कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने बढ़ाया सियासी पारा, राजस्थान में बढ़ी हलचल

पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश चौधरी ने बजट भाषण पर बोलते हुए ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर का कुआं पढ़ना शुरू किया....वैसे ही विधानसभा में हंगामा मच गया... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र जारी है…. और इसी के साथ पक्ष-विपक्ष की जुबानी जंग भी जारी है…. इस बीच तारीख 18 जुलाई और जगह जयपुर स्थित राजस्थान की विधानसभा…. जैसे ही पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश चौधरी ने बजट भाषण पर बोलते हुए ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर का कुआं पढ़ना शुरू किया….वैसे ही विधानसभा में हंगामा मच गया…. सत्तापक्ष के साथ-साथ शिव के निर्दलीय विधायक रवींद्र भाटी ने इसका पुरजोर विरोध किया… विधायकों का कहना था कि चौधरी विधानसभा में जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं…. और एक समुदाय को टारगेट कर रहे हैं…. विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद चौधरी मीडिया के सामने आए… और ठाकुर का कुआं पढ़ने पर सफाई दी…. चौधरी का कहना है कि मैंने हक की बात की है… और वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं…. जो इस सोच के हैं… आरोप-प्रत्यारोप के बीच राजस्थान के सियासी गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि… आखिर चौधरी जैसे सीनियर नेता विधानसभा में ठाकुर का कुआं क्यों पढ़ रहे हैं…. क्या यह कोई रणनीति है या सियासी मजबूरी…

आपको बता दें कि बजट अभिभाषण पर बोलते हुए पूर्व मंत्री और बायतु से विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि…. इसमें सिर्फ राजा-रजवाड़ों की बात की गई है…. गरीब लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है…. हरीश इसके बाद ओम प्रकाश वाल्मीकि की ठाकुर का कुआं कविता पढ़ने लगे…. हरीश के इस कविता का बीजेपी और निर्दलीय विधायक विरोध करने लगे…. हरीश ने कहा कि कोई भी विरोध सामंतवाद के विरोध में बोलने से मुझे नहीं रोक सकता है…. चौधरी ने कविता का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है… कि यह कविता कभी भी उन लोगों को अच्छी नहीं लगेगी…. जिन्हें इस कविता के शब्दों में अपनी खुद की सोच नजर आएगी…. पहले बात रणनीति की करते हैं क्या चौधरी ने 2028 की लकीर खींच दी… राजस्थान विधानसभा में चौधरी के इस कविता पाठ से एक ही सवाल उठ रहा है कि… क्या चौधरी ने 2028 के विधानसभा चुनाव का एजेंडा अभी से तय कर दिया है….

आपको बता दें कि 2024 में बाड़मेर में हुए लोकसभा चुनाव की कमान हरीश चौधरी के पास थी… चौधरी ने पहले जाट चेहरा उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस से उम्मीदवार बनवाया और फिर ठाकुर वर्सेज ऑल की रणनीति तैयार किया…. यहां पर निर्दलीय उम्मेदाराम का मुकाबला निर्दलीय उम्मीदवार रवींद्र भाटी और बीजेपी उम्मीदवार कैलाश चौधरी से था… जातिगत समीकरण की बात की जाए तो बाड़मेर में जाट 18.7 प्रतिशत, दलित 16.6 प्रतिशत, राजपूत 12 प्रतिशत, मुस्लिम 11 प्रतिशत और आदिवासी 6 प्रतिशत हैं…. करीब 35 प्रतिशत आबादी अन्य छोटी-छोटी जातियों की है…. वहीं बाड़मेर में चौधरी का यह फॉर्मूला हिट रहा और उम्मेदाराम जीतने में कामयाब रहे…. चुनाव आयोग के मुताबिक उम्मेदाराम ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी रवींद्र भाटी को करीब 1 लाख 28 हजार वोटों से हराया…. और उम्मेदाराम को करीब 7 लाख और भाटी को करीब 5.5 लाख वोट मिले….

वहीं बीजेपी के कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें 2 लाख 86 हजार वोट मिले… दिलचस्प बात है कि लोकसभा से 3 महीने पहले ही हुए विधानसभा चुनाव में बाड़मेर लोकसभा की 8 में से सिर्फ 1 सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी…. 5 पर बीजेपी और 2 पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे… हरीश चौधरी के कविता के बाद यह अटकलें लग रही है कि क्या कांग्रेस पूरे राजस्थान में नया समीकरण तैयार करने की कवायद में जुटी है… जातिगत समीकरण की बात की जाए तो राजस्थान में सवर्ण करीब 18 फीसद हैं…. जिसमें 9 प्रतिशत के आसपास ठाकुर (राजपूत) और 6 प्रतिशत के आसपास ब्राह्मण हैं…. वही राज्य में ओबीसी 40 प्रतिशत के आसपास हैं… जिनमें 12 प्रतिशत जाट, 5 प्रतिशत गुर्जर और 2 प्रतिशत यादव शामिल हैं… राज्य में दलितों की आबादी 18 प्रतिशत और आदिवासियों की 13 प्रतिशत है…. बता दें कि वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश इकाई में सवर्ण नेताओं का दबदबा है…. खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समुदाय से हैं…. इसी तरह डिप्टी सीएम दीया कुमारी राजपूत और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी ब्राह्मण हैं….

बता दें कि सीएसडीएस के मुताबिक 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सवर्ण समुदाय का 33 प्रतिशत वोट मिला था…. जो 2024 के चुनाव में घटकर 26 प्रतिशत हो गया…. दलित वोट भी कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में कम मिले हैं…. वहीं 2023 में कांग्रेस को दलितों का 48 प्रतिशत वोट मिला था…. जो 2024 में घटकर 46 प्रतिशत हो गया… हालांकि, कांग्रेस को ओबीसी और आदिवासियों के वोट में 2023 के मुकाबले 2024 में जमकर मिले हैं…. 2023 में 33 प्रतिशत ओबीसी ने कांग्रेस को वोट किया था…. जो 2024 में बढ़कर 39 प्रतिशत हो गया…. इसी तरह 33 प्रतिशत आदिवासियों ने 2023 में कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था…. यह 2024 में बढ़कर 40 प्रतिशत पर पहुंच गया….

आपको बता दें कि 54 साल के हरीश चौधरी विधायक और सांसद के अलावा कांग्रेस के प्रभारी रह चुके हैं… वर्तमान में उनके पास संगठन में कोई बड़ा पद नहीं है… आपको बता दें कि 2013 से चौधरी के राजस्थान में पदस्थापित होने की चर्चा हो रही है…. लेकिन अब तक उन्हें राजस्थान की राजनीति में कोई बड़ा पद नहीं मिला है…. 2018 से 2021 तक कुछ सालों के लिए मंत्री जरूर रहे…. लेकिन फिर राजस्थान से बाहर भेज दिए गए…. चौधरी जाट समुदाय से आते हैं… और इसी समुदाय के गोविंद सिंह डोटासरा अभी प्रदेश अध्यक्ष हैं…. जानकारी के अनुसार चौधरी को सचिन पायलट खेमे का माना जाता है…. राहुल से भी उनकी नजदीकी है…. ऐसे में 2028 को लेकर चौधरी अभी से सियासी बिसात बिछा रहे हैं….

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