Dimple Yadav ने योगी की उधेड़ दी बखिया, प्रदेश में हो रही माहौल खराब करने की साजिश
डिंपल यादव ने योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला... आरोप लगाया कि प्रदेश में माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुए एक बड़े विवाद की.. ये विवाद एक पुराने मकबरे का है.. जो सालों से फतेहपुर के आबूनगर इलाके में खड़ा है.. लोगों का कहना हैं कि ये मुगल जमाने का है.. इस मकबरे में मुसलमान भाई दुआ पढ़ने जाते थे.. और आसपास के हिंदू भाई-बहन भी शांति से रहते थे.. कोई झगड़ा नहीं, कोई तनाव नहीं.. लेकिन अचानक कुछ लोग आए और बोले कि ये मकबरा नहीं.. बल्कि पुराना शिव मंदिर है.. इसके नीचे शिवलिंग और मंदिर के टूटे हुए हिस्से दबे हैं. बस यहीं से बात बिगड़ गई.
आपको बता दें फतेहपुर जिले के आबूनगर में ये पुराना मकबरा है.. चारों तरफ दीवारें, अंदर कुछ कब्रें.. सालों से लोग इसे नवाब अब्दुल समद का मकबरा मानते आए हैं.. लेकिन कुछ दिन पहले, बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल और कुछ हिंदू संगठनों ने दावा किया कि ये मकबरा गलत तरीके से बना है.. पहले यहां शिव मंदिर था, जिसे मुगलों ने तोड़ा और उसकी जगह मकबरा बनाया.. उन्होंने कहा कि अंदर शिवलिंग और मंदिर के पत्थर छिपे हैं..
जिसके बाद फतेहपुर में हंगामा हो गया.. मुखलाल पाल ने अपने साथ सैकड़ों लोगों को इकट्ठा किया.. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठन भी साथ थे.. भीड़ मकबरे की तरफ बढ़ी.. लोग नारे जय श्री राम, मंदिर वहीं बनाएंगे का लगा रहे थे… पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए.. कुछ लोग मकबरे में घुस गए.. वहां तोड़फोड़ शुरू हो गई.. कब्रों को नुकसान पहुंचा, दीवारें तोड़ी गईं.. वीडियो भी सामने आए, जिसमें लोग चिल्लाते हुए दिखे..
वहीं इस तोड़फोड़ से फतेहपुर में तनाव फैल गया.. हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों के बीच डर का माहौल बन गया.. पुलिस ने बाद में हालात काबू में किए। धारा 144 लगा दी.. यानी ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते. 10 लोगों के नाम से मुकदमा दर्ज हुआ.. जिसमें मुखलाल पाल का नाम भी है.. और 150 अज्ञात लोगों पर भी केस हुआ.. लेकिन सवाल ये कि पुलिस पहले क्यों नहीं रुकी? क्या ऊपर से कोई आदेश था..
वहीं इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला.. उन्होंने कहा कि ये सब सरकार की साजिश है.. सरकार जानबूझकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहती है.. और जनता को गुमराह कर रही है.. ये सब योगी सरकार की साजिश है.. वे जानबूझकर फतेहपुर में माहौल खराब कर रहे हैं.. प्रशासन और कुछ संगठनों की मिलीभगत से ये हो रहा है.. सरकार नहीं चाहती कि उत्तर प्रदेश में शांति रहे.. वे चाहते हैं कि लोग आपस में लड़ें, हिंदू-मुसलमान के नाम पर झगड़ा हो.. इससे जनता का ध्यान असली मुद्दों से हट जाएगा… सरकार हर मोर्चे पर फेल है.. युवाओं को नौकरी नहीं.. किसानों को फसल का दाम नहीं.. गरीबों को रोटी नहीं.. इसलिए वे मकबरे और मंदिर के नाम पर झगड़ा करवाकर वोट लेना चाहते हैं.. ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं..
जब से बीजेपी की सरकार आई, तब से नफरत फैल रही है. कुछ महीने पहले हर मस्जिद में मंदिर ढूंढने की कोशिश हुई. सुप्रीम कोर्ट ने रोका तो अब फिर शुरू.. फतेहपुर का मकबरा विवाद उसी साजिश का हिस्सा है. डिंपल ने संसद में भी ये मुद्दा उठाया.. और उन्होंने एक वीडियो दिखाया, जिसमें मकबरे में तोड़फोड़ हो रही थी.. उन्होंने पूछा ये क्या हो रहा है? सरकार कहां है? जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हो..
वहीं फतेहपुर पुलिस ने कहा कि वे शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.. डीएम ने कहा कि हम जांच करेंगे.. कोई तोड़फोड़ नहीं होने देंगे.. लेकिन सपा और अन्य विपक्षी दल कहते हैं कि पुलिस ने जानबूझकर ढील दी.. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये दलितों और मुसलमानों के खिलाफ साजिश है.. पुलिस चुप क्यों थी… सोमवार को जब भीड़ मकबरे की तरफ बढ़ी, तो पुलिस ने बैरिकेड लगाए.. लेकिन भीड़ ने तोड़ दिए.. कुछ लोग कहते हैं कि पुलिस को पहले से पता था, फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया.. बाद में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.. लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था..



