भारत में अल्पसंख्यकों की हालत बंधकों जैसी: ओवैसी

  • किरन रिजिजू ने किया पलटवार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू के बीच अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार वार-पलटवार हुआ है। ओवैसी ने भाजपा नेता रीजीजू की उनके उस बयान के लिए आलोचना की है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है। इसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि अल्पसंख्यक के अधिकार मौलिक अधिकार हैं, कोई खैरात नहीं। ओवैसी ने कहा, ‘‘आप भारतीय गणराज्य के मंत्री हैं, राजा नहीं। किरेन रिजिजू आप संवैधानिक पद पर हैं, सिंहासन पर नहीं।
ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा, भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं हैं। हम बंधक हैं। ओवैसी ने वक्फ अधिनियम को लेकर रीजीजू से पूछा कि क्या मुसलमान हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं? फिर खुद ही कहा, नहीं। लेकिन आपका वक्फ संशोधन अधिनियम गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में जबरन शामिल करता है और उन्हें बहुमत बनाने की अनुमति देता है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल फ़ेलोशिप को ‘बंद’ कर दिया, 10वीं पूर्व की छात्रवृत्ति का वित्तपोषण ‘बंद’ कर दिया और 10वीं बाद की छात्रवृत्ति तथा प्रतिभा सह आर्थिक आधार से जुड़ी छात्रवृत्ति को सीमित कर दिया। इस पर रीजीजू ने कहा, ‘‘ठीक है हमारे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं और हमारे अल्पसंख्यक पलायन क्यों नहीं करते हैं? मोदी जी की कल्याणकारी योजनाएं सभी के लिए हैं।

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