नमस्कार! मैं परिवहन मंत्री हूं… बस में कोई असुविधा तो नहीं?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने प्रयागराज से वाराणसी जा रही यूपी परिवहन विभाग के बस का निरीक्षण कर यात्रियों से सुविधा पर फीडबैक लिया। यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग खिंचाई कर रहे हैं कि नमस्कार… नमस्कार। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार का कामकाज शुरू हो गया है। सभी मंत्रियों ने अपने अगले 100 दिनों का खाका भी तैयार कर लिया है। जिसका प्रेजेंटेशन वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दे चुके हैं। वहीं सभी मंत्री अपनी-अपनी तरह से व्यवस्थाओं का जायजा भी ले रहे। इसी क्रम में आज योगी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का नाम भी जुड़ गया है, जिन्होंने प्रयागराज से वाराणसी जा रही एक बस का औचक निरीक्षण किया। साथ ही यात्रियों से उनका फीडबैक भी लिया। दयाशंकर सिंह ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि आज प्रयागराज से वाराणसी मार्ग पर परिवहन निगम की बसों का औचक निरीक्षण किया। वहीं ट्वीट किए गए वीडियो में वो कहते नजर आ रहे हैं कि नमस्कार! मैं परिवहन मंत्री हूं… कोई असुविधा तो नहीं आप लोगों को, सब ठीक है? सबके टिकट कटे हैं न? ये अनुबंधित है? इस तरह के सवाल किए। उसके बाद, उन्होंने कंडक्टर से टिकट गिनवाए और बस में मौजूद लोगों को भी जोड़ा। इस दौरान मंत्रीजी बस में खड़े रहे। वहीं कंडक्टर बैठा रहा। मंत्रीजी बोले- गंदगी तो नहीं रहती बस में, कंडक्टर बोला, नहीं। परिवहन मंत्री ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि जिन रूटों पर अभी तक बसें नहीं चली है, उन पर बसें चलाई जाएंगी। बसें समय से चलें और समय से अपने गंतव्य स्थलों पर पहुंचे, जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सके। गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह बलिया जिले की नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।
कंडक्टर खड़ा तक नहीं हुआ मंत्री के आगे
औचक निरीक्षण में परिवहन मंत्री जब बस में चढ़े तो उनको देख कंडक्टर खड़ा तक नहीं हुआ। यही नहीं, उनके सारे सवालों के जवाब बेधड़क देता रहा। अंत में मंत्री बोले कि कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए यात्रियों को, कंडक्टर बोला, जी सर। दयाशंकर ने बस के कंडक्टर व ड्राइवर के वर्दी न पहनने पर सवाल पूछते हुए कहा कि आप लोगों की वर्दी कहां है? अगली बार ऐसी गलती न हो। वहीं एक बुजुर्ग ने उनसे बस को मेंटेन करने की सलाह दी।
यूपी में अब ट्वीट कर पुलिस बताएगी सत्यापन की स्थिति
लखनऊ। आपके पासपोर्ट का सत्यापन हुआ है अथवा नहीं। चरित्र प्रमाणपत्र बनवाने व एफआईआर दर्ज कराने जैसे प्रकरणों में भी अब लोग ट्वीट कर पुलिस से सही जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। डीजीपी मुकुल गोयल के निर्देश पर सोशल मीडिया मानीटरिंग सेल ने फीडबैक प्रणाली की शुरूआत की है। सोशल मीडिया सेल के प्रभारी एएसपी राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी एफआईआर दर्ज किये जाने, चरित्र प्रमाणपत्र बनाये जाने व पासपोर्ट सत्यापन कराये जाने जैसे प्रकरणों में जिला पुलिस के स्तर से किये जा रहे निस्तारण की गुणवत्ता की जांच के लिए यह पहल की गई है। जिसमें शिकायतकर्ता के ट्वीट पर वर्तमान स्थिति को फीडबैक के तौर पर ट्वीट किया जाएगा। अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर हैंडल को टैग करके की जाने वाली शिकायतों की संख्या काफी अधिक होने की वजह से ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता के ट्वीट को दोबारा चेक करके उचित निस्तारण से जुड़ी जानकारी जिला पुलिस द्वारा फिर से ट्वीट किए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। गौरतलब है कि लगातार शिकायत मिल रही है कि थानों में पीड़ितों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है। पीड़ितों को बेवजह दौड़ाया जाता है। थानों में छोटे-छोटे कार्यों के लिए लोग परेशान होते है। इसी को देखते हुए डीजीपी ने विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे उन लोगों को काफी आसानी होगी जो पासपोर्ट सत्यापन, चरित्र प्रमाण पत्र और एफआईआर दर्ज कराने के लिए आते हैं।
भाजपा नेता किरीट सोमैया पुत्र समेत फरार!
नई दिल्ली। क्या भाजपा नेता किरीट सोमैया व उनके पुत्र नील सोमैया फरार हो गए हैं? महाराष्टï्र के गृह विभाग की मानें तो यह सही है। विभाग का कहना है कि पुलिस केस दर्ज होने के बाद से दोनों मिल नहीं रहे हैं। नौसेना से रिटायर हो चुके आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए चंदा जुटाने व उसके कथित धांधली को लेकर मुंबई पुलिस ने सोमैया पिता-पुत्र के खिलाफ हाल ही में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। यह केस एक पूर्व सैन्यकर्मी व अन्य ने दर्ज कराया है। इससे पूर्व शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया था कि सोमैया ने इस देशव्यापी चंदा अभियान में 57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। इस चंदा अभियान का मकसद नौसेना के युद्धपोत विक्रांत को संग्रहालय का रूप देने व उसे भंगार बनाने से बचाना था। राउत का आरोप है कि सेव विक्रांत अभियान के अगुआ सोमैया थे। जुटाया गया 57 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया गया। मामले में सोमैया पिता-पुत्र को जेल जाना पड़ेगा। उधर पूर्व सांसद सोमैया ने इस मामले में एक वीडियो में किसी घोटाले से साफ इनकार करते हुए कहा है कि विक्रांत को बचाने के अभियान में एक रुपये की भी हेरोफेरी नहीं हुई है। आईएनएस विक्रांत ने 1971 की भारत पाक जंग में अहम भूमिका निभाई थी। बहरहाल शिवसेना/भाजपा के बीच जारी सियासी व कानूनी दांवपेच में सोमैया उलझ गए हैं। उन्हें पुलिस या अदालत के समक्ष अपना पक्ष स्पष्ट रूप से रखना होगा। इसके बाद ही धोखाधड़ी के आरोपों की सच्चाई सामने आ सकेगी।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती फिर नजरबंद
श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को प्रशासन ने एहतियात के तौर पर उनके घर में एक बार फिर नजरबंद कर दिया है। महबूबा मुफ्ती ने इस नजरबंदी पर एतराज व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आज शोपियां में उस कश्मीर हिंदू परिवार के पास अपनी सांत्वना व्यक्त करने जाना चाहती थी, जिस पर बीते सप्ताह हमला हुआ था। भारत सरकार जानबूझकर मुख्यधारा से जुड़े कश्मीरियों और कश्मीरी मुस्लिमों को कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराने का दुष्प्रचार अभियान चलाए हुए है। केंद्र सरकार यह नहीं चाहती कि उसके इस दुष्प्रचार की पोल खुले। आपको बता दें कि महबूबा मुफ्ती जिस कश्मीरी पंडित परिवार से मिलने के लिए शोपियां जा रही थीं वह आतंकी हमले में घायल हुए दवा विक्रेता बाल कृष्ण उर्फ सोनू का है। गत 4 अप्रैल को शाम 7:45 बजे शोपियां के चोटीगाम हरमेन इलाके में आतंकवादियों ने बाल कृष्ण पर उस समय गोलियां बरसाई जब वह अपने घर के बाहर खड़े हुए थे। एक के बाद एक आतंकवादियों ने उस पर तीन गोलियां चलाई और फिर वहां से फरार हो गए।
आतंकवादियों को लगा कि इतनी गोलियां लगने के बाद बाल कृष्ण मर गया होगा परंतु अभी उसकी सांसें चल रही थी। स्थानीय लोगों की मदद से उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और अब उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है। गोलियां उसकी टांग और बाजू में गोली लगी थी। चोटीगाम हरमेन में कश्मीरी पंडितों के तीन परिवार रहते हैं। महबूबा मुफ्ती बाल कृष्ण की कुशलक्षेम लेने के लिए शोपियां जाने की तैयारी कर रही थी।