भारत अब आतंक को सटीक जवाब देता है, केवल दुख नहीं जताता- सांसद राघव चड्ढा
आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भारत अब आतंकवादी हमलों पर केवल दुख व्यक्त नहीं करता बल्कि अब वह सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के जरिए जवाब भी देता है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर में किया.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भारत अब आतंक को बर्दाश्त नहीं करता, बल्कि सटीक और निर्णायक जवाब देता है. उन्होंने यह बात दक्षिण कोरिया में एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कही है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सियोल में आयोजित प्रतिष्ठित एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 2025 में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर अभियान पर भी अपने विचार व्यक्त किए. आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भारत अब आतंकवादी हमलों पर केवल दुख व्यक्त नहीं करता बल्कि अब वह सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के जरिए जवाब भी देता है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर में किया.
राघव चड्ढा दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में चोसुन मीडिया और सेंटर फॉर एशिया लीडरशिप के सहयोग से आयोजित एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस (ALC 2025) में बतौर वक्ता भाग लेने आए थे. यह पूर्व का दावोस नाम से मशहूर है. उन्होंने कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया को संदेश दे दिया. उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश की शांति से खिलवाड़ किया गया, तो हम आतंक के ढांचे को जमींदोज कर देंगे, चाहे वो देश के भीतर हों या बाहर.
पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी
सांसद राघव चड्ढा ने दुनिया के सामने भारत की नई रणनीति पर बोलते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी ने बता दिया कि भारत अब एक नई सैन्य और कूटनीतिक नीति के तहत काम कर रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हम केवल आतंकी हमलों की प्रतिक्रिया नहीं करते, बल्कि अब हम आतंक के मूल ढांचे को जड़ से खत्म करते हैं.
सांसद राघव चड्ढा ने आगे कहा कि भारत अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की भूमि से आता है लेकिन साथ ही इस भूमि पर जहां भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारी भी पैदा हुए हैं उन्होंने कहा, “हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन आतंकवाद का समर्थन करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा.
सियोल में आयोजित एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में राघव चड्ढा ने भारत की तरफ से एक निर्णायक, आत्मनिर्भर और रणनीतिक रूप से मजबूत राष्ट्र की छवि को दुनिया के सामने रखा. उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच से एकजुटता का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में भारत एक निर्णायक और दृढ़ राष्ट्र के रूप में उभरा है और यह बताया है कि हम आतंकवाद, आतंकी ढांचे और दुष्ट राष्ट्रों के साथ कैसे निपटते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के रूप में भारत सरकार और हमारी भारतीय सेना ने यह साफ कर दिया कि हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन अगर कोई हमारे देश की शांति को भंग करता है और हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाता है, तो हम आतंकी ढांचे को बख्शेंगे नहीं, चाहे वह कहीं भी हो. नतीजतन, सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए सटीक सैन्य कार्रवाई की गई.
#WATCH | At the Asian Leadership Conference in South Korea, AAP MP Raghav Chadha says, "India for the last several weeks has been mourning the tragic loss of lives of 26 innocent civilians because they were butchered by a terrorist attack, in Pahalgam, Jammu and Kashmir. But as… pic.twitter.com/DpPjDoqAOo
— ANI (@ANI) May 21, 2025
राघव चड्ढा ने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति पर काम करता है. उन्होंने कहा, “आज का भारत वह नहीं है जो हमलों को चुपचाप सह लेता था. हम अब हमला सहते नहीं, बल्कि सीमापार जाकर आतंक के ठिकानों को खत्म करते हैं.”
राघव चड्ढा ने कहा, “भारत अब आतंक के खिलाफ सिर्फ कूटनीतिक बयान नहीं देता, बल्कि जमीन पर कार्रवाई करता है. ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा प्रमाण है. भारत अब न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा करता है, बल्कि दुनिया को भी आतंक मुक्त बनाने में अपना योगदान देने को तैयार है.”
दिग्गज नेताओं के साथ मंच साझा
इस बार की एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में राघव चड्ढा ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स, ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन और हार्वर्ड सेंटर फॉर पब्लिक लीडरशिप के डीन विलियम्स जैसे ग्लोबल लीडर्स के साथ मंच साझा किया.
एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस एशिया का एक प्रमुख मंच है, जहां राजनीति, व्यवसाय, शिक्षा और समाज से जुड़े वैश्विक नेता विचार-विमर्श के लिए एकत्र होते हैं. इस कॉन्फ्रेंस की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और डेविड कैमरन, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स और ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन जैसे दिग्गज इस मंच को संबोधित कर चुके हैं.
इस वर्ष कॉन्फ्रेंस का थीम “राष्ट्रों का उदय: बड़ी तरक्की की राह” रखा गया है, जो दक्षिण कोरिया की आजादी की 80वीं वर्षगांठ और कोरियाई युद्ध की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जा रही है. इस मंच पर स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हो रही है, ताकि इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाई जा सकें.
मिला यंग ग्लोबल लीडर का सम्मान
सांसद राघव चड्ढा को हाल ही में ग्लोबल इकनॉमिक फोरम (WEF) ने यंग ग्लोबल लीडर (YGL) चुना गया है. यह सम्मान विश्व के उन 40 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को दिया जाता है जो बेहतर भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. सांसद राघव चड्ढा अपनी पॉलिसी नॉलेज, यंग लीडरशिप और गवर्नेंस में इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं. दिल्ली सरकार में रहते हुए उन्होंने हेल्थ, पानी और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में बड़े रिफॉर्म्स भी किए हैं.



