर केन्द्र सरकार से कांग्रेस भिड़ गई। वहीं मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में चीन पर चर्चा कराने से सहमी रही। यही वजह रही कि सरकार ने समय से पहले संसद सत्र को अनिश्चितकाल के लिए समाप्त कर दिया है।
साल 2022 के दिसंबर माह का तीसरा सप्ताह देश की राजनीति के लिए कई मुद्दों पर अहम रहा। जहां इस सप्ताह देश में सडक़ से लेकर संसद तक सियासत पूरी तरह गरमायी रही, वहीं चीन का सीमा विवाद, कांग्रेेस की भारत जोड़ो यात्रा और कोरोना का बढ़ता खतरा सरकार के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं रहा। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार पर चीन के सीमा पर बढ़ते दखल को लेकर चर्चा कराने की बात रखी, मगर सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने को तैयार नहीं हुई। इस पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। उधर, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को दिल्ली की ओर बढ़ता देख सरकार ने उसे रोकने के लिए सियासी दांव खूब चला, मगर सरकार अपने मंसूबों में कामयाब होती नहीं दिखी। कोरोना के बहाने सरकार ने कांग्रेस और राहुल को यात्रा रोकने की नसीहत दी तो राहुल गांधी ने अपने बयान में साफ कहा है कि उनकी यात्रा रुकने वाली नहीं है, वे अपनी मंजिल तक पहुंचेगें। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग ने सर्दी में सियासत के तापमान को बढ़ा दिया। समय से पहले संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त करना भी कही न कही सरकार का कुछ मुद्दों  पर विपक्ष के हमलों से बचाव की वजह है। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में जैसे ही चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की खबर सामने आर्ई थी, विपक्ष उसको लेकर सरकार पर हमलावर हो गया था। विपक्षी दलों ने सदन में चीन के सीमा पर बढ़ते दखल को लेकर चिंता जताते हुए इस पर चर्चा करने का प्रस्ताव दिया था। कांगे्रस के मल्लिकार्जुन खरगे की मांग पर सरकार सकते में आ गई और सदन में चीन के मुद््दे पर चर्चा करने से हाथ खींच लिए। जिसके बाद सरकार पर विपक्ष के हमले बढ़ते चले गये। इसी बीच चीन में कोरोना के बढ़ते आंकड़े और राहुल गांधी की दिल्ली की ओर बढ़ती भारत जोड़ो यात्रा भी सरकार के लिए सिरदर्द बन गई।

64 घंटे 50 मिनट चली राज्यसभा

राज्यसभा की शीतकालीन सत्र की बैठक शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और इस दौरान सदन में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ। सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट कामकाज हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा कर पारित किया गया और कई जरूरी मामलों पर सदन में चर्चा हुई।

राजद महासचिव का बयान : भारत में अब पहले जैसा माहौल नहीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार की लालू-राबड़ी सरकार में वित्त मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी निभा चुके राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीक़ी  को भारत में रहने वाली स्थिति नहीं दिख रही है। उन्हें अब देश का माहौल ठीक नहीं लग रहा है। उन्होंने अपने बेटे-बेटी को विदेश में ही बसने की सलाह दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों ने खुद को बालिग बताते हुए अपनी सूझबूझ से फैसला करने की बात कही है। अनीसाबाद में कार्यक्रम के दौरान अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने बच्चों के साथ अपनी इस बातचीत का जिक्र किया। कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि मेरा बेटा अभी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है, जबकि बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पास आउट है। मैं भले यहां हूं, मगर बेटा-बेटी को कहा है कि विदेश में नौकरी मिले तो वहीं रह लो। वहां की सिटीजनशिप मिल जाए तो वह भी ले लो। अब इंडिया में पहले जैसा माहौल नहीं रह गया है। ताजा हालात को नहीं झेल पाओगे। मातृभूमि छोडऩा तकलीफदेह है, लेकिन अब ऐसा दौर आ गया है। उधर, इस बयान का भाजपा ने कड़ा विरोध किया है।

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