निकाय चुनाव में हो सकता है सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग : मायावती
- बोलीं- क्षेत्र के लोगों की आवाज उठाने वाले को मिलेगा टिकट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा प्रमुख व पूर्व यूपी सीएम मायावती ने कहा कि आगामी निकाय चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो सकता है ऐसें में इस कुचक्र को तोडऩा होगा। बसपा सुप्रीमो सभी कोआर्डिनेटरों, जिलाध्यक्षों के साथ मायावती ने शहरी निकाय चुनाव को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में उम्मीदवारों का चयन सोच-समझकर किया जाए। उन्हीं लोगों को प्राथमिकता दें जो अपने क्षेत्र के लोगों के बीच रहते हों। उनकी आवाज उठाते हों।
बनहजी ने कहा कि चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा विरोधियों के हथकंडों से खुद को बचाना है। कुचक्रों को तोडऩा है। लोग इस समय महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल कानून व्यवस्था से त्रस्त हैं। भाजपा इन सब मुद्दों पर फेल हो गई है। स्मार्ट सिटी अभियान केवल कागजों में हैं । शहरों की तो छोड़ो, गांवों तक की हालत खराब है। इस सरकार ने सब कुछ ठेके पर कर दिया है। इस ठेका प्रथा के चलते स्थाई नौकरी लोगों के लिए दूर का सपना हो गई है । सरकार शह खर्चीला विकास कर ढिंढोरा पीट रही है। विकास तो केवल मुट्ठी भर सत्ताधारी लोगों का हुआ है।
सपा के गलत रवैये से टूटा गठबंधन
सपा की दलित, अति पिछड़ा व मुस्लिम समाज के प्रति खराब सोच व गलत रवैये के कारण ही पहले भी सपा बसपा का गठबंधन टूटा था। आज भी सपा भाजपा से लडऩे की बजाय बसपा को कमजोर करने का काम करने से बाज नहीं आ रही है। इसका लाभ भाजपा उठा रही है। जनता को सब याद है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यदि आज सपा कांशीराम के नाम को भुनाने की पैंतरे बाजी कर रही है जबकि उनका कांशीराम के प्रति अहसान फरामोशी का इतिहास लोगों के सामने है। इसके कारण ही वर्ष 1995 में गेस्ट हाउस कांड हुआ और सपा बसपा का गठबंधन टूटा। सपा अगर कांशीराम की मिशनरी सोच के साथ गठबंधन सरकार चलाती रहती तो यह गठबंधन आज देश पर राज कर रहा होता। इसी का लाभ आज भाजपा उठा रही है। वह निकाय चुनाव के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर पदाधिकारियों की बैठक ले रहीं थीं।