तो सपा के पाले में आएंगे किसान!
अखिलेश ने शहीद किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देने का किया ऐलान
कानून वापसी का नहीं पड़ेगा असर, कई और समस्याएं हैं किसानों की
4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव में सियासत चरम पर है। आरएलडी का सपा से गठबंधन तय है। आप सांसद संजय सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की है। माना जा रहा है दोनों पार्टियों में जल्द गठबंधन हो सकता है। इसके अलावा कृष्णा पटेल ने भी सपा प्रमुख से मुलाकात की। वहीं अखिलेश ने ऐलान किया है कि सपा सरकार बनने पर शहीद किसानों के परिजनों को 25-25 लाख दिया जाएगा। क्या इन सियासी दांव-पेंच का चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, विनोद अग्निहोत्री, हरजिंदर, अरुणा, लेखक रविकांत, भारतीय किसान यूनियन के चौधरी हरपाल सिंह और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
रविकांत ने कहा, सपा मूलत: किसानों की पार्टी है। आज भारतीय राजनीति के केंद्र में किसान है। कानून वापसी के बावजूद किसानों की कई समस्याएं हैं। उनकी आमदनी बढऩे की बजाय घटी है। हरपाल सिंह ने कहा, अखिलेश के फैसले का स्वागत है लेकिन मेरी मांग है कि सपा प्रमुख यह घोषणा करें कि यदि उनकी सरकार में भी कोई किसान शहीद होता है तो उसके परिजनों को भी 25 लाख का मुआवजा मिलेगा। अरुणा सिंह ने कहा, अखिलेश का फैसला स्वागत योग्य है। भाजपा सरकार ने लखीमपुर में किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया है। सहयोगी दल आरएलडी का भी दबाव हो सकता है। हरजिंदर ने कहा, अखिलेश जीत के बहुत करीब हैं। किसानों के लिए इस प्रकार की घोषणा करना बहुत अहम है। किसान बड़ा वोट बैंक बन गया है।
विनोद अग्निहोत्री ने कहा, पश्चिमी यूपी के लोगों का समर्थन सपा को रहा है। अखिलेश की यह घोषणा सपा के लिए काफी फायदेमंद रहेगी। अशोक वानखेड़े ने कहा, अखिलेश की इस घोषणा की काट भाजपा के पास नहीं है। वह लगातार दलदल में फंस रही है। सपा किसानों की पार्टी है। भाजपा किसानों को शहीद तक नहीं मानती है।