महंगाई पर संवेदनहीन हो चुकी है सरकार!

प्रचंड बहुमत ने जनता के मुद्दों को कर दिया दरकिनार, 4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्धों ने उठाए कई सवाल

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल-डीजल और खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं। नौकरियां कम हो रही हैं। लोगों का जीना मुहाल हो गया है। महंगाई बढऩे के क्या कारण हैं, ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार एनके सिंह, दीपक शर्मा, रंजीव, प्रोफेसर नरेंद्र ठाकुर, लेखक व चिंतक रविकांत, गृहणी प्रियंका तिवारी और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।

रंजीव ने कहा, महंगाई कहां जाकर रुकेगी, यह समझ से परे है। सरकारी कर्मी न हो त्यौहार पर भी बाजार सूने दिखते। सरकार संवेदनहीन हो चुकी है और सत्तारूढ़ दल के नेता महंगाई को लेकर कुतर्क कर रहे हैं। अब जनता से ही उम्मीद है। प्रियंका तिवारी ने कहा, महंगाई लगातार बढ़ रही है। पूजा के सामान से लेकर खाद्य वस्तुओं के दाम तक बढ़ चुके हैं। सब्जी और मिठाइयां के दाम आसमान पर हैं। गैस सिलेंडर के दाम में बहुत इजाफा हुआ है।

रविकांत ने कहा, गरीबी के सूचकांक में देश का ग्राफ नीचे चला गया। यह मोदी सरकार के काम करने की स्टाइल का परिणाम है। नोटबंदी ने लोगों को बर्बाद कर दिया। जीएसटी से शहरों की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी। प्रोफेसर नरेंद्र ठाकुर ने कहा, एलपीजी, पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी से इजाफा हुआ है। यह केवल दो लोगों की सरकार है। इसमें अमीरों की चांदी है। मेन इकोनॉमी की कोई चिंता नहीं है। दीपक शर्मा ने कहा, प्रचंड बहुमत और ताकतवर सरकार जब भी आते हैं उनकी प्राथमिकताएं अलग होती हंै। गठबंधन में सरकार पर दबाव होता है। आज मोदी और योगी को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है। विपक्ष बेहद कमजोर है। सरकार की प्राथमिकता में जनहित नहीं रह गए है लिहाजा महंगाई को नियंत्रित करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एनके सिंह ने कहा, देश में बहुमत का आतंक है। यही तमाशा बन चुका है। सवाल यह है कि क्या मोदी जैसा प्रखर नेता विपक्ष के पास है जो लोगों को आटे-दाल का भाव बता सकें। कोई सोच सकता है कि सेकुलर स्टेट में सरकारी अधिकारी दीए जलवाएगा। जब तक जनता इसे नहीं समझ सकेगी हालात नहीं बदलेंगे। ये दीए जलवाकर फिर सत्ता में आ जाएंगे।

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