सातवें चरण में डिंपल यादव की अहमियत बढ़ी
कार्यकर्ताओं के लिए अखिलेश यादव भी डटे मैदान में
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधानसभा चुनाव अपने सातवें और अंतिम चरण में पहुंच गया हैं। राजनीतिक दलों ने भी इस आखिरी पड़ाव के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इस बीच आखिरी चरण में समाजवादी पार्टी की स्टार प्रचारक डिंपल यादव की अहमियत बढ़ गई है। अंतिम चरणों की सीटों पर प्रचार करने के लिए प्रत्याशियों की डिमांड आ रही है। प्रत्याशी कह रहे हैं रहे हैं कि इन सीटों पर डिंपल अगर एक बार आकर उनके पक्ष में मतदान करने की अपील कर दें तो उनकी जीत निश्चित हो जाएगी।
पांचवें चरण के चुनाव से ही समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच मुकाबला कड़ा हुआ है। शुरुआत के तीन चरणों में डिंपल नदारद थीं, लेकिन पांचवें चरण से महिला प्रत्याशियों के लिए सभा करती हुईं दिख रही हैं। डिंपल ने शुरुआत में राज्यसभा सांसद जया बच्चन के साथ प्रयागराज, कौशांबी, जौनपुर में सपा की सभाएं कीं। जया ने उन्हें छोटी बहू बताया और उनकी वोट की अपील स्वीकार करने को भी कहा। फिर छठवें चरण के लिए मडयि़ाहूं, मेहनगर, मछलीशहर, छानवे, ओराई की महिला प्रत्याशियों के पक्ष में वोट देने की अपील की। अब सातवें चरण के लिए कई सीटों प्रत्याशी प्रचार के लिए डिंपल यादव की मौजूदगी चाहते हैं। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने शुरुआती चरणों में खुद ही प्रचार का जिम्मा संभाल रखा था। इन चरणों में अखिलेश ने जयंत चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य, ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल यादव को साथ रखकर प्रचार किया। करहल, मैनपुरी, इटावा में मुलायम सिंह यादव से भी सभाएं कराई गईं।
अब जिन सीटों पर चुनाव होना है, वहां जयंत का प्रभाव कम है। स्वामी प्रसाद मौर्य और ओपी राजभर भी अपने प्रभाव वाली सीटों पर प्रचार में लगे हैं। इसलिए अखिलेश को पूर्वांचल की अधिकांश सीटों पर सपा के पक्ष में प्रचार के लिए डिंपल यादव को मैदान में उतारना पड़ा। हालांकि इस बार डिंपल की रैलियों और सभाओं की सूची पहले से जारी करने के बजाए एक दिन पहले ही जारी की जा रही हैं।