मणीपुर की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम दरबार पहुंची

सरकार ने सुप्रीमकोर्ट से कहा-हालात में सुधार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा के बाद अब हालात में सुधार हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी गई है। साथ ही यह भी बताया कि राज्य के हालात तेजी से सुधर रहे हैं। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार ने यह भी कहा कि राज्य की सीमा और शांति बनाए रखने को लेकर कुछ मुद्दे हैं, लेकिन शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमारा इरादा राज्य में शांति बहाल करना है। उन्होंने बताया कि जिला पुलिस और सीएपीएफ ने 315 राहत शिविर बनाए हैं। वहीं, राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए 3 करोड़ रुपये का आपात रिलीफ फंड भी जारी किया है। उन्होंने बताया कि करीब 46 हजार लोगों को अब तक मदद पहुंचाई जा चुकी है।

जुलाई में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में मेइती और कह्यह्यह्युकी समुदायों के बीच हिंसा पर एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में होगी।

आदेश पर रोक लगानी पड़ेगी : सीजेआई

वहीं, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत को मणिपुर उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगानी पड़ेगी, जहां उसने मणिपुर सरकार से केंद्र को अनुसूचित जनजाति सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने की सिफारिश करने पर विचार करने के लिए कहा था। बता दें, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जमीनी स्थिति को देखते हुए सरकार ने रोक लगाने की मांग नहीं की और केवल विस्तार की मांग की, क्योंकि इससे जमीनी स्थिति पर असर पड़ेगा।

फिर टली जातीय जनगणना की सुनवाई

दो जजों की बेंच में एक ने खुद को किया अलग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। जातीय जन-गणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। सुनवाई होने से पहले ही दो जजों की बेंच में एक जस्टिस संजय करोल ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। कहा गया कि जातीय जन-गणना केस में सुनवाई में जस्टिस करोल शामिल नहीं होंगे। संजय करोल सुप्रीम कोर्ट के जज बनने से पहले पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। खुद को सुनवाई से अलग करके के पीछे उन्होंने कोई वजह नहीं बताई।
बता दें कि वर्ष 1983 में वकालत शुरू करने वाले संजय करोल हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस, त्रिपुरा के चीफ जस्टिस और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पास तीसरी बार यह केस पहुंच रहा है। पहले, दो बार बिहार में जातीय जनगणना को असंवैधानिक करार देने के लिए याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी। दोनों ही बार सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट का मसला करार दिया। दोनों बार बिहार सरकार को राहत मिली, लेकिन जब पटना हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार के निर्णय के खिलाफ अंतरिम फैसला सुनाते हुए जुलाई की तारीख दे दी तो अब तीसरी बार यह केस सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। बुधवार को छह नंबर कोर्ट में 47वें नंबर पर इसकी सुनवाई होने वाली थी।

 

एनआईए का छह राज्यों में छापा

आतंकवाद, तस्करी और गैंगस्टरों के गठजोड़ पर कार्रवाई

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार (17 मई) को आतंकवाद, नशे के तस्करों और गैंगस्टरों के गठजोड़ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने छह राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में 100 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की. प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के सहयोगियों के परिसरों पर भी तलाशी ली।
जसविंदर सिंह मुल्तानी पिछले साल चंडीगढ़ में मॉडल बुड़ैल जेल के पास बम लगाने में शामिल था। उसे 2021 में लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के मास्टरमाइंड के आरोप में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए की टीमों ने आतंक-नशीले पदार्थों-तस्करों-गैंगस्टरों की सांठगांठ के खिलाफ दर्ज पांच मामलों के जवाब ये छापेमारी अभियान चला रखा है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक विदेशों में बैठे गैंगस्टर कथित तौर पर खालिस्तानी अलगाववादियों को फंडिंग कर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि एनआईए के 200 से अधिक रेड टीम के सदस्य 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी में मौजूद थे। जसविंदर सिंह मुल्तानी को एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी सहयोगी माना जाता है और कथित तौर पर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैै।

मशहूर वकील जफरयाब जिलानी का निधन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अयोध्या बाबरी विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील रहे जफरयाब जिलानी का बुधवार को लखनऊ में निधन हो गया।
जफरयाब जिलानी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अध्यक्ष और यूपी के अपर महाधिवक्ता के पद पर भी रह चुके हैं। जफरयाब जिलानी लंबे समय के बीमार चल रहे थे।
मई 2021 में सिर में गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें उसी दिन रात आठ बजे मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति गंभीर होने के चलते उन्हें तत्काल आइसीयू में रखकर उपचार शुरू किया गया था।

अनदेखी

जिस हैदर कैनाल नाले को शहर भर का गंदा पानी निकालने की जिम्मेदारी है वह नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी के चलते इन दिनों कूड़ों से पूरी तरह पटा पड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दिया 3 महीने का समय

अडानी समूह के खिलाफ जांच पर पूछा-अब तक क्या हुआ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को तीन महीने का समय और दे दिया है। 14 अगस्त तक सेबी के जांच पूरी कर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि हमें बताए आपने अब तक क्या किया है। हमने आपको दो महीने का समय पहले ही दिया था और अब उसे अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है जो पांच महीने हो जाता है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बताया कि कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमिटी ने टाइमलाइन को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपनी रिपोर्ट दो महीने में सौंप दी। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई 2023 को होगी। चीफ जस्टिस ने कोर्ट की मदद करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी को बने रहने के लिए कहा है। तब तक उन्होंने कमिटी से आपसी चर्चा करने करने का अनुरोध किया है जिससे अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट की आगे मदद की जा सके ।

मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू

नकल न हो किए गए कड़े प्रबंध

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के तहत होने वाली मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल, वलि की परीक्षाओं का बुधवार से आगाज हो गया है। प्रदेश में दो पालियों में यह परीक्षाएं सम्पन्न कराई जा रही हैं।
योगी सरकार ने नकलविहीन परीक्षाएं कराने के लिए कड़े प्रबंध किए हैं, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षाएं कराई जा रही हैं, जिसकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जा रही ह, व्यवस्थाओं का जायजा लेने और नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराने के लिए मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद खुद मदरसों का औचक निरीक्षण किया। इस बार लगभग 1 लाख 70 हजार बच्चे मदरसों के इम्तिहान में बैठें हैं।
पूरे प्रदेश में 539 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं कराई जा रही हैं, वहीं राजधानी लखनऊ में 7 केंद्रों पर यह परीक्षाएं हो रही हैं, जिसमें लगभग 4 हजार परीक्षार्थी इम्तिहान में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि कंट्रोल रूम बनाकर हमारी टीमें सिर्फ सेंटर नहीं बल्कि हर कक्षा पर नजर रखे हैं और पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो रहा है. मदरसा बोर्ड के तहत होने वाली यह परीक्षाएं छह दिन चलेंगी और 24 मई को आखिरी परीक्षा होगी।

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