अदालतों पर अब भी लोगों को भरोसा : आजम खां
लखनऊ। 90 मुकदमों में फंसे समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय महासचिव आजम खां ने कहा कि जब तक देश और दुनिया में न्याय है तब तक देश को कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता। अगर देश और दुनिया को कोई बचा सकता है तो न्याय प्रणाली ही बचा सकती है। सपा नेता का यह वीडियो खूब वायरल हुआ, जिसमें कहा है कि इंसाफ का रास्ता ही दुनिया को बचा सकता है। चाहे वह इंसान हो या इंसानियत, तहजीब हो, मजहबी रिश्ते हों। क्योंकि राजनीतिज्ञों के पास अपने-अपने एजेंडे हैं। उनके पास अपने नफे और नुकसान के मंसूबे हैं। उनका अपना हित है। हो सकता है बुरा भी न हो, क्योंकि सत्ता में आने के लिए कुछ तो करना ही होता है, लेकिन अगर कहीं अन्याय हो रहा है अनर्थ हो रहा है, जिससे देश का नुकसान हो मानवता का नुकसान हो। जहां इंसानियत दम तोड़ दे और छोटे फायदे के लिए बड़ा नुकसान हो जाए। आखिर उन हालात को कौन संभालेगा, कौन रोकेगा उस आराजकता को। कौन रोकेगा ताकतवर का हाथ, जब कमजोर पर उठेगा। आजम खां ने कहा जब सारे रास्ते बंद हो जाते तब सिर्फ एक ओर ही नजर जाती है और वह जाती है देश की न्यायिक व्यवस्था पर। जिला स्तर से लेकर प्रदेश और राष्टï्र स्तर तक जब आदमी इंसाफ नहीं पाता तब अंजाने में कहता है, अच्छा चल मैं तुझे अदालत में देखूंगा। यानी आज भी सैकड़ों साल पुराना भरोसा अदालत पर कायम है।
आधी रात निरीक्षण करने कुदरैल पहुंचे अवनीश अवस्थी
लखनऊ। यूपी के अपर मुख्य सचिव एवं यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश अवस्थी आधी रात करीब ढाई बजे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने कुदरैल के पास पहुंच गए। इटावा के पास स्थित कुदरैल में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर हाल में काम एक सप्ताह के अंदर समय पूरा कर लिया जाए। उन्होंने किलोमीटर 291 पर बनने वाले निर्माणाधीन पुल पर काम धीमा होने को लेकर नाराजगी जतायी और दो दिन में इसका लैंटर डालने के निर्देश दिए। उन्हें प्रोजेक्ट हैड उत्तम कुमार ने बताया कि दो दिन में लैंटर डालकर सात दिन में खोल दिया जाएगा। उन्होंने कार्यदाई संस्था के कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की और हाईवे के निर्माण में मानक के अनुसार गुणवत्तापूर्ण कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उनका स्वागत जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय व एसएसपी जय प्रकाश सिंह ने किया। निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की प्रगति को लेकर अवनीश अवस्थी का यह तीसरा दौरा है।
यूपी में सड़कों की 23 बड़ी परियोजनाओं पर ‘जंगलÓ का ब्रेक
लखनऊ। यूपी में सड़कों की 23 बड़ी परियोजनाओं पर ‘जंगलÓ का ब्रेक लग गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एनओसी न मिल पाने से इन पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इनमें अप्रैल-2021 से पेंडिंग मामले भी है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि हर बार फाइल पर कोई नया सवाल लगा दिया जाता है, जिससे परियोजनाओं में विलंब हो रहा है। पहली बार में ही सभी सवाल एक साथ पूछ लिए जाएं तो फाइल की रफ्तार काफी बढ़ सकती है। बागपत में एनएच-709 ए के मेरठ-शामली-हरियाणा बॉर्डर तक फोर लेन परियोजना के लिए 10 अप्रैल 2021 को फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन अभी तक मामला अटका हुआ ही है। बागपत परियोजना इकाई के तहत एनएच-44 और मुजफ्फरनगर बाईपास के काम में भी फिलहाल यही स्थिति बनी हुई है। आगरा में एनएच-530 बी को मथुरा से बरेली के बीच सुधारने के लिए फॉरेस्ट की एनओसी के लिए 5 अगस्त 2021 आवेदन किया गया था। इस पर पहले नवंबर 2021 में क्वेरी लगाई गई। इसी तरह से यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण आगरा बाईपास प्रोजेक्ट समेत तीन अन्य प्रोजेक्ट भी फंसे हुए हैं। प्रदेश व केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल वाया हरदोई, पलिया-शाहजहांपुर-हरदोई परियोजना के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी 24 अगस्त 2021 से फंसी हुई है।