मोदी राज में हादसों की बाढ़ | फिर ढहा निर्माणाधीन पुल का हिस्सा, 5 मजदूर घायल

निर्माणाधीन पुल के बार-बार ढहने की घटनाओं को लेकर बीजेपी सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं... विपक्ष का आरोप है कि...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के वलसाड़ जिले में शुक्रवार की सुबह एक दुखद घटना घटी.. जब औरंगा नदी पर बन रहे एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया.. यह हादसा सुबह करीब 9 बजे हुआ.. जब मजदूर पुल के गर्डर को संतुलित करने का काम कर रहे थे.. बता दें हादसे के दौरान गनीमत रही की.. कोई जान का नुकसान नहीं हुआ.. लेकिन पांच मजदूर घायल हो गए.. वहीं यह घटना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा झटका थी.. क्योंकि यह पुल इलाके की आवागमन की मुख्य कड़ी बनने वाला था.. अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू कर दी है.. और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर यह हादसा क्यों हुआ..

आपको बता दें कि यह हादसा वलसाड़ शहर में कैलाश रोड पर औरंगा नदी के ऊपर हो रहा था.. पुल का निर्माण राज्य के रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट की देखरेख में चल रहा है.. हादसे के समय, मजदूर गर्डर लगाने और स्कैफोल्डिंग हटाने का काम कर रहे थे.. अचानक एक सपोर्ट स्ट्रक्चर फिसल गया.. जिससे दो पिलर्स के बीच का स्पैन नीचे गिर पड़ा.. गिरते हुए हिस्से के नीचे दबकर पांच मजदूर घायल हो गए.. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंच गए.. सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो गए.. जिनमें गिरे हुए गर्डर और मलबे को साफ करने का काम दिखाया गया है..

वहीं हादसे की खबर फैलते ही स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया.. फायर ब्रिगेड की टीम ने तुरंत पहुंचकर मलबा हटाया और घायलों को बाहर निकाला.. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया और ट्रैफिक को डायवर्ट किया.. वलसाड़ के एसडीएम विमल पटेल ने बताया कि साइट पर उस समय करीब 105 मजदूर काम कर रहे थे.. लेकिन हादसे में सिर्फ पांच ही प्रभावित हुए.. कोई मौत नहीं हुई, जो एक राहत की बात है.. यह पुल लगभग 700 मीटर लंबा है.. और इसका उद्देश्य वलसाड़ शहर को आसपास के गांवों से जोड़ना है.. पुराना पुल मानसून में अक्सर डूब जाता है.. जिससे लोगों को परेशानी होती है.. नया पुल ऊंचा और मजबूत बनाया जा रहा है.. ताकि बाढ़ के समय भी इस्तेमाल हो सके..

बता दें हादसे के घायलों को तुरंत कस्तूरबा अस्पताल ले जाया गया.. डॉक्टरों के अनुसार, चार मजदूरों की हालत स्थिर है.. और उन्हें मामूली चोटें आई हैं.. एक मजदूर को ज्यादा सावधानी के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा गया है.. लेकिन उसकी जान को कोई खतरा नहीं है.. वलसाड़ के एसपी युवराज सिंह जाडेजा ने कहा कि पांचों घायलों का इलाज चल रहा है और वे खतरे से बाहर हैं..

वहीं बचाव कार्य में क्रेन, ड्रिल मशीन और अर्थ-मूवर्स का इस्तेमाल किया गया.. फायर डिपार्टमेंट को सुबह हादसे की सूचना मिली.. और वे तुरंत घटनास्थल पहुंचे.. घायलों को 108 एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.. कॉन्ट्रैक्टर रॉयल इंजीनियरिंग इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने घायलों को एक्स-ग्रेशिया पेमेंट दिया.. गंभीर घायल को 2 लाख रुपये और बाकी चार को 1-1 लाख रुपये देने की घोषणा की.. कंपनी ने कहा कि सभी मजदूरों का इंश्योरेंस है.. इसलिए मेडिकल खर्च कवर होगा..

यह घटना मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है.. भारत में निर्माण स्थलों पर हर साल हजारों हादसे होते हैं.. और ज्यादातर मजदूर प्रवासी होते हैं जो खतरनाक हालात में काम करते हैं.. यहां भी मजदूरों को प्रोटेक्टिव गियर दिया गया था.. लेकिन हादसा हो ही गया.. बता दें कि शुरुआती जांच से पता चला कि हादसा जैक और लोड इंबैलेंस की वजह से हुआ.. गर्डर को लेवल करने के दौरान एक जैक ज्यादा ऊंचा उठ गया.. जिससे गर्डर फिसल गया और स्टेजिंग ढह गई.. रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जे के पटेल ने कहा कि यह मानवीय गलती लगती है.. जैक को होइस्ट करने में गलती हुई.. यह एक टेम्पररी स्ट्रक्चर था.. जो पुल के मुख्य हिस्से से पहले बनाया जाता है..

जिला कलेक्टर भव्या वर्मा ने बताया कि यह लोड बैलेंसिंग का महत्वपूर्ण चरण था.. जो स्लैब डालने से पहले किया जाता है.. और उन्होंने कहा कि रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट पूरी जांच करेगा.. और पता लगाएगा कि संतुलन कैसे बिगड़ा.. एक हाई-लेवल कमिटी बनाई गई है.. जो एक-दो दिन में रिपोर्ट देगी.. अगर कॉन्ट्रैक्टर की लापरवाही साबित हुई, तो कार्रवाई होगी..

वहीं अगर समान हादसों का इतिहास देखें तो गुजरात में पहले भी ब्रिज कोलैप्स हुए हैं.. जैसे गंभीरा ब्रिज का केस, जहां एंटी-करप्शन ब्यूरो ने जांच की.. ये घटनाएं खराब मटेरियल, डिजाइन फेलियर या सुपरविजन की कमी से होती हैं.. यह पुल 42 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है.. इसकी मंजूरी दो साल पहले मिली थी.. और निर्माण 2024 में शुरू हुआ.. लक्ष्य जुलाई 2026 तक पूरा करना है.. पुल 700 मीटर लंबा है और यह वलसाड़ को गांवों से जोड़ेगा.. पुराना पुल कमजोर है और मानसून में बंद हो जाता है.. जिससे लोग परेशान होते हैं.. राज्य सरकार ने इसे हाई-राइज ब्रिज बनाने का फैसला किया ताकि बाढ़ में भी सुरक्षित रहे..

कॉन्ट्रैक्टर रॉयल इंजीनियरिंग इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड है.. और सबकॉन्ट्रैक्टर भी शामिल हैं.. प्रोजेक्ट का बजट 42 करोड़ है.. लेकिन हादसे से नुकसान का आकलन अभी नहीं हुआ.. काम रुक गया है.. जिससे समयसीमा प्रभावित हो सकती है.. जयेश पटेल, ब्रिज बिल्डर ने कहा कि  यह टेम्पररी स्ट्रक्चर था, और मानवीय गलती लगती है.. कलेक्टर भव्या वर्मा ने कहा कि पिलर्स का काम पूरा हो चुका था.. और गर्डर लगाने का काम चल रहा था.. स्कैफोल्डिंग हटाते समय सपोर्ट फिसला.. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी.. एसपी युवराज सिंह जाडेजा ने पुष्टि की कि कोई गंभीर चोट नहीं है.. रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी पीआर पटेलिया ने कहा कि सीनियर ऑफिसर्स जांच कर रहे हैं, रिपोर्ट जल्द आएगी…

 

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