तो नाराज पिछड़े नेता डुबा देंगे भाजपा की लुटिया!
पिछड़ों पर हो रहे अत्याचार से नाराज होकर छोड़ रहे भाजपा
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्धों ने उठाए कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 4पीएम ने सबसे पहले कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्या भाजपा को छोड़ेंगे लेकिन तब भाजपा ने इसका खंडन किया था लेकिन अब स्वामी प्रसाद मौर्या समेत कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। मौर्य समाज अगर नाराज हो गया तो भाजपा को सौ सीटें भी नहीं मिलेगी। सवाल यह है कि पिछड़े समाज के नेता भाजपा को लगातार क्यों छोड़ रहे हैं? ऐसे ही सवाल उठे लेखक रविकांत, सीपी राय, वरिष्ठï पत्रकार रूद्र प्रताप दुबे, श्वेता आर रश्मि, पूनम मेहता द्विवेदी, ममता त्रिपाठी और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
रुद्र प्रताप दुबे ने कहा, स्वामी प्रसाद मौर्या को हवा की समझ है। ये उनके इतिहास को देखकर समझा जा सकता है। अब राजनीति में विश्वसनीयता की कमी होती जा रही है। मौर्या बड़े कद के नेता है। पिछली बार वे जब बसपा से भाजपा में आए थे तब पार्टी को फायदा मिला था। पूनम मेहता द्विवेदी ने कहा, स्वामी प्रसाद मौर्या के जाने से भाजपा को झटका लगा है। गैर यादव को लामबंद कर पिछली बार भाजपा ने सफलता प्राप्त की थी। मौर्या के जाने से भाजपा का यह समीकरण दरकता दिख रहा है। ममता त्रिपाठी ने कहा, भाजपा ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रही है। हालांकि भाजपा का बहुत बड़ा विकेट गिरा है। विधायकों में असंतोष था। एक ब्राह्मïण नेता से भी बातचीत चल रही है। वे भी जा सकते हैं। भाजपा के समीकरण में अखिलेश ने बड़ी सेंध लगा दी है। श्वेता आर रश्मि ने कहा, भाजपा में संवाद की कमी थी। यह उसी का परिणाम है। विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दे चुके हैं। जनता बदलाव का मन बना चुकी है। रविकांत ने कहा, केशव प्रसाद को भी बहुत उपेक्षित किया गया। वे ब्रांड बनकर उभरे थे। जब उनकी कोई हैसियत नहीं थी तो बसपा से आए स्वामी प्रसाद मौर्या को कितना सम्मान मिलता। पिछड़ों पर अत्याचार किए गए इसलिए पिछड़े नेता परेशान थे। डॉ. सीपी राय ने कहा, भाजपा सरकार में कोई खुश नहीं है। पूरा प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रष्टïाचार में लिप्त है। जो भी नेता अफसरों के ऊपर निर्भर हो जाएगा वह बर्बाद हो जाएगा।