तुर्की में फिर आया भूकंप, तीव्रता 5.9
4000 से अधिक लोगों की मौत, जबकि हजारों की संख्या में लोग हैं घायल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अंकारा। तुर्की में मंगलवार के दिन यानी आज फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई है. बीते दिन ही शक्तिशाली भूकंप तुर्की और सीरिया में भयंकर तबाही मचा चुका है। तुर्की और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 4000 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।
भूकंप की वजह से हजारों इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। यहां तक की कई इमारतें तो पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। हालांकि अभी भी हताहतों की संख्या बढऩे की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। सोमवार को सबसे पहले 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद फिर भूकंप के दो और तेज झटके आए, जिनकी तीव्रता क्रमश: 7.6 और 6.0 थी. आज फिर आए भूकंप के झटकों ने लोगों को बुरी तरह डरा दिया है।
मदद करने पर तुर्किये ने भारत को दोस्त बताया
24 घंटे में तुर्किये में आए तीन विनाशकारी भूकंपों के पीडि़तों की मदद करने और धन मुहैया कराने के लिए उदारता दिखाने पर तुर्किये ने भारत का धन्यवाद करते हुए उसे दोस्त करार दिया है। भारत में तुर्किये के राजदूत फिरत सुनेल ने कहा-धन्यवाद, अपना वही है जो समय पर काम आए। इससे पहले, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने तुर्किये के दूतावास का दौरा किया और शोक व्यक्त किया था।
पीएम मोदी के निर्देश पर पहुंचाया जा रहा मदद
पीएम मोदी के निर्देश पर दिल्ली में भूकंप प्रभावित तुर्किये और सीरिया को मदद पहुंचाने का फैसला किया गया। पीएमओ के विशेष सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कैबिनेट सचिव के अलावा गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय व कुछ दूसरे मंत्रालयों के अधिकारी भी मौजूद रहे। इसमें नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की टीम के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आपदा में काम आने वाली मदद सामग्रियों को भेजने का फैसला किया गया है। 100 सदस्यों की दो एनडीआरएफ टीम प्रशिक्षित श्वानों और आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप प्रभावित इलाके में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजी गई है। इसके साथ ही प्रशिक्षित चिकित्सकों और पैरा मेडिक की टीम भी आवश्यक दवाओं के साथ रवाना की गई है।
राहत-बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम हुई रवाना
नई दिल्ली। भारत ने भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए तुर्किये को भरसक मदद देने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी के तहत शिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ एनडीआरएफकी टीम गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे से तुर्किये के भूकंप प्रभावित क्षेत्र में खोज कार्यों के लिए रवाना हुई। एनडीआरएफ गाजियाबाद के डीआईजी (ऑपरेशन और प्रशिक्षण) मोहसेन शाहेदी ने कहा कि तुर्किये और सीरिया में भयानक भूकंप आने से कई लोगों की मृत्यु हुई है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने एनडीआरएफ की 2 टीमें वहां भेजने का निर्णय लिया है।
डैमेज कंट्रोल में जुटा संघ, संतों के निशाने पर आरएसएस प्रमुख
महंत सत्येंद्र दास ने भागवत के बयान को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें झूठा तक करार दे दिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा पंडितों और जाति-संप्रदाय को लेकर दिए गए उस बयान को लेकर विवाद और भी ज्यादा बढ़ गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी \एक है। उनमें कोई जाति-वर्ण नहीं हैं, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वह गलत था। मोहन भागवत के बयान पर जहां पंडित समाज अपनी नाराजगी जता रहा है तो वहीं संघ इससे उपजे विवाद को शांत करने के लिए सफाई पेश करता नजर आ रहा है। अयोध्या स्थित राम मंदिर के पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने मोहन भागवत के बयान को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें झूठा तक करार दे दिया है।
रामलला मंदिर के पुजारी महंत सत्येंद्र दास के अनुसार मोहन भागवत झूठ बोल रहे हैं। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि चातुर्वण्र्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागश:। इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कह रहे हैं कि चारों वर्णों की सृष्टि मैंने की है। उनके जैसे गुण एवं कर्म हैं, उसी प्रकार से उनकी जाति का विभाजन हुआ है। महंत सत्येंद्रदास ऋ ग्वेद की ऋ चा ‘ब्राह्मण: अस्य मुखम् आसीत् बाहू राजन्य: कृत: ऊरू तत्-अस्य यत्-वैश्य: पद्भ्याम् शूद्र: अजायत:’ का उदाहरण देते हुए कहते हैं इससे पता चलता है कि जाति-व्यवस्था का विभाजन आज से नहीं बल्कि शुरू से चला आ रहा है।
उन्होंने कहा लोगों को जात-पात में विभाजन तो राजनीतिक पार्टियों करती हैं। ये राजनीतिक दल सत्ता को पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। सत्ता को पाने के लिए ये किसी भी धर्म, किसी भी पुस्तक, किसी भी व्यक्ति या फिर किसी भी जाति का अपमान कर सकते हैं। गलतबयानी करने वालों के लिए महंत सत्येंद्र दास कहते हैं कि ऐसे लोगों को रामलला सद्बुद्धि दे, ताकि वे ऐसी भाषा बोलें जो सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय हो।
अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि के अनुसार वर्ण की व्यवस्था आज से नहीं बल्कि रामायण काल से पहले से चली आ रही है। हमारा शरीर भी चार वर्णों में बंटा हुआ है। जिसमें सिर को ब्राह्मण, भुजाओं को क्षत्रिय, पेट को वैश्य और पैरों को शूद्र का दर्जा दिया गया है, लेकिन ऐसा करने पर शरीर के किसी भी हिस्से का कोई महत्व कम नहीं हो जाता है। महंत हरिगिरि कहते हैं कि अपनी-अपनी राजनीति के हिसाब से लोग किसी भी चीज का समर्थन या विरोध कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह बात समझनी होगी कि किसी भी व्यक्ति का सम्मान उसका पैर छूकर किया जाता है न कि सिर छूकर, इसलिए समाज में किसी जाति या वर्ण व्यवस्था का महत्व कम नहीं है।
गौरी बनीं मद्रास हाईकोर्ट की जज
सुप्रीम कोर्ट का नियुक्ति रद्द करने से इंकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एल विक्टोरिया गौरी की मद्रास हाईकोर्ट में जज पद पर नियुक्ति रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। उनकी नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में सुनवाई हुई। ये सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने की। मद्रास हाईकोर्ट के कुछ वकीलों ने अपनी अर्जी में कहा है कि विक्टोरिया इस पद के योग्य नहीं हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की विशेष पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने वकील रामचंद्रन ने पूछा एलिजिबिलिटी के पॉइंट पर आपकी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि हां उनके माइंड सेट के बारे में चीजों को कॉलेजियम से छुपाया गया। जस्टिस गवई ने कहा कि ऐसा नहीं है कि कॉलेजियम को ये नहीं पता होगा। एजेंसियों व जजों से परामर्श करता है कॉलेजियम। कॉलेजियम ने ये भी कहा है कि राजनितिक जुड़ाव जज नियुक्त ना करने का कोई कारण नहीं है। यहां तक कि मेरा भी एक राजनीतिक पार्टी का बैकग्राउंड रहा है, लेकिन 20 साल से मैं उसमें नहीं हूं,रामचंद्रन ने कई जजों के नाम गिनाए और कहा कि राजनीतिक जुड़ाव नहीं हेट स्पीच मुद्दा है। जस्टिस गवई ने कहा कि वो अभी एडिशनल जज बन रही हैं, क्या कॉलेजियम को मौका नहीं मिलना चाहिए. ऐसा लगता है कि आपको कॉलेजियम पर भरोसा नहीं है ? रामचंद्रन ने भी जस्टिस आफताब आलम, जस्टिस रमा जॉइस, जस्टिस राजेंद्र सच्चर सहित कई जजों के नाम गिनाए जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही थी। कई तो रेडिकल ऑर्गेनाइजेशन से भी जुड़े थे लेकिन वो हेट स्पीच वाले नहीं थे,लेकिन ये मामला खुले आम अनैतिक और नफरती बयान वाला है, जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि कोलेजियम ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद फैसला किया है।
इंवेस्टर समिट व जी-20 का विरोध करेंगे किसान
मेहमानों का रास्ता भी रोकेंगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सरकार के वादा खिलाफी से नाराज होकर किसानों ने इंवेस्टर समिट व जी-20 के विरोध करने का फैसला किया है। इतना ही किसान इस कार्यक्रम में आए मेहमानों का रास्ता भी रोकेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने यह जानकारी दी।
भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि सरकार लखनऊ में जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों के साथ धोखा कर रही है। जो सरकार किसानों को उसकी फसल की कीमत ठीक से नहीं दे पा रही है वह जमीन लेने के बाद किसानों के बच्चों को नौकरी क्या देगी। किसानों का कहना है कि इंनवेस्टर्स समिट में जो जमीन अधिग्रहण की जा रही उसको बिना किसानों को विश्वास में लिये की जा रहा है।
सरकार किसानों की आय दुगुना करने की बात करती थी पर वह सिर्फ जुमला रहा, नलकूप पर मीटर लगाने की फिराक में लगी हैं, गन्ने का मूल्य अभी तक नहीं मिला है। किसान खाद, आवारा पशुओं से लेकर बिजली बिल को लेकर हलकान है जबकि सरकार सुधि नहीं ले रही है।