किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को मिले शहीद का दर्जा

अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करो, एमएसपी कानून लाओ

  • मांगें पूरी नहीं होने तक चलता रहेगा हमारा आंदोलन, पंचायत में आगे की रणनीति तय

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव सिर पर है और आज की किसान महापंचायत ने मोदी सरकार के लिए एक और बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। राजधानी लखनऊ के इको गार्डेन पार्क में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में आज किसानों के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान मृत 700 से ज्यादा किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की है। साथ ही मोदी सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की बात भी कही है। उन्होंने कहा दूध के लिए भी एक नीति आ रही है उसके भी हम खिलाफ हैं, बीज कानून भी है। इन सब पर बातचीत करना चाहते हैं। आखिर सरकार इस पर आमने-सामने क्यू नहीं बात करती।

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी तो ठीक है, मगर एमएसपी गारंटी कानून लागू होने पर ही आंदोलन वापसी की बात सोची जाएगी। टिकैत बोले कि यह उत्तर कोरिया नहीं है कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया। न लागू करने से पहले बात की और न वापस लेने से पहले किसानों से मशविरा किया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां एकतरफा बात नहीं चलेगी। बिना किसानों से बातचीत के काम नहीं चलेगा।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा अब फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी कानून बनाने पर अड़ा है। किसान बोले, केंद्र सरकार लगातार इस मुद्दे पर किसानों को गुमराह कर रही है कि एमएसपी लागू थी, लागू है और लागू रहेगी। जबकि हकीकत यह है कि किसानों की उपज औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है। ऐसे में सरकार बताएं कि किसानों के साथ न्याय कब होगा। पंचायत में किसानों ने सरकार को घेरने की आगे की रणनीति भी बनाई।

2022 में भाजपा को सबक सिखाएंगे किसान

संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शनपाल सिंह ने कहा अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो 2022 में भाजपा को सबक सिखाएंगे। जो बंगाल में ताकत दिखाई वो यूपी में भी दिखाएंगे। उन्होंने कहा किसानों की लड़ाई भाजपा या सरकार से नहीं है, सिस्टम से है। जो भी सरकार किसानों को कुचलने का प्रयास करेगी, किसान उसे सबक सिखाकर ही रहेंगे।

यूपी चुनाव में भाजपा की हार तय है। इसे देखते हुए ही कानून वापस लेने की घोषणा की मगर अभी सदन से कानून वापस लिया नहीं। भाजपा के जिम्मेदार नेता खुद कह रहे हैं कि कानून दोबारा ले आएगी मोदी सरकार। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना ही चाहिए,उनका हक है। आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस हो तो किसानों के साथ न्याय होगा।
सुनील सिंह साजन, एमएलसी सपा

लखीमपुर कांड से जुड़े केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। साथ ही एमएसपी और अन्य मुद्ïदों पर कानून की मांग पर भी तत्काल निर्णय लिया जाए। किसान देश का अन्नदाता है, उसकी बात सबसे पहले सुननी चाहिए।
वरुण गांधी, भाजपा सांसद

यूपी चुनाव में हार के डर से मोदी सरकार ने यह निर्णय वापस लिया। आंदोलन में सैकड़ों किसानों की शहादत हो गई और 350 से अधिक दिनों तक किसानों ने संघर्ष किया। किसान यूं नहीं लखनऊ में महापंचायत कर रहें, उनकी मांगों पर सरकार गौर करें तो ही किसानों के साथ न्याय होगा।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव

पीएम मोदी द्वारा लगभग एक वर्ष से आंदोलित किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग स्वीकारने के साथ-साथ उनकी कुछ अन्य जायज मांगों का भी सामयिक समाधान जरूरी। ताकि किसान संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में वापस लौट कर अपने कार्यों में पूरी तरह फिर से जुट सकें।
मायावती, बसपा सुप्रीमो

महापंचायत में किसानों की मांगें जायज हैं। आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा मिलना चाहिए। एमएसपी गारंटी कानून मिले। साथ ही सरकारी नौकरी और शहीद का दर्जा दिया जाए तो ही किसानों को उचित न्याय मिल पाएगा।
सभाजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी

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