जनिए महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और जांच का सही समय
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और जांच की जरूरत है। यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर में फैलता है और शुरूआती दौर में संकेत अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: अगर आपकी उम्र 30 साल से ज्यादा है, तो आपको एक बेहद जरूरी स्वास्थ्य जानकारी से वाकिफ होना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और जांच की जरूरत है। यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर में फैलता है और शुरूआती दौर में संकेत अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते है।
भारत में कई महिलाएं 30 की उम्र के बाद इस कैंसर का शिकार होती हैं लेकिन क्या आप जानती हैं कि इस बीमारी के पीछे कई कारण होते हैं जिन्हें आप इग्नोर कर देती हैं. कुछ महिलाएं सोचती हैं कि बढ़ती उम्र के कारण या कमजोरी के कारण ऐसा हो रहा है लेकिन थकावट, पीठ में दर्द रहना, अनियमित पीरियड्स जैसे संकेत सिर्फ बढ़ती उम्र के नहीं बल्कि सर्वाइकिल कैंसर के शुरुआती संकेत होते हैं.
अब जानते हैं वो 3 मेजर कारण जिनकी वजह से सर्वाइकल कैंसर होता है.
HPV Virus- सबसे पहला कारण है एचपीवी वायरस, ये वायरस एक यौन संचारित वायरस है, जो संक्रमित पार्टनर के संपर्क में आने से फैलता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि हर एचपीवी वायरस कैंसर में नहीं बदलता, लेकिन लंबे समय तक ये वायरस शरीर में बना रहे और आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो, यही वायरस सर्वाइकल सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है.
Smoking- जी हां, धूम्रपान करना या आप धूम्रपान न भी कर रही हैं और लगातार धुएं के संपर्क में रह रही हैं तो तो ये आपके रोग प्रतिरोध की क्षमता को कमजोर कर देता है. जिसके कारण शरीर संक्रमण से लड़ नहीं पाता और वायरस आपको जकड़ लेता है. कई रिसर्च में ये भी पाया गया है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
Vaginal Discharge– गुप्तांगों से डिसचार्ज नॉर्मल होता है लेकिन ये बार-बार हो रहा है तो सावधान हो जाना चाहिए. कुछ महिलाएं इसे डर या शर्म के कारण नजरअंदाज कर देती है. लेकिन अगर किसी को लंबे समय से वजाइना से गंध आने के साथ डिसचार्ज हो रहा है या पीरियड्स अनियमित हो रहे हैं तो सावधान होने की जरूरत है. समय रहते जांच करानी चाहिए.
सर्विकल कैंसर के बचाव के तरीके
HPV वैक्सीन लगवाएं ये वैक्सीन 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों को लगवाना चाहिए. ये वैक्सीन शरीर को वायरस से लड़ने के लिए तैयार करती है. इसके अलावा, हर महिला को 30 की उम्र के बाद नियमित रूप से पैप स्मीयर टैस्ट कराना चाहिए, जिससे शुरुआती स्टेज में ही किसी खतरे का पता चल जाता है.
आपको बता दें,कि अगर इसके बाद भी शरीर किसी तरह का कोई संकेत दे जैसे- लगातार थकावट, पीठ या पेल्विक में दर्द, सेक्स के बाद ब्लीडिंग या बदबूदार डिस्चार्ज हो तो तुरंत जांच कराए. समय पर की गई जांच कैंसर जैसी बीमारी से आपको बचा सकती है.


