सिद्धारमैया संभालेंगे कर्नाटक की कमान!

  • खरगे ने लगाई नाम पर मुहर
  • कांग्रेस के अगले सीएम कल ले सकते हैं शपथ
  • कांग्रेस अध्यक्ष को दिया था विधायकों ने अधिकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कर्नाटक। चार दिनों के माथापच्ची के बाद कांग्रेस ने बुधवार को कर्नाटक के सीएम का नाम फाइनल कर दिया। पार्टी ने एक बार फिर सिद्धारमैया के ऊपर भरोसा जताया है। सूत्रों के मुताबिक उनके नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुहर लगा दी है। कर्नाटक सीएम की रेस में सिद्धारमैया अपने प्रतिद्वंद्वी डीके शिवकुमार पर भारी पड़े। वह कल शपथ ले सकते हैं. वहीं, डीके शिवकुमार के सरकार में शामिल होने पर सस्पेंस बना हुआ है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद रविवार (14 मई) को बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें एक प्रस्ताव पारित कर सीएम चुनने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष को दिया गया। इस दौरान कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने विधायकों की राय जानी। इसके लिए गुप्त मतदान भी कराया गया. कहा जाता है कि सिद्धारमैया खुद भी गुप्त मतदान चाहते थे।

डीके शिवकुमार के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई टाल दी है। डीके शिवकुमार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी के आग्रह पर सुनवाई टाली गई है। उनकी ओर से ये टिप्पणी की गई कि फिलहाल दो- तीन दिन पब्लिसिटी से बचना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है, अगर सीबीआई चाहे तो वेकेशन बेंच में आ सकती है, दरअसल, डीके शिवकुमार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कर्नाटक हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश था। हाईकोर्ट में 23 मई को सुनवाई होनी है।

कई दौर की बैठक

कर्नाटक का सीएम चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर कई दौर की बैठकें चलीं। मंगवाल को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खरगे के आवास पर पहुंचे थे, जहां दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक नाम को लेकर मंथन हुआ। वहीं, आज बुधवार को सिद्धारमैया ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके कुछ देर बाद ही उनका नाम फाइनल होने की खबर सामने आई।

कांग्रेस अधिक संगठित थी इसलिए जीती : बोम्मई

विधानसभा चुनाव में हार के बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, ने कहा कि कांग्रेस ने अपना प्रचार अभियान जल्दी शुरू कर दिया और राज्य में भाजपा का संदेश गड़बड़ा गया। यह पूछे जाने पर कि नतीजों से क्या सीख मिली, बोम्मई ने कांग्रेस की जीत के तीन कारण बताए। उन्होंने कहा, लोग मुफ्त उपहारों के बहकावे में आ गए। फिर, व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि कांग्रेस अधिक संगठित थी। कांग्रेस ने अपनी तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी थी, जैसा आमतौर पर भाजपा करती थी,हमने अपने फैसले थोड़ी देर से लिए, देर से काम किया, उन्होंने कहा, अंत में, हालांकि भाजपा सरकार ने बहुत सारे कार्यक्रम आयोजित किए, लेकिन सही संदेश लोगों तक नहीं गया… (सरकार के) बड़े फैसले लोगों तक नहीं पहुंचे। बोम्मई ने कहा कि भाजपा खेमे में स्थिति में सुधार होने में कुछ महीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि बहुमत मिलने के बावजूद कांग्रेस ने अभी तक अपना सीएम उम्मीदवार तय नहीं किया है। इससे पार्टी के अंदरुनी हालात का पता चलता है। लोगों की आकांक्षाएं राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

मुख्तार अंसारी को अदालत ने दी राहत

  • हत्या के प्रयास की साजिश में पूर्व विधायक दोषमुक्त
  • एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गाजीपुर। अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या प्रयास की साजिश में आरोपित मुख्तार अंसारी दोषमुक्त कर दिया है। वर्ष 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना में मुख्तार अंसारी को साजिशकर्ता मानते हुए उनपर धारा 120बी का केस दर्ज किया था। तब अंसारी जेल में बंद था। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपित सोनू यादव कोर्ट से बरी हो गया था, जबकि मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में बीते छह मई को मुख्तार की ओर से मौखिक बहस की गई। जिसके बाद अदालत ने फैसला के लिए 17 मई की तिथि मुकर्रर की थी। बुधवार को फैसला सुनाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश ने मुख्तार अंसारी को हत्या के प्रयास की साजिश के मामले में दोषमुक्त करार दिया है। एमपी एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने इससे पहले गैंगस्टर के दो मामले में मुख्तार अंसारी को दस-दस साल की सजा सुना चुकी है। गैंगस्टर में पहली सजा बनारस के अवधेशराय हत्या कांड और दूसरी सजा बनारस के ही कोयला व्यवसायी व हिंदूवादी नेता नंदकिशोर रुंगटा अपहरण व हत्या कांड के गैंगस्टर में दस साल की सजा सुनाई गई थी।

सत्यपाल मलिक के करीबी के घर पहुंची सीबीआई

  • बीमा घोटाले से जुड़े एक मामले में हुई रेड

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सीबीआई ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक करीबी के घर छापेमारी की। बताया गया है कि एजेंसी ने यह रेड कथित बीमा घोटाले से जुड़े एक मामले में की है। मामले में मलिक के राज्यपाल रहते हुए उनके तत्कालीन सहयोगी के परिसरों में और दिल्ली और जम्मू कश्मीर में आठ अन्य ठिकानों पर बुधवार को तलाशी ली गई। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई के दलों ने पूर्व राज्यपाल के तत्कालीन सहयोगी के अवास पर तथा अन्य ठिकानों पर आज सुबह तलाशी अभियान शुरू किया। इससे पहले एजेंसी ने 28 अप्रैल को मलिक से पूछताछ की थी और आज यह कार्रवाई हो रही है। एजेंसी ने अक्तूबर 2022 में मलिक के बयान भी दर्ज किए थे। गौरतलब है कि मलिक ने कथित तौर पर एक ग्रुप मेडिकल इंश्योंरंस स्कीम तथा लोक निर्माण कार्यों के लिए ठेकों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। सीबीआई ने इस संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।

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