महिला सशक्तिकरण पर फोकस, अब पुलिस जीप की स्टेयरिंग संभालेंगी महिला होमगार्ड

  • नारी सशक्तिकरण योजना के तहत मिलेगा लाभ
  • जल्द शुरू होगी ट्रेनिंग, भत्ता भी मिलेगा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। महिलाएं किसी से कमजोर या पीछे नहीं। इसी सूत्र वाक्य को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस नई पहल करने जा रही है। नारी सशक्तिकरण के तहत अब महिला होमगार्ड भी बड़ा कदम बढ़ाने वाली हैं और जल्द वह आपको पुलिस वाहन की चालक सीट पर स्टेयरिंग संभालते भी नजर आएंगी। होमगार्ड विभाग ने इसकी ठोस योजना बनाई है। इसके तहत पहले चरण में लगभग 130 महिला होमगार्ड का एक दिसंबर से चौपहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण आरंभ होगा। एक माह के विशेष प्रशिक्षण के दौरान उनका लर्निंग लाइसेंस भी बनवाया जाएगा।

महिला होमगार्ड को प्रशिक्षण के दौरान हर दिन का ड्यूटी भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग ने शासन की नारी सशक्तिकरण योजना के तहत अहम निर्णय किया है। महिला होमगार्ड को सशक्त बनाने के लिए उन्हें चौपहिया वाहन चलाने का एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। होमगार्ड मुख्यालय में राज्यमंत्री पलटूराम व अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार की मौजूदगी में समीक्षा बैठक में इसे लेकर कई अहम निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने कहा कि वाहन चलाने में निपुण होने से महिला होमगार्ड का न सिर्फ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

तीन हजार होमगार्ड प्रति वर्ष हो रहे रिटायर

यूपी होमगार्ड विभाग में मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों ने जवानों की भर्ती का खाका तैयार करना शुरू कर दिया गया है। इसके पूर्व जो भर्तियां हुई थीं, वे मृतक आश्रितों के लिए थीं। प्रत्येक वर्ष लगातार करीब तीन हजार होमगार्ड सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लंबे समय से विभाग में जवानों की भर्ती न होने के कारण खाली पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में होमगार्ड के जवान थाने, यूपी 112, इंडस्ट्री, जिला प्रशासन समेत अन्य संस्थानों में ड्यूटी कर रहे हैं।

1500 रुपये प्रतिदिन मिलती है सैलरी

उत्तर प्रदेश में होमगार्ड जवान को 500 रुपए प्रतिदिन सैलरी मिलती है। होमगार्ड जवानों को पहले 375 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सैलरी मिलती थी, लेकिन इसे 125 रुपए बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है। होमगार्ड जवानों को उतने ही दिन की सैलरी मिलती है, जितने दिन वो काम करते हैं। यदि होमगार्ड के जवान पूरे महीने ड्यूटी करते हैं तो उन्हें सैलरी के रूप में 15 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं।

पहले चरण में 130 महिला होमगार्डों को मिलेगा प्रशिक्षण

डिप्टी कमांडेंट जनरल, प्रशिक्षण विवेक कुमार सिंह ने बताया कि विभाग में लगभग चार हजार महिला होमगार्ड हैं। इनमें इच्छुक महिला होमगार्ड को चौपहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिलाए जाने की योजना है। अब तक करीब 150 महिला होमगार्ड प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आगे आ चुकी हैं। पहले चरण में 12 मंडलीय प्रशिक्षण केंद्रों पर लगभग 130 महिला होमगार्ड का प्रशिक्षण होगा। इसके लिए निजी वाहन प्रशिक्षण केंद्रों की भी मदद ली जा रही है। यूपी 112 का भी सहयोग लिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद निपुण महिला होमगार्ड चालक को यूपी 112 की पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हेकिल) में ड्यूटी भी दिलाई जाएगी।

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