राजस्थान सरकार की खराब हुई व्यवस्था, बदलेगा चुनावी समीकरण!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: राजस्थान में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब लोगों को चुनावी नतीजों का इंतजार है ऐसे में अब लोगों की निगाहें राज्य सरकार के कामों पर हैं। ऐसे में बता दें कि उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने दो गांवों को स्मार्ट बना दिया है. बड़गांव पंचायत समिति के मदार और ब्राह्मणों की हुन्दर गांव को दूसरी बार ‘स्मार्ट विलेज’ का खिताब मिला है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने गांव गोद लेकर स्मार्ट विलेज में रूपांतरित करने की पहल शुरू की थी. दरअसल राज्यपाल ने प्रदेश के सभी 27 राजकीय वित्तपोषित विश्वविद्यालयों को यूएसआर के तहत गांव गोद लेकर स्मार्ट विलेज में रूपांतरित करने की पहल शुरू की थी.

बता दें कि दोनों स्मार्ट विलेज को माह जनवरी से मार्च 2024 की त्रैमासिक अवधि में किए गए नवाचार और अन्य गतिविधियों की समीक्षा के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने एमपीयूएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक को प्रसंशा पत्र भेजा है. साथ ही अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी इसे अनुकरणीय पहल के रूप में रेखांकित किया है. इससे पहले भी गांव मदार और ब्राह्मणों की हुन्दर गांव को खिताब मिल चुका है। लेकिन भले ही स्मार्ट गांव बनाये गए हों लेकिन वहीं उसी राजस्थान में इन दिनों चोरी की समस्या भी बढ़ती जा रही है जिसे लेकर प्रदेश सरकार बात करने से भी कतरा रही है। आपको बता दें कि उदयपुर शहर के समीप नाई थाना पर देर रात बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ ने प्रदर्शन किया. इस दौरान नाराज महिला प्रदर्शनकारियों ने थाने में ताला लगा दिया. इससे थाने में तैनाता पुलिस जाब्ता अंदर ही रह गया. इसकी सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उनकी मांगे सुनी.

इसी गांव की महिलाएं रात को एकत्र होकर थाने पहुंचीं. थाने के सामने एक साथ बड़ी संख्या में भीड़ को देख पुलिसकर्मी बाहर आए. महिलाओं ने थाने को घेर लिया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से बातचीत की, इस दौरान महिलाओं की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई. इससे महिलाएं नाराज हो गईं और थाने पर चढ़कर ताला लगा दिया. इससी सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया. आनन फानन में मौके पर डीएसपी स्तर के अधिकारी पहुंचे और फिर महिलाओं से बात की. डीएसपी ने महिलाओं की समस्याओं को पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. इसके बाद महिलाएं शांत हो गई और प्रदर्शन समाप्त कर वापस लौट गईं. दरअसल, नाई गांव में पिछले कई महीनों से चोरी की वारदातें हो रही हैं. ग्रामीणों का कहना है कि करीब 2 माह में पहले गांव में एक चोरी हुई थी. इस चोरी के आरोपी पुलिस की लापरवाही के चलते अब तक नहीं पकड़े गए हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस घटना से पहले और बाद में भी चोरी की वारदात हो चुकी है, जिसमें पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. ग्रामीणों के मुताबिक, पुलिस की रवैये से नाराज होकर थाने के गेट पर ताला लगाने की कोशिश की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि चोरी जैसी वारदातों के बावजूद पुलिस गश्त नहीं करती है, जिससे क्षेत्र में चोरी करने वाले गिरोहों का आतंक बढ़ गया है। ऐसे में सवाल यह बनता है कि एक तरफ जहां भाजपा बड़े-बड़े दावे करती है वहीं ऐसी घटनाएं भी हो रही हैं जिनपर बात करने से सरकार कतरा रहीं है।

वहीं अगर हम इस बार के लोकसभा चुनाव की बात करें तो चुनाव के बाद भी लगातार बयानबाजी जारी है ऐसे में मोदी के मंगलसूत्र को लेकर भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है तो इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पीएम मोदी पर जमकर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में अभी हाल ही में उन्होंने पीएम मोदी द्वारा कांग्रेस और आरक्षण को लेकर दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”पीएम मोदी के इन दिनों अजीबो गरीब बयान सामने आ रहे हैं. पता नहीं दो भैंस होगी तो एक कांग्रेस ले गई. राजस्थान में हमारी कांग्रेस की सरकार ने दो गाय और दो भैंसों का बीमा किया था. हम तो ये सोच सकते हैं. अशोक गहलोत ने कहा, ”पता नहीं कहां से ‘मंगलसूत्र’ लेकर आ गए. ये कहां से भैंसे लेकर आ गए. क्या क्या बयान दे रहे हैं.” उन्होंने कहा, देश के लोगों में आक्रोश है लोगों को हंसी भी आ रही है कि प्रधानमंत्री को हो क्या गया है. प्रधानमंत्री से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि इस तरह के बयान देशवासियों को सुनाएंगे. कोई तर्क ही नहीं, कांग्रेस मेनिफेस्टो का मुस्लिम लीग से क्या संबंध है.” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा ”राज्यसभा और लोकसभा में बिना बहस किए कानून पास कर दिए, जो रवैया है काम करने का पार्लियामेंट के अंदर इनका जो अप्रोच है, जो प्रोसेस है इसे देखते हुए लोग डरने लगे हैं.”

साथ ही अशोक गहलोत ने निशाना साधते हुए कहा, ”लोगों को लगता है कि ये 400 पार की मांग क्यों कर रहे हैं कि क्योंकि इन्हें संविधान बदलना है. डेमोक्रेसी को इन्होंने कमजोर कर दिया है. ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई, इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए. मुख्यमंत्री जेल में हैं.” इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि, ”जनता कब क्या फैसला करगी ये कोई नहीं बता सकता है. हमें तो अनुभव है, जिन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिये. खालिस्तान बनने दिया, वो इंदिरा गांधी चुनाव हार गई.” बड़ा दावा करते हुए उन्होंने कहा, ”अभी एनडीए सरकार की हालत खराब है, यदि एनडीए की सरकार चली जाए तो आश्चर्य मत करना. 400 पार की बात तो छोड़ो. सरकार जाएगी या नहीं जाएगी यह तो टाइम बताएगा. लेकिन यदि चली जाती है तो आश्चर्य मत करना.” खैरा अब 4 जून के बाद पता चल जाएगा की किसकी सरकार बनेगी उसके बाद ही कई चीजों में बदलाव भी देखने को मिलेगा। लेकिन इस बार के चुनावी परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। अब देखना ये होगा कि अबकी बार किसकी सरकार बनती है।

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