एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के मातहत होंगे पुलिस कमिश्नर

पहले सीधे डीजीपी को होती थी रिपोर्टिंग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नवगठित पुलिस कमिश्नरेट समेत अब सभी पुलिस कमिश्नरेट अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को रिपोर्ट करेंगे। किसी भी घटना, दुर्घटना या कानून व्यवस्था की स्थिति में कमिश्नरेट के अफसरों को तत्काल एडीजी कानून व्यवस्था को बताना होगा।
अभी तक पुलिस कमिश्नरेट में तैनात पुलिस आयुक्त सीधे डीजीपी को रिपोर्ट करते थे। अब नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर और वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होते ही यहां के पुलिस आयुक्त सीधे डीजीपी को रिपोर्ट करते थे। क्योंकि यहां पुलिस आयुक्त एडीजी रैंक के अफसर तैनात किए गए थे और कानून व्यवस्था का पद भी एडीजी रैंक का ही है, इसलिए एक रैंक ऊपर के अधिकारियों को रिपोर्टिंग की व्यवस्था की गई थी। लेकिन नवगठित पुलिस कमिश्नरेट में आईजी रैंक के अफसरों की तैनाती की गई। साथ ही गौतमबुद्धनगर में भी जहां पहले एडीजी की तैनाती थी, वहां आईजी की तैनाती कर दी गई। नई व्यवस्था के बाद तय हुआ कि कमिश्नरेट के मुखिया अब डीजीपी के बजाए एडीजी कानून व्यवस्था को ही रिपोर्ट करेंगे। गौरतलब है कि हाल ही में गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है।

यूपी में यहां लागू है कमिश्नरेट सिस्टम

जनपद कमिश्नर
लखनऊ एसबी शिरोडकर
कानपुर बीपी जोगदंड
वाराणसी अशोक मुथा जैन
गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह
आगरा डॉ. प्रीतींदर सिंह
गाजियाबाद अजय मिश्रा
प्रयागराज रमेश शर्मा

आरक्षण के खिलाफ आईं चार दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नगरीय निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग की ओर से जारी अनंतिम आरक्षण के खिलाफ अब तक चार दर्जन (48) याचिकाएं इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ खंडपीठ में दायर हुई है। ऐसे में एक ओर जहां नगर विकास विभाग की मुश्किल बढ़ सकती है, वहीं निकाय चुनाव की अधिसूचना आगे टलने के आसार है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बिजनौर, हाथरस, हापुड़, इलाहाबाद, एटा, मेरठ, आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़ जिलों से कुल 12 याचिका दायर हुई हैं। जबकि लखनऊ खंडपीठ में विभिन्न जिलों से तीन दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर हुई है। लखनऊ खंडपीठ में दायर याचिकाओं पर न्यायालय ने सरकार को तीन दिन में जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

साइकिल की गद्दी बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, तीन की मौत

हादसे में घायल दोनों मजदूरों की हालत गंभीर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के थाना फजलगंज में स्थित एसके इंडस्ट्रीज फैक्टरी में आग लगने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। गड़रियनपुरवा चौकी क्षेत्र में स्थित इस फैक्ट्री में साइकिल की गद्दी और पैडल बनाने का काम होता है। आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी। रात में अचानक लगी इस भीषण आग की चपेट में आकर तीन मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो की हालत अभी भी गंभीर है।
घायलों को इलाज के लिए हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका। सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। घटना में 11 लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है। अग्नि कांड में फैक्टरी से पांच लोगों कोसकुशल निकाला और छह लोग घायल हुए हैं। फैक्ट्री में नाइट शिफ्ट के दौरान सुबह करीब 4 बजे आग लग गई। अचानक आग भडक़ी। इस कारण फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर इसमें घिर गए। घटना में जयप्रकाश सिंह (50), नरेंद्र (40) उर्फ दिन्नू सैनी और प्रदीप (28) उर्फ राजू की मौत हो गयी। वहीं, गौरव और मनोज घायल हैं।

इस बार एससी के शीतकालीन अवकाश में नहीं बैठेगी पीठ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इस बार सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश के दौरान कोई पीठ तात्कालिक मामलों की सुनवाई के लिए मौजूद नहीं रहेगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आज यह बड़ा एलान किया। शीर्ष अदालत में 17 दिसंबर से 1 जनवरी तक अवकाश रहेगा।
सीजेआई चंद्रचूड़ की यह घोषणा अहम मानी जा रही है, क्योंकि केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को ही राज्यसभा में कहा था कि लोगों का मानना है कि अदालतों की लंबी छुट्टियां न्याय चाहने वालों के हित में नहीं हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने आज सुनवाई शुरू होने के पूर्व अपने कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों को सूचित किया कि कल से 1 जनवरी तक कोई बेंच उपलब्ध नहीं होगी।

गड्ढामुक्त नहीं सडक़ें, रुपयों का हो रहा बंदरबांट: अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने कहा- निर्माण कार्य के नाम पर भ्रष्टïाचार में आए दिन नए रिकॉर्ड बना रहा उत्तर प्रदेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार हर दिन नए रिकार्ड बना रहा है। प्रदेश में सडक़ों के निर्माण और गड्ढामुक्त सडक़ों के नाम पर बजट का ऐसा बंदरबांट पहले कभी नहीं हुआ था। इस सरकार में सडक़ निर्माण की गुणवत्ता शून्य है।
अखिलेश ने कहा कि निर्माण और निर्माण अनुरक्षण के नाम पर बजट की लूट हो रही है। इसी तरह से पिछले छह वर्षों से सडक़ों के गड्ढामुक्त के नाम पर हजारों करोड़ रुपये का बंदरबांट हो चुका है। सडक़ें आज तक गड्ढामुक्त नहीं हो पाईं। सरकार गड्ढामुक्त अभियान की तारीखें बढ़ाती रही, लेकिन सडक़ों को गड्ढामुक्त नहीं कर पाई। प्रदेश की सडक़ों का हाल छोडि़ए राजधानी लखनऊ की सडक़ों की भी हालत खस्ता है। सरकार लखनऊ की सडक़ों को भी ठीक नहीं कर पा रही है।

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