श्रीलंका का प्राचीन शेर किला, 1100 फीट ऊंची चट्टान पर था बना

खंडहरों को देख हैरान रह जाते हैं लोग!

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
सिगिरिया श्रीलंका में 5वीं शताब्दी ईस्वी का एक चट्टानी किला है। जिसे ‘शेर किला’ और चट्टान को ‘लॉयन रॉक’ के नाम से भी जाना जाता है। सिगिरिया एक खड़ी चट्टान है, जो समुद्र तल से 1144 फीट और आसपास के मैदान से 600 फीट ऊंची है। ये किला इसी चट्टान के ऊपर बना हुआ है, जिस तक पहुंचने के लिए लोगों को 1258 सीढिय़ां चढऩी पड़ती हैं। कभी ये किला भव्य हुआ करता था, लेकिन अब उसके खंडहर ही शेष बचे हैं, जिन्हें देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर इस किले का वीडियो एक यूजर ने पोस्ट किया है, जिसमें आप इस चट्टानी किले के खंडहरों को देख सकते हैं। चट्टान के शिखर और किले के खंडहरों तक पहुंचने के लिए लोग सीढिय़ों से चढ़ते हुए दिखते हैं। किले तक पहुंचने की सीढिय़ां के द्वार पर शेर के दो पंजें चट्टान को काटकर बनाए गए हैं, जिसे ‘लॉयन गेट’ के नाम से जाना जाता है। साथ ही चट्टान के चारों ओर का हरे-भरे पेड़ों से घिरा इलाका दिखता है। यह वीडियो एक मिनट 28 सेकंड का है। रिपोर्ट के अनुसार, सिगिरिया किले को राजा कश्यप प्रथम ने बनवाया था। कश्यप के पराजित होने तक यह भव्य किला सिंहली साम्राज्य की राजधानी था। इस किले में आज भी लोग किले के खंडहरों, बगीचों, खंदकों, दर्पण की दीवार और भित्तिचित्रों को देख सकते हैं। ये भित्तिचित्र अप्सराओं, दिव्य गायकों और नर्तकियों के हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजा कश्यप का जीवन और शासन विवादों से भरा था। दरअसल, राजा का जन्म उनके पिता की गैर-शाही मालकिन से हुआ था। अत: कश्यप को राजगद्दी पर कोई अधिकार नहीं था। नतीजतन, उसने अपने पिता राजा धातुसेना के खिलाफ विद्रोह किया, उन्हें कैद कर लिया गया और मार दिया गया। फिर शव को एक दीवार के भीतर दफना दिया गया और अपने भाई के असली उत्तराधिकारी होने के बावजूद, कश्यप ने सिंहासन ले लिया। सिगिरिया श्रीलंका के सबसे अहम ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है और संभवत: देश में सबसे अधिक देखा जाने वाला पर्यटन स्थल भी है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। कुछ लोग कहते हैं कि यह श्रीलंका के पर्यटक स्थलों में सबसे अधिक प्रसिद्ध चट्टान है। बड़ी संख्या में पर्यटक इस चट्टानी किले को देखने के लिए आते हैं, इसलिए भीड़ से बचने के लिए आपको सुबह जल्दी ही किले तक पहुंचना चाहिए। चट्टान की चोटी तक लगभग 1,258 सीढिय़ां हैं, जहां से आपको मनोरम दृश्यों का आनंद मिलेगा।

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