कविता बनी अपराध, नेहा सिंह राठौर पर दर्ज हुआ केस, ये कैसा ‘अमृतकाल’?

अपनी कविता से सरकार से सवाल पूछने वाली भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ... पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ हाल ही में वाराणसी के लंका थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है…… जिसमें उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है……. इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय…… और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े विवाद को जन्म दिया है….. बता दें श्री हनुमान सेना के अध्यक्ष सुधीर सिंह द्वारा दायर इस शिकायत में कहा गया है कि नेहा सिंह राठौर ने अपने वीडियो…… और बयानों के माध्यम से नरेंद्र मोदी को “कायर” और “जनरल डायर” जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया……. जिसे कथित तौर पर पाकिस्तानी मीडिया में वायरल किया जा रहा है…… इस मुद्दे ने हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा किया है…… और वाराणसी के विभिन्न थानों में नेहा के खिलाफ 400 से अधिक तहरीरें दी गई हैं……

आपको बता दें कि नेहा सिंह राठौर बिहार ने भोजपुरी लोक संगीत के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है……. और 2019 में अपने संगीतमय करियर की शुरुआत की…… उनकी शुरुआत फेसबुक पर मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किए गए गीतों से हुई, जो जल्द ही यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हो गए…… उनकी लोकप्रिय रचनाओं में “बिहार में का बा” “यूपी में का बा” और “एमपी में का बा” शामिल हैं…… जो सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर तीखी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं…… नेहा ने प्रवासी मजदूरों, बेरोजगारी, कोविड-19 महामारी, और विभिन्न सामाजिक अन्याय जैसे मुद्दों को अपने गीतों के माध्यम से उठाया है…… उनकी बेबाकी और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने की शैली ने उन्हें एक तरफ तो लाखों प्रशंसकों का समर्थन दिलाया…… वहीं दूसरी ओर बार-बार विवादों में भी घेरा……

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है…… जहां नेहा सिंह राठौर के खिलाफ दर्ज एफआईआर ने एक नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है……. श्री हनुमान सेना के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने आरोप लगाया कि नेहा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो में प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया…… खास तौर पर उनके द्वारा “कायर” और “जनरल डायर” जैसे शब्दों का उपयोग कथित तौर पर वाराणसी की जनता और हिंदू संगठनों की भावनाओं को आहत करने वाला माना गया……. सुधीर सिंह ने यह भी दावा किया कि नेहा के बयान और वीडियो पाकिस्तानी मीडिया में वायरल हो रहे हैं……. जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुंच रहा है…… उनके अनुसार कुछ “देशद्रोही” तत्व इन वीडियो को आर्थिक मदद देकर और प्रचारित कर रहे हैं…… जिससे देश की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को खतरा पैदा हो रहा है…..

इसके इसके वाराणसी के लंका, भेलूपुर, और अन्य थानों में हिंदू संगठनों….. और स्थानीय लोगों ने नेहा के खिलाफ 400 से अधिक शिकायतें दर्ज की हैं…… जिनमें उन पर राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने….. और सांप्रदायिक माहौल खराब करने का आरोप लगाया गया है….. बता दें यह मामला विशेष रूप से संवेदनशील है….. क्योंकि वाराणसी न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है…… बल्कि यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है…… जहां उनकी छवि और नीतियों को लेकर लोगों में गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं……

बता दें नेहा सिंह राठौर का यह पहला विवाद नहीं है…… हाल ही में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले……. के बाद नेहा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था…… इस वीडियो में उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर यह दावा करते हुए तीखा हमला बोला……. कि यह हमला सरकार की खुफिया और सुरक्षा विफलता का परिणाम था….. और उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस हमले का इस्तेमाल बिहार विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करने के लिए कर सकती है….. जैसा कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद हुआ था…… इस वीडियो को एक पाकिस्तानी पत्रकार समूह के एक्स हैंडल द्वारा रीपोस्ट किए जाने के बाद यह और विवादास्पद हो गया……. जिसके चलते लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ देशद्रोह और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया…..

वहीं नेहा ने इस एफआईआर के जवाब में एक और वीडियो पोस्ट किया…… जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने पहलगाम हमले के जवाब में अब तक क्या किया……. मेरे खिलाफ एफआईआर….. अगर दम है तो आतंकवादियों के सिर लाइए….. अपनी नाकामियों का ठीकरा मुझ पर न फोड़ें…… और उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोकतंत्र में सवाल पूछना हर नागरिक का अधिकार है…… और सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है……

आपको बता दें नेहा सिंह राठौर की खासियत उनकी बेबाकी…… और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर आधारित भोजपुरी गीत हैं……. उनके गीत न केवल मनोरंजन करते हैं…… बल्कि समाज की कमियों को उजागर भी करते हैं…… 2020 में “बिहार में का बा” गीत बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल हुआ था…… जिसमें उन्होंने बेरोजगारी और प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को उठाया……. इसी तरह, “यूपी में का बा” और “यूपी में का बा- सीजन 2” में उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की……

वहीं 2024 में नेहा ने रेल हादसों को लेकर एक गीत के माध्यम से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव….. और अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा…… इस गीत में उन्होंने “नॉन-बायोलॉजिकल” बयान का भी मजाक उड़ाया……. जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ….. उनकी यह शैली उन्हें एक तरफ तो युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बनाती है…… वहीं दूसरी ओर सरकार और उसके समर्थकों के निशाने पर लाती है…… नेहा सिंह राठौर के खिलाफ बार-बार दर्ज होने वाली एफआईआर…… और उनके बयानों को लेकर उठने वाला विवाद यह सवाल खड़ा करता है कि क्या सरकार…… और बीजेपी आलोचना को बर्दाश्त करने में असमर्थ हैं……. नेहा ने अपने बयानों में बार-बार कहा है कि वह केवल लोकतंत्र में सवाल पूछने का अपना अधिकार इस्तेमाल कर रही हैं……. उनके समर्थकों का मानना है कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए कानूनी कार्रवाइयों का सहारा ले रही है…… दूसरी ओर बीजेपी समर्थक और शिकायतकर्ता सुधीर सिंह और अभय प्रताप सिंह का दावा है कि नेहा के बयान न केवल अपमानजनक हैं…….. बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा भी हैं….

वहीं पहलगाम हमले के बाद नेहा के बयानों को पाकिस्तानी मीडिया द्वारा प्रचारित किए जाने का मुद्दा विशेष रूप से संवेदनशील रहा……. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उनके बयानों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रचार के लिए किया जा रहा है…… जिससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंच रहा है…… हालांकि नेहा और उनके समर्थकों का तर्क है कि उनकी आलोचना का गलत मतलब निकाला जा रहा है……. और सरकार असल मुद्दों को रोकने में अपनी विफलता  से ध्यान हटाने के लिए उन्हें निशाना बना रही है……

नेहा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गंभीर धाराएं शामिल हैं….. जिसमें देशद्रोह, सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देना और आईटी एक्ट की धाराएं शामिल हैं…..वहीं ये धाराएं न केवल गंभीर हैं…… बल्कि इनके दुरुपयोग की संभावना भी हमेशा चर्चा में रही है……. दिसंबर 2024 में राजस्थान हाई कोर्ट ने बीएनएस की धारा 152 के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी थी…….. जिसमें कहा गया था कि इसे वैध राजनीतिक असहमति के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए….. नेहा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में इन एफआईआर को रद्द करने की मांग की है……. और यह दावा किया है कि उनके खिलाफ शिकायतें अस्पष्ट…… और राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हैं…… बता दें 7 मई 2025 को अयोध्या की एक निचली अदालत ने उनके खिलाफ एक शिकायत को खारिज कर दिया था……. जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ मानहानि की शिकायत केवल सार्वजनिक अभियोजक द्वारा….. और सरकार की पूर्व अनुमति के साथ दर्ज की जा सकती है…….

नेहा सिंह राठौर का मामला भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता…… सरकार की जवाबदेही….. और सामाजिक-राजनीतिक टकराव का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है…… एक तरफ जहां नेहा की बेबाकी और उनके गीत लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं……. जो मानते हैं कि वह आम जनता की आवाज उठा रही हैं……. वहीं दूसरी ओर उनके बयानों को लेकर उठने वाले विवाद…… और कानूनी कार्रवाइयां यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या भारत में आलोचना की गुंजाइश कम हो रही है…….. बीजेपी और केंद्र सरकार को यह समझना होगा कि सवाल पूछना लोकतंत्र का अभिन्न अंग है…… और इसे दबाने की कोशिश न केवल अलोकतांत्रिक है……. बल्कि इससे सरकार की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं……

 

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