बदलेगा इतिहास…बरकरार रहेगी सरकार
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4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव बहुत करीब हैं। निकाय चुनावों को लेकर सियासी दलों ने भी अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। नगर निकाय चुनावों को लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर दिखाई देती आ रही है,लेकिन अब बसपा ने भी निकाय चुनाव में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए अपनी नई रणनीति बनाई है। अगर हम लखनऊ की बात करें तो इस लिहाज से लखनऊ मेयर का चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। फिलहाल इस सीट पर भाजपा लगातार कब्जा जमाए हुए है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर इस बार भी महिला सीट आती है,तो ऐसी संभावना है कि मेयर पद के लिए इस बार भी संयुक्ता भाटिया दावेदार रह सकती है। वहीँ समाजवादी पार्टी की ओर से अभी इस पद के लिए दावेदार का नाम साफ नहीं किया गया है। यूपी में नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण जारी कर दिया गया है. प्रदेश के 17 नगर निगम में मेयर पद के लिए 2 सीटें अनुसूचित के लिए आरक्षित हुई हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश नगर निगम में 4 सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए रिजर्व हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए दो महिला के लिए आरक्षित हैं। प्रदेश में 200 नगर पालिका परिषद की सीटें हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए 27 सीटें रिजर्व की गई हैं। वहीं ओबीसी के लिए 54 सीटें आरक्षित की गई हैं। आरक्षण लागू करने का एक तय फॉर्मूला है. इसे चक्रानुक्रम फॉर्मूला कहा जाता है. इस फॉर्मूले के तहत कोई भी सीट सबसे पहले महिला एससी के लिए आरक्षित होती है. इससे अगली बार चरणवार तरीके से एससी के लिए, फिर अगली बार ओबीसी महिला के लिए, फिर ओबीसी, फिर महिला आरक्षित और फिर इसके अगली बार यही अनारक्षित सीट होती है।