सपा डूबता हुआ जहाज : बृजेश पाठक
- धीरे-धीरे सभी सहयोगी दल इससे हो जाएंगे बाहर
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एक दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुचे। यहां उन्होंने केंद्र सरकार के आठ वर्ष पूरे होने और विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों की जनसभा को संबोधित किया। साथ ही जिले में बने बीजेपी कार्यालय के नए भवन का उद्ïघाटन अवसर पर मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने भाजपा की उपलब्धियों का गुणगान किया और कहा की यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से संभव हुआ। जनसभा के बाद समाजवादी पार्टी के महान दल से अलग होने के सवाल पर कहा कि सपा एक डूबता हुआ जहाज है। धीरे-धीरे सभी दल सपा से बाहर हो जाएंगे। रायबरेली क्लब में आयोजित लाभार्थियों की सभा में गरीब कल्याण योजनाओं का जिक्र किया और कहां की, हर गरीब को उनका हक मिल रहा है। सभा के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक त्रिपुला चौराहे के पास महाराजगंज रोड पर बने नए बीजेपी कार्यालय पर पहुंचे। इसका उद्ïघाटन भाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा वर्चुअली किया गया। वहीं ब्रजेश पाठक ने नवनिर्मित बीजेपी कार्यालय के भवन का फीता काटकर उद्ïघाटन किया। डिप्टी सीएम ने जनसभा में आए लोगों का आभार जताया।
प्रयागराज में डिप्टी सीएम की क्लॉस में फेल हो गए अफसर
प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक प्रयागराज में नायक फिल्म के हीरो अनिल कपूर की भूमिका में नजर आए। सर्किट हाउस में जिले के आला अफसरों के साथ विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। डिप्टी सीएम की क्लास में कई अफसर फेल हो गए। बृजेश पाठक ने जब अफसरों से सवाल करना शुरू किया तो अफसर इधर उधर देखने लगे। जल निगम के अधिशासी अभियंता कुलदीप प्रजापति से डिप्टी सीएम ने पूछा कि गांव की जनता को शुद्ध पानी मिल रहा है कि नहीं? तो अधिशासी अभियंता ने तपाक से जवाब दिया, जी सर। डिप्टी सीएम ने कहा, किसी गांव के प्रधान या ग्रामीण से बात कराके इसकी पुष्टि कराएं? तो वह चुप हो गए। उन्होंने यह सवाल डीपीआरओ आलोक सिन्हा से पूछा तो वह एक भी प्रधान या जनता से बात नहीं करा सकें। अधिकारियों की लापरवाही व तैयारी से समीक्षा बैठक में न आने पर फटकार लगाई। बोले, ऐसे नहीं चलेगा, काम करना होगा।
आजम खां की फिर बढ़ीं मुश्किलें, अब ईडी ने दर्ज किया नया केस
लखनऊ। जल निगम भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सपा नेता आजम खां के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया है। ईडी ने जल निगम भर्ती घोटाले की जांच शुरू करने के साथ ही निगम प्रशासन से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। हाल ही में जेल से रिहा हुए आजम के खिलाफ ईडी के लखनऊ जोन ने एसआईटी की चार्जशीट के आधार पर यह नया मुकदमा दर्ज किया है। ईडी द्वारा नया केस दर्ज करने से आजम की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज करने के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस क्रम में ईडी ने जल निगम प्रबंधन से भर्ती प्रक्रिया के दौरान जल निगम में प्रमुख पदों पर तैनात रहे अफसरों की जानकारी मांगी है। दरअसल, नगर विकास मंत्री होने के साथ आजम जल निगम के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने अध्यक्ष होने के नाते ही जल निगम में भर्ती को मंजूरी दी थी, लेकिन एसआईटी की जांच टीम ने जब पूछताछ की थी तो उन्होंने भर्ती घोटाले के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
हालांकि एसआईटी ने जांच में आजम और जल निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके आसुदानी को दोषी ठहराते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। ईडी पहले से ही आजम के खिलाफ जौहर विश्वविद्यालय, शत्रु संपत्तियों और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामलों की जांच कर रही है। इन मामलों में आजम के खिलाफ 2019 में ही मुकदमा दर्ज हुआ था। अब जल निगम में भर्ती घोटाले का एक और नया मामला जुड़ गया है। गौरतलब है कि सपा शासन में जल निगम में सहायक अभियंता, अवर अभियंता और लिपिकों के करीब 1342 पदों पर भर्ती हुई थी। लेकिन अधिक नंबर पाने के बाद भी कम नबंर वाले अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इस पर ज्यादा नंबर पाने के बावजूद चयन से वंचित अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया था। वर्ष 2016 में यह मामला सामने आया तो हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने अभ्यर्थियों की शिकायत की जांच एसआईटी को सौंप दी थी। एसआईटी की जांच में दोषी पाए जाने के बाद शासन ने आजम एवं अन्य अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए थे।