शिवपाल नाराज नहीं है, गठबंधन में सब बेहतर : राजभर
लखनऊ। विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी गठबंधन में एक बार फिर झगड़े के आसार बढ़ गए हैं। सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज शिवपाल यादव अखिलेश के बुलावे पर नहीं पहुंचे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख के अगले कदम को लेकर चल रही अटकलों के बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) चीफ ने कहा कि वह शिवपाल से बात करेंगे। ओपी राजभर ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि शिवपाल नाराज हैं। लेकिन यह जरूर कहा कि परिवार में कुछ न कुछ होता रहता है। सुभासपा चीफ ने कहा कोई नाराजगी नहीं है। वह नाराजगी हम नहीं मानते। जहां 10 परिवार है, कुछ ना कुछ होता रहता है। कल हमारी उनकी मुलाकात होगी। सब ठीक हो जाएगा। हम मिलेंगे, जो मैसेज जा रहा है उसे हम ठीक कर देंगे। राजभर ने कहा कि बैठक सिर्फ उन दलों के नेताओं की बुलाई गई थी, जिनके विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। हम लोग सदन के अंदर सरकार को क्या याद दिलाए, हमारे जो मुद्दे हैं उनको कैसे लागू कराया जाए। जैसे विकास की बात होती है तो सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षा का है। शिक्षा इतनी महंगी है कि गरीब शिक्षित नहीं हो पा रहा है। एक समान शिक्षा हो, मुफ्त शिक्षा हो। गरीबों का इलाज फ्री में हो। किसानों को आवारा पशुओं से कैसे निजात मिले।
राबड़ी देवी ने यूपी से योगी को बिहार बुलाया
पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल है। अपराधियों पर कार्रवाई नहीं हो रही। सरेआम लोगों की हत्या हो रही है। उन्होंने शराबबंदी कानून पर भी तंज कसा। कहा कि छह सालों में क्या हुआ, देख रहे हैं। इस दौरान बिहार में योगी मॉडल लागू करने की बीजेपी विधायकों की मांग पर राबड़ी देवी ने कहा, ये (नीतीश कुमार) वहां (यूपी) चले जाएं और योगी जी (योगी आदित्यनाथ) को बिहार ले आएं। विधान परिषद की कार्यवाही में भाग लेने पहुंची पूर्व सीएम ने कहा कि बिहार की सरकार पंगु है, इसलिए कार्रवाई नहीं कर रही। बिहार में लूट, हत्या की घटनाएं दिनदहाड़े हो रही हैं। सरकार मजबूत रहती तो ऐसा होता ही नहीं। सरकार ने अफसरों के भरोसे सब कुछ छोड़ दिया है तो क्या बिहार चलेगा और कैसे विधि व्यवस्था ठीक होगी। डबल इंजन की सरकार है, लेकिन हर मोर्चे पर फेल है। बिहार का ऐसा कोई जिला नहीं, जहां अपराध की बड़ी घटनाएं नहीं हो रहीं। शराबबंदी कहां है? सब जगह शराब मिल ही रही है।
रद्ïद हो सकती है आशीष मिश्रा की जमानत
लखनऊ। यूपी के चर्चित लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस कांड की जांच की निगरानी के लिए गठित समिति ने ऐसी सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा की जमानत निरस्त करने की अर्जी पर आगे सुनवाई 4 अप्रैल को तय की है। इसके पूर्व कोर्ट ने समिति द्वारा जमानत निरस्त करने की सिफारिश की जानकारी दी। मिश्रा की जमानत को पीड़ितों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मिश्रा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र हैं। किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में पिछले साल अक्टूबर में चार किसानों को एसयूवी से रौंद दिया गया था। आशीष मिश्रा मामले के आरोपी हैं। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा था कि उसने मिश्रा की जमानत अर्जी का विरोध किया था। याचिकाकर्ता का यह आरोप पूरी तरह गलत है कि राज्य सरकार ने अर्जी का प्रभावी ढंग से विरोध नहीं किया। वहीं यूपी पुलिस ने शीर्ष कोर्ट से कहा था कि राज्य सरकार ने लखीमपुर खीरी केस के गवाहों व पीड़ितों के परिजनों की सुरक्षा के सारे इंतजाम किए हैं। सभी गवाहों से उनकी सुरक्षा को लेकर नियमित संपर्क भी किया जा रहा है।