पीएफआई की गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी

देश विरोधी गतिविधियों की लिस्ट बहुत लंबी

4 पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को एक गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया है। सरकार ने पीएफआई पर अगले पांच सालों की अवधि के लिए बैन लगाया है। केंद्र की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है। क्या पीएफआई पर प्रतिबंध 2024 के चुनावों का पहला दांव है। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार एनके सिंह, दिनेश के वोहरा, सैयद कासिम और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
सैयद कासिम ने कहा कि 2024 करीब है तो मुद्दा क्या है। खबरों को दबाने के लिए पीएफआई है उससे जुड़े हुए संगठन है। पीएफआई को दो संगठनों से जुड़ा हुआ बताया गया है एक का नाम अलकायदा और दूसरा आईएसआईएस। ऐसे संगठनों से जुड़े संगठन को बैन लगाने सरकार को इतना साल इंतजार करना पड़ता है तो सरकार की देश के प्रति सोच, ईमानदारी और निष्ठा और आतंकवाद के प्रति उनकी कार्रवाई और उनके भाषणों पर शर्म आती है।
दिनेश के वोहरा ने कहा कि देश विरोधी गतिविधियों की लिस्ट बहुत लंबी है। पीएफआई का बैन होना अगर सही है। सब कुछ है तो इस कार्रवाई का समर्थन करते है। कोई भी संगठन देश विरोधी गतिविधिओं में लिप्त है उनका बैन होना जरूरी है। उनकी गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है।
वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने कहा कि पीएफआई को बैन करने से पहले सरकार ने राज्यों से रिपोर्ट मंगवाई थी। उसमें तीन रिपोर्ट का जिक्र है। पीएफआई की गतिविधियों पर सरकार की नजर काफी थी। आपने पीएफआई को तो बैन कर दिया लेकिन इंडिया सोशल फोरम को छोड़ दिया जो कि पैसे पूरे वल्र्ड में ये पीएफआई के लिए पैसे लेता है।
उसको आप बैन नहीं कर सकते। छोटे-छोटे इनके बहुत सारे संगठन है जिन पर आपकी नजर नहीं गई। अब वो पैसा वहां आएगा और आप कुछ नहीं कर पाएंगे। ये जो बैन आप देख रहे है उसकी तैयारी 2024 की
नहीं है।

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