एएसआई के शपथ पत्र पर आपत्ति
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- छोटे इमामबाड़े के जिर्णोद्धार का अदालत ने दिया था आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उच्च न्यायलय के आदेश से भारतीय पुरातत्व सर्वे ने छोटे इमामबाड़े के जिर्णोद्धार के लिए साढ़े छह करोड़ रुपये खर्च करने का शपथ दे दिया है। लेकिन उस मामले को उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठ वकील मोहम्मद हैदर रिजवी ने इसपर आपत्ति जताई है।
ज्ञात हो कि लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत के रखरखाव, जीर्णोद्धार एवं अतिक्रमण मुक्ति के सम्बन्ध में दाखिल रिट याचिका (सय्यद मोहम्मद हैदर रिजवी बनाम केंद्र सरकार) न्यायालय के आदेश 7 जनवरी 2025 के क्रम में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध थी , जिसमें माननीय न्यायलय के द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वे से छोटे इमामबाड़े के दोनों गेटों का सर्वे कर उक्त गेटों के रखरखाव एवं मरम्मत में आने वाली लागत का एस्टीमेट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था एवंजिला प्रशासन को दोनों गेटों से अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने हेतु निर्देश जारी किये थे।
प्रपत्र में नहीं दी गई स्पष्ट जानकारी : मोहम्मद हैदर रिजवी
भारतीय पुरातत्व सर्वे ने अपने शपथ पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि गेटों की मरम्मत का कार्य लखनऊ स्मार्ट सिटी के तत्वावधान में इंटेक कंजर्वेशन इंस्टीट्यूट, लखनऊ (न कि इंटैक जो कि इस सम्बन्ध में एक विशेषीकृत संस्था है ) को दिया गया है , जिसकी लागत लगभग 6.54 करोड़ रुपये है। उक्त शपथ पत्र पर कड़ी आपत्ति करते हुए याचिकाकर्ता सय्यद मोहम्मद हैदर रिजवी ने बताया कि उक्त कार्य दिए जाने के प्रपत्र में न तो उक्त संस्था के द्वारा पूर्व में किये गए संरक्षण सम्बंधित कार्यों का विवरण दिया गया है और न ही यह अवगत कराया गया है कि वे कौन सी बाध्यताओं के साथ कार्य निष्पादित करेंगे (उदाहरण के रूप में सीमेंट का प्रयोग न करना, प्रशिक्षित टीम के माध्यम से कार्य कराना, पारम्परिक सामग्री का प्रयोग करना इत्यादि )। उक्त कार्यों की गुणवत्ता एवं उक्त दोनों गेटों की सही एवं नियमानुसार मरम्मत सुनिश्चित कराने हेतु भारतीय पुरातत्व सर्वे के माध्यम से एवं उनकी देखरेख एवं अनुरक्षण में प्राचीन स्मारकों, पुरातात्विक स्थलों और अवशेषों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति 2014 के प्राविधानों के अनुसार पारम्परिक सामग्री यथा चूना, सुर्खी, दाल, गुड़, बेल इत्यादि के माध्यम से करवाए जाने का अनुरोध करते हुए उक्त शपथ पत्र पर आपत्तियां दाखिल करेंगे एवं न्यायलय के संज्ञान में ये तथ्य लाएंगे ।