‘दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर मोदी सत्ता का घर संभाल रहे’, खरगे का PM मोदी पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट बनकर तैयार हो गई है। कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो चुका है।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट बनकर तैयार हो गई है। कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो चुका है। इसके बाद सभी मंत्रियों ने अपना पदभार भी संभाल लिया है। वहीं इस बीच विपक्षी पार्टी के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर बोला है। गठबंधन की मदद से सरकार पर बनाने पर तंज कसते हुए खरगे ने कहा कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का “घर” संभालना पड़ रहा है। खरगे ने आगे कहा कि अब 3 करोड़ आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो। देश असलियत जानता है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्स पोस्ट पर लिखा कि लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का घर संभालना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को मोदी की गारंटी दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। यह गारंटी तो खोखली निकली।

खरगे ने मोदी सरकार पर कसा तंज

आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस बार इन 3 करोड़ घरों के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी ने पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस-UPA के मुकाबले पूरे 1.2 करोड़ घर कम बनवाए। कांग्रेस ने 4.5 करोड़ घर का निर्माण करवाया। वहीं बीजेपी (2014-24) 3.3 करोड़ घर बनवा पाई। कांग्रेस की ओर से  2004 से 2013 के बीच लगभग 4.5 करोड़ घर बनाए गए। वहीं भाजपा 2014 से अभी तक केवल 3.3 करोड़ घर ही बना पाई।

इसके अलावा खरगे ने दावा किया कि पीएम मोदी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास  यानी 60% घरों का अधिकांश पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा है। उन्होंने कहा कि एक सरकारी बेसिक शहरी घर औसतन 6.5 लाख का बनता है। इसमें केंद्र सरकार केवल 1.5 लाख देती है। इसमें 40% योगदान राज्यों और नगरपालिका का भी होता है। ऐसे में बचा हुआ बोझ का ठीकरा जनता के सिर पर दे दिया जाता है। ऐसा संसदीय कमेटी ने कहा है।

मोदी जी की “Ease of Living” का मतलब “Ease of Leaving” क्योंकि लाखों घर “Unoccupied” हैं। उदाहरण के तौर पर Affordable Housing in Partnership (AHP) के तहत 5 लाख से अधिक घर ‘खाली’ हैं। यह है “मोदी की गारंटी” की असली सच्चाई।

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