योगी सरकार के आठ साल पूरे, इतने अपराधी एनकाउंटर में ढेर

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सख्त रुख अपनाया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सख्त रुख अपनाया है। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में अपराधियों के खिलाफ बड़ी संख्या में कार्रवाई की गई है। प्रदेश में अब तक 227 कुख्यात अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि एक लाख से अधिक अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की गई। इसके अलावा 58,624 अपराधियों को जेल भेजा गया है। राज्य सरकार का दावा है कि कानून-व्यवस्था में इस कड़े रुख से आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कई मंचों से यह कहा है कि “उत्तर प्रदेश में अब अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।” पुलिस की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत अपराध और माफिया तंत्र पर शिकंजा कसने के लिए लगातार एनकाउंटर, संपत्ति ज़ब्ती, और गैंगस्टर एक्ट जैसी धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले चुनावों में योगी सरकार की यह “सख्त प्रशासक” की छवि एक अहम मुद्दा बन सकती है।

उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में अपराधियों की कमर तोड़ कर रख दी गई है. इस दौरान एक लाख से अधिक अपराधियों को जेल और मुठभेड़ में 227 को यमलोक भेजा गया. इतना ही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर मिशन शक्ति फेज-5 के तहत प्रदेशभर में दस का दम नामक विशेष ऑपरेशन चलाए गए. इसमें ऑपरेशन गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र आदि शामिल हैं. इन ऑपरेशन के जरिए यूपी पुलिस ने महिलाओं, बेटियों, बच्चों, युवाओं और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. वहीं ऑपरेशन त्रिनेत्र ने जघन्य अपराधों का खुलासा कर अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेला है.

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सीएम योगी की मंशानुसार मिशन शक्ति फेज-5 के तहत यूपी पुलिस ने प्रदेश भर में दस ऑपरेशन चलाए. यूपी पुलिस का यह अभियान अपराधियों के लिए काल बन गया है. योगी सरकार का दस का दम ऑपरेशन ने प्रदेश को अपराध से मुक्त करने की संकल्पना है, जिसे जमीन पर सफलतापूर्वक उतारा गया है. इन ऑपरेशन के जरिए एक लाख से अधिक लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई.

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया. इसके बाद प्रदेशभर में 11,07,782 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. ये सीसीटीवी थानों से जोड़े गए, ताकि कैमरा कंट्रोल रूम्स से घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. इसी का नतीजा है कि डकैती, लूट समेत कुल 5,718 जघन्य अपराधों का सफल खुलासा किया गया.

महिलाओं और बच्चियों से जुड़े साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए ‘ऑपरेशन गरुड़’ चलाया गया. अभियान के तहत 2,597 प्राथमिकी पत्रों की जांच की गई, जिनमें से 2,407 का निस्तारण किया गया. वहीं पूर्व में पंजीकृत 1,179 अभियोग में से 449 का निस्तारण किया गया और 498 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही 405 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए. इसी तरह स्कूल-कॉलेजों के आसपास बच्चियों और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों शोहदों के खिलाफ ‘ऑपरेशन मजनू’ चलाया गया.

इस अभियान में 7,554 स्थानों को चिह्नित किया गया और 58,624 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. वहीं ऑपरेशन ईगल के तहत महिलाओं से संबंधित अपराधों में जेल से बाहर आए 7,963 अपराधियों में से गिरफ्तार-हाजिर अदालत 5,166 को चिन्हित किया गया. इस दौरान 2,683 अभियुक्त गिरफ्तार-हाजिर अदालत हुए. वहीं 4,294 के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. ‘ऑपरेशन रक्षा’ के तहत स्पा सेंटर, मसाज पार्लर में छिपे मानव तस्करी के मामलों में 56 महिलाओं/बालिकाओं को रेस्क्यू कर 49 का पुनर्वास कराया गया.

बाल अधिकारों की सुरक्षा को चलाए गए ऑपरेशन बचपन और खोज
प्रदेश में बल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति समेत बच्चे के अधिकारों के लिए ऑपरेशन बचपन और खोज चलाया गया. इसमें ऑपरेशन बचपन के तहत बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति के मामलों में 2,860 बच्चों को बचाया गया. वहीं 1,207 केसों में कार्रवाई हुई. इसी तरह ऑपरेशन खोज के तहत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आश्रयगृहों से 3,327 गुमशुदा बच्चों को पुनर्वासित किया गया.

साइबर व नशीले पदार्थों के खिलाफ भी चला योगी सरकार का हंटर
‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत 29,773 एसिड की दुकानों को चेक किया गया. वहीं 725 के खिलाफ कार्रवाई की गई. ऑपरेशन डेस्ट्राय’ के तहत अश्लील साहित्य व सीडी के 748 मामले दर्ज हुए. ‘ऑपरेशन नशा मुक्ति’ के तहत नशे के विरुद्ध 4,750 हॉट स्पॉट चिन्हित कर 2,752 अभियोग पंजीकृत किए गए और 33,391 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

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