चंद्रशेखर पर हुए हमले को लेकर भड़के शिवपाल!

एक तरफ जहां प्रदेश में बैठी योगी सरकार बड़े-बड़े दावे करती है पुलिस प्रशासन भी इसे लेकर चौकन्ने रहने की बातें करता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ मौजूदा सांसद के काफिले पर हमला होता है। जिसके बाद सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल नगीना संसद चंद्रशेखर आजाद पर हुए हमले को लेकर सियासी गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है। इसे लेकर न सिर्फ उनके समर्थक बल्कि विपक्षी दलों के अन्य नेता भी इसकी निंदा कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन के साथ साथ योगी सरकार पर भी जमकर बरस रहे हैं। इस पूरे मामले की अगर बात की जाए तो आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमलावरों ने पत्थर फेंके। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए, हालांकि चंद्रशेखर सुरक्षित बताए जा रहे हैं। यह घटना उस वक्त हुई जब चंद्रशेखर करनावल गांव से भगतिया नगला जा रहे थे। भगतनगर क्षेत्र में उनके काफिले पर अचानक पत्थरबाजी की गई।

बता दें कि नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद के काफिले पर मथुरा के सुरीर गांव से 500 मीटर पहले हमला हुआ. नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह की नगरिया में दलित समाज के लोगों पर हुई फायरिंग में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने भागकर भीम आर्मी चीफ की जान बचाई. आपको बता दें कि आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद मथुरा में दो सगी बहनों से मिलने पहुंचे थे, जिनकी शादी के दौरान उनके साथ हिंसा हुई थी। इस पर उन्होंने कहा कि दलित बेटियों के साथ अन्याय हुआ है, और स्थानीय नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे राजनीतिक रिश्तों के कारण चुप रहे। उन्होंने पीड़ित परिवार को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा और दोनों लड़कियों को 5 एकड़ जमीन देने की मांग की। सांसद चंद्रशेखर ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलित बेटियों के साथ नाइंसाफी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि शायद इन नेताओं ने इस मामले में चुप रहने का कारण यह समझा होगा कि आरोपी एक विशेष जाति से हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो रही है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चंद्रशेखर ने स्पष्ट रूप से कहा कि गलत को गलत बोलने की हिम्मत और न्याय की मांग करना नेताओं की जिम्मेदारी होनी चाहिए, लेकिन चुनावी रिश्तों के चलते वे खामोश रहे हैं।

वहीं सांसद चन्द्रशेखर पर हुए हमले को लेकर विपक्ष भी लगातार योगी सरकार पर हमलावर है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में एक निजी अस्पताल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जनप्रतिनिधियों पर हमले बढ़ गए हैं और पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं। सांसद चंद्रशेखर पर हमले का जिक्र करते हुए कहा उन्होंने कहा कि जब जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों की सुरक्षा नहीं हो रही है, तो महिलाओं का संरक्षण कैसे हो सकता है। यह सरकार केवल बातें करती है, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करती। प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग में पिछड़े और दलितों के लिए कोई आरक्षण लागू नहीं किया गया है।

न केवल राजनेता बल्कि इस हमले को लेकर चन्द्रशेखर के समर्थक भी प्रदर्शन कर रहे हैं। और सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष नेत्रपाल सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया घटना 28 फरवरी की है। चंद्रशेखर आजाद मथुरा जिले में एक दलित परिवार से मिलने के बाद थाना सुरीर क्षेत्र में हुए गोलीकांड के घायलों का हाल जानने जा रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने उनके काफिले पर पथराव कर हमला किया। भीम आर्मी ने इस हमले को सुनियोजित बताया है। उनका कहना है कि यह हमला केवल चंद्रशेखर आजाद पर नहीं, बल्कि भारतीय संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों पर हमला है। ज्ञापन में कई मांगें रखी गईं। इनमें चंद्रशेखर आजाद को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करना, हमले की न्यायिक जांच कराना और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है। साथ ही उत्तर प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई।

वहीं आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब चन्द्रशेखर पर हमला हुआ हो बल्कि इससे पहले भी उनपर हमला हो चुका है। इससे पहले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर 28 जून 2023 को सहारनपुर के देवबंद में जानलेवा हमला हुआ था. इस दौरान अज्ञात बदमाशों ने उनकी कार पर फायरिंग की थी, जिसमें वह घायल हो गए थे. इस मामले में पुलिस ने हमलावरों के गाड़ी बरामद कर चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था. ऐसे में अब उनके काफिले पर हुए हमले को लेकर सियासी गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है साथ ही उनकी सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की जा रही है। अब इस मामले में क्या होता है ये तो खैर आने वाला समय ही तय करेगा।

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